झांसी झांसी के वरिष्ठ समाजसेवी चिंतक विचारक लेखक नरोत्तम स्वामी की कलम से, भले ही ८ नबम्बर का नोट बंदी का निर्णय मोदीजी का देश की अर्थ व्यबस्था सुधार का रहा हो | किन्तु जमीनी स्तर पर इस निर्णय ने नोट बंदी के दिन से आज तक आमदमी ( माध्यम ,छोटे व्योपारी ,कारीगर ,मजदुर ,किसानों , गृहणियों आदि ) के लिए जानलेवा सिद्ध हुआ हे | मोदीजी ने कहा था की सिर्फ ५० दिनों का समय दीजिये ,यदि नोट बंदी से आहत लोगों को राहत न मिले तो मुझे किसी भी चौराहे पर जो सजा देना | उनकी व्याख्या के अनुसार शायद राहत मिलगई हो |किन्तु व्योहार में तो लोग आहत ही दिखाई देते हैं | नोट बंदी के पीछे जो कारण बताये जा रहे थे ,उनमें एक का भी समाधान नहीं हुआ |
(1) नकली मुद्रा का प्रचालन समाप्त होगा | जबकि नए नोट आने के तुरत बाद नकली मुद्रा छपने लगी |और आज भी भारी नकली नोट बाजारों में चल रहे हैं |
(२) भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा ——- भ्रष्टाचार पहले से अधिक जमीनी स्तर पर बढ़ गया हैं |
(३) काला धन समाप्त तो नहीं हुआ ,लेकिन लोगों का काला धन सफ़ेद होगया | जो आम गृहस्थ हैं ,उनकी सारी बचत समाप्त हो गयी |उनको अपने ही रुपयों के लिए बैंकों में कतारें लगानी पडीं ,पुलिस की लाठियां खानी पडीं |१०० लोगों से अधिक की मौत हो गयी |
(३) नोट बंदी के बाद लाखों करोड़ बैंकों का ऋण लेकर लोग भाग गए | सरकार कांग्रेस पर आरोप लगाती रही ,की उसके समय में इन लोगों को ऋण दिए गए थे (यह जाँच का विषय हे ) किन्तु ये सभी भागे मोदी जी की सरकार के काल में हैं |
(५) वर्तमान भाजपा सरकारों की ये विशेषता (विवशता हैं ,क्योंकि उन्हें सत्ता में रहना हैं ) की बे सभी गलतियों के लिए कांगेस को जिम्मेदार ठहराते हैं | किसी भी गलत काम की जिम्मेदारी नहीं लेते हैं | बे तो यहाँ तक कहते हैं ,की कांग्रेस सहित सभी पिछली केन्द्रीय सरकारों ने देश का विनाश किया हैं |विकाश की गंगा तो युग पुरुष मोदी जी ने शुरू की हैं |
नोट बंदी का फैसला गलत बीजेपी सरकार का गलत था झांसी वरिष्ठ पत्रकार चिंतक समाजसेवी नरोत्तम स्वामी
