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प्रधानाचार्य/ प्राचार्य (HOI) तथा छात्रवृत्ति नोडल अधिकारी (INO) का बायोमैट्रिक आथेन्टिकेशन करायें

ByNeeraj sahu

Oct 18, 2024

* समस्त शिक्षण संस्थाओं के प्रधानाचार्य/ प्राचार्य (HOI) तथा छात्रवृत्ति नोडल अधिकारी (INO) का बायोमैट्रिक आथेन्टिकेशन करायें

झांसी : जनपद की समस्त शिक्षण संस्थाओं (कक्षा 9-10, कक्षा 11-12 एवं दशमोत्तर) जोकि छात्रवृत्ति पोर्टल https://scholarship.up.gov.in पर पंजीकृत है। वर्ष 2024-25 से सभी शिक्षण संस्थानों में अध्ययनरत छात्र/छात्राओं तथा नोडल अधिकारी, शिक्षण संस्थानों के प्रमुख/प्राचार्य, का आधार बेस ई-के०वाई०सी० करायी जानी है।
जिला समाज कल्याण अधिकारी ललिता यादव ने अवगत कराया गया है कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में छात्रों की बायोमैट्रिक आथेन्टिकेशन के बिना छात्रों के आवेदन पत्र अग्रसारित नहीं हो पायेंगे। इसी क्रम में कार्यालय जिला समाज कल्याण अधिकारी झांसी में समस्त शिक्षण संस्थाओं के HOI/INO का बायोमैट्रिक आथेन्टिकेशन तत्पश्चात HOI/INO की उपस्थिति में छात्र/छात्राओं का बायोमैट्रिक आथेन्टिकेशन किया जाना है। बायोमैट्रिक आथेन्टिकेशन की कार्यवाही करने हेतु उन्हीं संस्थानों का नाम प्रदर्शित होगा जिन संस्थानों ने छात्रवृत्ति पोर्टल से ई-के० वाई०सी० की कार्यवाही पूर्ण की है। HOI/INO के बायोमेट्रिक आथेन्टिकेशन के उपरान्त ही छात्र/छात्राओं के बायोमैट्रिक आथेन्टिकेशन की कार्यवाही होगी। बायोमैट्रिक आथेन्टिकेशन की कार्यवाही करने हेतु उन्ही छात्र/छात्राओं के नाम प्रदर्शित होगा संस्थानों ने छात्रवृत्ति पोर्टल से जिस छात्र का आवेदन पत्र वेरीफाई किया होगा तथा बायोमैट्रिक आथेन्टिकेशन के उपरान्त ही छात्र का आवेदन पोर्टल से अग्रसारित हो सकेगा।
समस्त शिक्षण संस्थाओं (कक्षा 9-10, कक्षा 11-12 एवं दशमोत्तर) जोकि छात्रवृत्ति पोर्टल https://scholarship.up.gov.in पर पंजीकृत है के प्रधानाचार्य/ प्राचार्य (HOI) तथा छात्रवृत्ति नोडल अधिकारी (INO) जिनकी ई० के०वाई०सी० शिक्षण संस्थान द्वारा अपनी लॉगिन पर की गयी है, वह दिनांक 18 अक्टूबर 2024 तक कार्यालय जिला समाज कल्याण अधिकारी झांसी में उपस्थित होकर अपनी बायोमेट्रिक कराना सुनिश्चित करें। बायोमेट्रिक न कराने/उपस्थित न होने की दशा में सम्बन्धित संस्था की अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति एवं सामान्य वर्ग के आवेदन पत्र अग्रसारित नहीं हो सकेंगे, जिससे सम्बन्धित छात्र/छात्रायें छात्रवृत्ति से वंचित रहेंगे, जिसका सम्पूर्ण उत्तरदायित्व सम्बन्धित शिक्षण संस्थान का होगा।