राठ हमीरपुर गांव में पेयजल आपूर्ति के लिये पाइप लाइन बिछाने का काम किया जा रहा है। जिसमें जहां पर लाइन नहीं है वहां लोहे की पाइप लाइन डाली जा रही है। जबकि अन्य स्थानों पर पहले से पीबीसी लाइन पड़ी हुई है। किन्तु ग्रामीण पूरे गांव में लोहे की लाइन बिछाने की मांग पर अड़े हुए हैं। जबकि जल निगम बजट के हिसाब से काम कराने की बात कह रहा है।
राठ ब्लाक के लिधौरा गांव में 10 वर्ष पूर्व टंकी बन कर तैयार हो गई थी। किन्तु बीच में कुछ कारणों के चलते काम में रूकावट आई। वर्तमान समय में इस कार्य ने तेजी पकड़ ली जो इसी सप्ताह पूरा होने की सम्भावना है। जल निगम द्वारा पूरे गांव में आवश्यकता के अनुरूप पाइप लाइन बिछा दी गई है। किन्तु कुछ ग्रामीणों ने इस पर आपत्ति जताते हुए पूरे गांव में लोहे की लाइन बिछाने की मांग की। जल निगम के अधिकारियों का कहना है कि बजट के हिसाब से पाइप लाइन डाली गई है। गांव में पहले से प्लास्टिक की लाइन डाली गई थी। जहां पर लाइन नहीं है वहां स्टीमेट के हिसाब से लोहे की लाइन डाली गई है। किन्तु ग्रामीण पूरे गांव में लोहे की लाइन डालने की जिद पर अड़े हुए हैं। ग्रामीणों व जल निगम के बीच इस मामले को लेकर चल रही खेचतान से काम बाधित होने की सम्भावना बन रही है। टंकी को भरने के लिये नलकूप लगा हुआ है। किन्तु नलकूप को जाने वाली विद्युत लाइनें इतनी ढीलीं हैं कि जरा सी हवा चलने पर वह आपस में टकरा कर फाल्ट मार जातीं हैं। यदि विद्युत लाइनें सही न कराईं गईं तो पेयजल आपूर्ति में बाधा बनी रहेगी। वहीं जब इस सम्बन्ध में जल निगम के जेई संजीव कुमार से बात की गई तो उनका कहना था कि एक-दो दिन में टेस्टिंग कर ली जायेगी तथा इसी सप्ताह पानी की आपूर्ति प्रारम्भ्ज्ञ हो जायेगी। पाइपलाइन के विवाद पर बताया कि जहां पर आवश्यकता होगी वहां पर लाइन डाली जायेगी। पहले से बिछी हुई लाइन काफी अच्छी स्थिति में है।
ग्रामीण एडिटर ब्यूरो धीरेंद्र रायकवार