प्रदीप जैन आदित्य के महापौर बनते ही 2019 में दोबारा हो सकते हैं महापौर चुनाव,इस तरह से अन्य दलों के सहयोगी के सहयोग से होगा फायदा:संपादकीय नीरज साहू…..
प्रदीप जैन आदित्य के महापौर बनते ही 2019 में दोबारा हो सकते हैं महापौर चुनाव,इस तरह से अन्य दलों के सहयोगी के सहयोग से होगा फायदा:संपादकीय नीरज साहू
झाँसी l कहीं ना कहीं चारों ओर चुनावी चर्चा बड़ी व्यापक रूप में विस्तृत रूप में सभी जगह चल रही है सभी अपने-अपने दलों के प्रत्याशियों को जिताने के लिए सभी हर तरह के प्रयास कर रहे हैं l और इसी क्रम में झांसी के पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रदीप जैन आदित्य महापौर प्रत्याशी के लिए चुनाव लड़ रहे हैं और झांसी में प्रदीप जैन का इतिहास रहा है कि उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा l जबकि उनके द्वारा छोड़े गए पदों पर उन लोगों को मौका मिला है जिसके लिए बरसो बरस से हर पार्टी के कद्दावर नेता तरस रहे हैं l इसी क्रम में हम कह सकते हैं कि कहीं ना कहीं झांसी की राजनीति एक मिली जुली सोच है यहां पर आदमी का कोई अस्तित्व हो ना हो लेकिन किसी न किसी सहयोग से वह बड़े पद पर पहुंच जाता है l अब हर दल कहीं ना कहीं चाहता है कि यदि झांसी में सबसे कद्दावर नेता महापौर प्रत्याशी के रूप में प्रदीप जैन नजर आते हैं यदि यह चुनाव जीतते हैं तो कहीं ना कहीं भारत के प्रधानमंत्री मोदी की नीतियों से आम आदमी लगभग 60 परसेंट लोग परेशान तो हैं l लेकिन एक कहावत है कि हिंदुस्तान में रहना है तो राम राम कहना है तो कह रहे हैं l और बड़े बड़े नेता चाहते हैं महापौर बन्ना लेकिन उनकी पार्टियों ने उन्हें मौका नहीं दिया कहीं ना कहीं उनके मन में इस बात को लेकर मन में मलाल तो है बस केवल कह नहीं पा रहे हैं l वर्तमान समय में भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी को टिकट मिलना सभी के लिए आश्चर्य है l लेकिन कुछ ऐसे भी बीजेपी में व्यक्ति थे जो करोड़ों खर्च करते और 1 भी कमाने की नहीं सोचते लकिन महानगर अध्यक्ष के लिए पूर्व वर्तमान के लिए मौका जल्द ही मिल सकता है l कुछ व्यवसाई भी हाथ पांव मार सकते हैं l यही हाल कुछ ना कुछ समाजवादी पार्टी में भी है कद्दावर नेता चाहते हैं महापौर प्रत्याशी के रूप में उनके चहेते या पुत्र संबंधी कौ स्थान प्राप्त हो l और झांसी के सपा की खाद्य व्यापारी भी बड़ी उम्मीद लगाए बैठे थे बस मौका नहीं मिला लेकिन मौका मिल सकता है 2019 में lअब रही बात बसपा की तो कहीं ना कहीं पूर्व विधायक मजबूरी में पूर्व विधायक का समर्थन कर रहे हैं l वह भी दावा कर सकते है की लगभग 55000 की वोटिंग उनकी जेब में है और कुशवाहा समाज भी कम नहीं है लेकिन सबसे बड़ा लाभ कहीं ना कहीं कांग्रेसियों को भी इसका लाभ उम्मीदवारों को भी इसका मिल सकता है जो इंतजार की लाइन में बरसों से लगे हुए हैं l सभी को परेशान करने वाले आम आदमी के प्रत्याशी नरेंद्र झां ने यह साबित करके दिखाया है कि वह सभी के समीकरण मैं व्यापक रूप से फेरबदल कर सकते हैं और ऐसा सभी पार्टियों को आभास हो गया है की सभी पार्टियां एक तरफ, लेकिन नरेंद्र झा जिस तरह से चुनाव मैं आकर्षण का रूप लेकर मैदान में उतरे हैं तो वह बारात में ”दूल्हा” के रूप में नजर आए हैं l लेकिन कहा गया है कि सपने सच नहीं होते l लेकिन झांसी के नेता जानते हैं कि सपने कैसे सच किए जाते हैं और इस का विकल्प कहीं ना कहीं नेताओं के मन में प्रदीप जैन आदित्य के रूप में देखने को मिल रहा है l क्योंकि इनकी जीत के साथ ही लोगों को अपने अपने दलों के प्रत्याशियों से कहने का मौका मिल जाएगा कि तुम हार गये अब हमें मौका मिलना चाहिए l और पूर्व के चुनाव में गरौठा और बबीना की सीट पर बड़े ही दिग्गजों का जोर रहा है लेकिन नतीजा उल्टा रहा l शायद बड़ी जीत की ओर प्रदीप जैन आदित्य निकलरहे हैं जैसे कि विधानसभा और लोकसभा में उन्होंने चमत्कार किया है l उससे अन्य दलों को कहीं ना कहीं बड़े स्तर का लाभ आजीवन मिला है l और कहीं ना कहीं कांग्रेस पार्टी को अपने वजूद को तलाश करते हुए सबसे प्रबल दावेदार महापौर पद के लिए बुंदेलखंड में कांग्रेस में छाया हुआ निराशाजनक सूनापन भरने के लिए प्रदीप जैन आदित्य को महापौर पद के पद पर सुशोभित करना कांग्रेस को लाभ के लिए दर्शाती है l क्योंकि बुंदेलखंड में प्रदीप जैन आदित्य कांग्रेस में अपना वर्चस्व रखते हैं l और सबसे खास बात है की झांसी बुंदेलखंड का केंद्रीय स्थल रहा है l इसलिए महापौर की सीट जीतना तो एक धनुष पर बाण चलाने जैसा है लेकिन निशाना तो केंद्रीय नेतृत्व के आदेश के चलते हुए प्रदीप जैन आदित्य को लोकसभा झांसी संसदीय सीट को जिताने का प्रयास है l और चुनाव जीतते ही 2019 की लोकसभा चुनाव में कहीं ना कहीं वर्तमान लोकसभा प्रत्याशी लोकप्रिय सांसद केंद्रीय जल संसाधन मंत्री उमा भारती जी को टक्कर देने वाला पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रदीप जैन आदित्य हो सकता है l और यह सही भी है क्योंकि कहीं ना कहीं वर्तमान समय में झांसी ललितपुर मैं सांसद क्या होता है लोग इसे भूल गए हैं l और अब सभी की निगाहें इस चुनाव के बाद 2019 लोकसभा टिकट पर लगी हुई हैं l यह तो केवल और केवल धनुष पर अभी बाढ़ चलाया जा रहा है निशाना तो 2019 के रूप में प्रदीप जैन आदित्य को लोकसभा प्रत्याशी बनाते ही लगाया जाएगा l चर्चाओं के बाजार में प्रदीप जैन आदित्य को कमजोर समझना कमजोरी की पहचान है l यही वो शख्स है जो केंद्र में मंत्री रहा है l और सबसे आश्चर्य वाली बात है कि झांसी में जैन समाज की कोई संख्या नहीं है l इसे हम इस तरह से कह सकते हैं कि सही सोच व्यक्ति को हमेशा आगे ले जाती है l