! झांसी ! पैरामेडिकल की छात्राओं ने वार्डन पर लगाए गंभीर आरोप, जेलखाना, जलील करना, अवैध धन, जाति सूचक, सुने ज़ुबानी-neeraj sahu
झांसी | पैरामेडिकल की छात्राओं ने एक समूह बनाकर झांसी के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जे के शुक्ल को अपनी विभिन्न समस्याएं बताते हुए, झाँसी दर्शन को बताया की पैरामेडिकल की वार्डन सुश्री नेहा किडर एवं श्रीमती क्रांति देवी के द्वारा लगातार उत्पीड़न किया जा रहा है l और इनका साथ योगेश पांचाल एवं लवीन मसीहा के द्वारा उत्पीड़न के नए नए तरीके ईजाद किए जा रहे हैं l छात्राओं ने बताया कि हम छात्रावास में नहीं जेल खाने में रह रहे हैं यदि हम शाम को 5:00 बजे के बाद छात्रावास में आते हैं तो हमें बाहर घंटों खड़ा किया जाता था और अत्यधिक गिड़गिड़ाने पर हमें जलील किया जाता है l हम से अवैध धन की मांग अभद्र एवं जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल यह इनके लिए आम बात है l छुट्टी के लिए दो-तीन दिन तक एक साइन के लिए परेशान होना पड़ता है l एक बार छात्रा को छुट्टी ना मिलने पर उत्पीड़न अधिक होने पर वह बेहोश हो गई उसे अस्पताल ले जाना पड़ा जब हमारे भाई या पिता हम से मिलने आते हैं तब हम से तरह-तरह के सबूत मांगे जाते हैं l सबूत दिखाने के बाद कहा जाता है कि यह नकली है और हमारे घर वालों को घंटों उत्पीड़न किया जाता है l जब छात्राएं बीमार होती हैं हम इनको फोन लगाते हैं तो घंटों फोन नहीं उठाती अगर उठा लिया तो गाली गलोच करके फोन काट देती और हम इलाज के लिए घंटों परेशान रहते हैं l और जब छात्रावास के अन्य कर्मचारी हमारी मदद के लिए आगे आते तब यह उन्हें भी गाली गलौज किया जाता है l रात्रि में कार्य करने वाली आया को आए दिन जाती सूचक शब्दों से परेशान करती रहती थी l इन्हीं सब अन्य स्थितियों के साथ हम लोग यहां पर अपने आप को असहाय महसूस कर रहे हैं और ऐसा लग रहा है जैसे किसी जेल में बंद हैं और हमारे मानव अधिकार का हनन किया जा रहा है l छात्राओं ने बताया कि जब वहां के अन्य कर्मचारी हमारी मदद करते हैं तो उन कर्मचारियों पर दुष्प्रचार चरित्र हनन का लगातार प्रचार किया गया, लेकिन यह गलत है वह तो हमारे पिता समान है और उन्हीं की वजह से हमारी तकलीफ है थोड़ी बहुत दूर होती रहती हैं l छात्राओं ने अपनी मांग में कहा कि हमारा पक्ष रखने वाले कर्मचारियों का झूठा उत्पीड़न इनके द्वारा किया जा रहा है उसे तत्काल बंद होना चाहिए l उन्होंने बताया कि हमारी तकलीफों पर ध्यान देकर छात्रावास अधीक्षक से हमें मुक्ति दिलाई जाए | एवं आपके द्वारा उचित कर्यवाही की जाए lज्ञापन में दीपमाला, बबीता, पूजा देवी, सुमन, वर्षा, राखी, मोहिता, काजल, पूजा, आरती, शशि, मिथलेश, मीनाक्षी, अर्चिता, साक्षी, सुनीता, मुंद्रिका यादव, नेहा, उपासना, रश्मि, खुशबू, ममता, पूनम, कामिनी आदि छात्राएं लिपिक एवं छात्रावास सहायिका के साथ उपस्थित रही l
पैरामेडिकल में छात्राओं का उत्पीड़न अब उच्च अधिकारियों के पास आने लगा l कहीं ना कहीं छात्राओं की मूलभूत सुविधाओं पर रोक लगना उन्हें रास नहीं आ रहा है l लेकिन इस तरह की घटनाओं से छात्राओं में रोष दिखाई देता है l