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ग्राम लोहागढ के कन्या प्रार्थमिक विधालय से शिक्षक नदारद, खण्ड शिक्षा अधिकारी के लिए कुछ ऐसा बोले मास्टर साहब, आश्चर्य किंतु सत्य : धीरेन्द्र रायकवार

  1. मोंठ/झाँसी – जहाॅ उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा शिक्षा के नाम पर लाखों रूपये पानी की तरह बहाऐ जा रहें है। वही शिक्षको द्वारा बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा हैं। मोंठ ब्लाॅक के ग्राम लोहागढ के प्राथमिक कन्या विद्यालय के इस सरकारी स्कूल में तैनात एक शिक्षक और शिक्षिका किसी दबंग से कम नहीं है। ऐसी वैसी दबंगई नहीं, बल्कि ऐसी दबंगई कि यह सरकारी कागजों को भी अपने रफ रजिस्टर का कागज समझते है। खास बात यह है कि यह स्कूल भी न जाए तब भी इनकी हाजिरी रजिस्ट्रर में चढती है। आपको बता दें कि शिक्षा विभाग से सम्बन्धित खबरे चाहे वह मिड डे मील की हो या शिक्षा की झाँसी दर्शन हमेशा न्यूज आपको हमेशा आईना दिखाता आया है। हम बात कर रहे हैं मोंठ ब्लाॅक ग्राम लोहागढ के कन्या प्रार्थमिक विधालय की जिसमें बताया जाता है कि यह शिक्षक महीने में करीब 5 या दस दिन ही स्कूल पहुंचते है। बाकी 15 दिन इसकी दबंगई के बलबूते स्कूल में हाजिरी चढ़ती रहती है। जब इस सम्बन्ध में फोन से बात की तो शफीक खा सहायक का कहना है कि उपर के अधिकारी को हमारे बारे में सब पता है सब कुछ सुविधा शुल्क लेकर होता है। मैं भी चाह रहा हूँ की मुझे हटा दिया जाये। अब बात करते हैं प्राथमिक विद्यालय की तो वहाँ पर भी नौरेन जहरा नाम की एक सहायक है जो हमेशा गायब रहती हैं। यहाँ तक की इन मोहतर्मा का नाम तो बच्चे तक नहीं जानते। जब बच्चों से पूछा तो बच्चों द्वारा बताया गया है की मैडम महीने में दो या चार दिन ही आती है। सूत्रों से के अनुसार बताया गया है कि यह सब खण्ड शिक्षा अधिकारी मोंठ की मिली भगत से चल रहा है। देश का भविष्य कहें जाने वाले छात्रों की शिक्षा के साथ जब खुलेआम खिलबाड़ हो रहा है और बच्चो के भविष्य को अंधकार में धकेला जा रहा है। अब देखना होगा कि ऐसे शिक्षक व ऐसे खण्ड शिक्षा अधिकारी पर कब कार्यवाही होती हैं। या फिर बच्चों के भविष्य के साथ यू ही खिलवाड़ होता रहेगा। क्या जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के अधिनस्थ इन अधिकारीयो और ऐसे लापरवाह शिक्षको पर लगाम कसेगी या फिर इसी तरह बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ होता रहेगा। 

रिपोर्ट -धीरेन्द्र रायकवार मोंठ

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