चिल्लर पैसों को देखकर बैंक वाले व नगर के दुकानदार हाथ क्यों खींच लेते हैं, क्या यह भारतीय रुपए नहीं है
झाँसी l नगर में चिल्लर की समस्या नगर में इन दिनों चिल्लर पैसों की समस्या बढ़ती ही जा रही है ल दुकानदार एक व दो रूपये के सिक्के नहीं ले रहे जिसके कारण नागरिकों में भारी रोष व्याप्त है l वही दुकानदारों का कहना है कि हमारे यहां पर दस से बीस हजार के एक और दो रुपए के सिक्के भारी मात्रा में रखे हुए हैं l जिन्हें बैंक वाले भी नहीं लेते l जब हमने नगर के कुछ दुकानदारों से बात की तो उन्होंने बताया कि जब हम बैंक में पैसे जमा करने जाते हैं तो बैंक वाले भी चिल्लर पैसे जमा नहीं करते l आखिर हम इन पैसों का क्या करें l जब बैंक वाले ही नहीं लेते तो हम क्यों चलाएं,आखिर इस समस्या का समाधान कौन करेगा l क्योंकि एक दो रुपए में बहुत सी सामग्री हैं जो सिर्फ ₹1 य दो रुपए में आती हैं फिर भी दुकानदारों के द्वारा इन्हें नहीं लिया जा रहा है l एक दो रुपए के सिक्के भी भारतीय रुपए हैं फिर भी ना दुकानदार चला रहे हैं ना ही बैंक वाले ले रहे हैं l वही वित्त मंत्री और देश के तमाम अधिकारियों का कहना है कि एक दो रुपए के सिक्के सभी लोग चलाएंगे और हमेशा चलते रहेंगे फिर भी दुकानदार इन्हें लेने से इनकार कर रहे हैं l आखिर यह केसी समस्या बन गई है और हर जगह चिल्लर पैसों के लेनदेन पर कहीं ना कहीं समस्याएं बनकर सामने आ रही हैं l फिर भी ना बैंक वाले ना कोई अधिकारी इस ओर ध्यान ही नहीं देता आखिर इस समस्या का समाधान होगा कि नहीं l