रायपुर का सत्य साईं अस्पताल गरीबो के लिए वरदान हे l कैश काउंटर नहीं
यदि आपका घर का कोई सदस्य बीमार हो और पैसे की तंगी के कारण बहुत से लोग चाहकर भी बड़े निजी अस्पताल में उसका इलाज नहीं करा पाते । रायपुर का सत्य साईं अस्पताल गरीबो के लिए वरदान हे उनके लिए जो अपने नन्हे से बच्चे के दिल में छेद की बीमारी का इलाज पैसे की कमी के कारण नहीं करा पाते । रायपुर में एक ऐसा अस्पताल है, जहां सुविधाएं तो सब हैं लेकिन कैश काउंटर नहीं है ।
मुफ्त इलाज, रहना-खाना
श्री सत्य साई संजीवनी अस्पताल देश का एकमात्र ऐसा अस्पताल है जो बच्चों के हृदय रोगों के इलाज के लिए समर्पित है। पूरी तरह फ्री इस अस्पताल में दुनिया भर से आए बच्चों का इलाज किया जाता है। बताया गया है कि पहले यहां सभी उम्र के मरीजों के दिल का इलाज किया जाता था लेकिन फरवरी साल 2014 से इसे चाइल्ड हार्ट केयर सेंटर में बदल दिया गया।
अस्पताल के जनसंपर्क अधिकारी का कहना है कि यह ऐसा अस्पताल है जहां कैश काउंटर नहीं है। प्राथमिक जांच, ऑपरेशन, इलाज, रहना और खाना सभी मुफ्त है । इस अस्पताल में भर्ती होने वाले 12 साल तक के बच्चों के साथ दो व्यक्तियों को और 12 से 18 साल तक के हृदय रोग से पीड़ित बच्चों के साथ एक व्यक्ति के रहने और खाने की व्यवस्था की जाती है ।
देश-विदेश से आते हैं लोग l
अस्पताल के अधिकारी बताते हैं कि अस्पताल के शुरू होने के बाद से इस साल मार्च महीने तक यहां 4500 बच्चों के हृदय का ऑपरेशन हो चुका है । यहां के चिकित्सकों के दल ने फिजी जाकर 26 बच्चों के दिल का ऑपरेशन किया था । वह बताते हैं कि इसे अस्पताल नहीं बल्कि टेंपल आफ हीलिंग कहते हैं और इसे मंदिर की तरह ही पूजा जाता है । इस अस्पताल में बच्चों के हृदय रोग के 25 तरह के ऑपरेशन किए जाते हैं। निजी अस्पतालों में इसका खर्च तीन से 15 लाख रुपये आता है लेकिन यहां यह निःशुल्क है। यहां बेहतर चिकित्सकों की टीम है जो एक दिन में कम से कम पांच ऑपरेशन करती है जिसमें से तीन ऑपरेशन ओपन हार्ट सर्जरी का होता है।
हर दिन होती है प्रार्थना
डॉक्टरों का कहना है कि मंदिर की तरह ही लोगों की सेवा के लिए, न कि पैसे कमाने के लिए यहां इलाज किया जाता है । अस्पताल में हर दिन जिन बच्चों का ऑपरेशन होता है उनके लिए प्रार्थना की जाती है और उनकी लिस्ट देश विदेश में फैले लाखों अनुयायियों को भेजी जाती है जिससे वह भी प्रार्थना में शामिल हो सकें ।