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*दो साल पहले हुआ था कलेजे के टुकड़े का अपहरण, अभी तक नही हुई बरामदगी,रिपोर्ट-रविकांत द्विवेदी*

*दो साल पहले हुआ था कलेजे के टुकड़े का अपहरण, अभी तक नही हुई बरामदगी,रिपोर्ट-रविकांत द्विवेदी*

जनपद जालौन की कालपी कोतवाली के अंतर्गत ग्राम सोहरापुर से दो साल पहले अपह्रत किए गए चौदह वर्षीय बालक के मिलने की आस लगाए बैठे परिजन आज भी उसकी राह देख रहे हैं। जबकि पुलिस शुरुआत से ही जांच में विवेचना करने का आश्वासन दे रही है। अपह्रत युवक के पारिवारिकजन दो साल में पुलिस प्रशासन के पास दर्जनों निवेदन व शिकायती पत्र प्रस्तुत कर चुके हैं परंतु गायब हुए युवक की आज तक बरामदगी नहीं हो सकी।

V/o : मामला कालपी कोतवाली क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम सोहरापुर का है। जहाँ आर्थिक संकट से जूझते हुए रामखिलावन खेती बाड़ी करके अपने दो बेटों का भरण पोषण करते थे। किन्तु आरोप के मुताबिक लगभग दो वर्ष पूर्व वे अपने बड़े पुत्र अजय के साथ खेतों पर गए हुए थे उसी दरमियान गांव के ही निवासी जब्बार पुत्र गनी खान, कल्लू पुत्र जब्बर खान तथा जान मुहम्मद पुत्र गनी खान उनके चौदह वर्षीय बेटे रमेश को बिना उनकी अनुमति के पानीपूरी के व्यापार में हाथ बटाने हेतु मेरठ ले गए जहां से सप्ताह भर भी नहीं बीता कि उसके खो जाने की सूचना रमेश के पिता को दी गयी। चौदह वर्षीय रमेश के पिता रामखिलावन व भाई अजय कुमार ने मेरठ जाकर खोजबीन की परन्तु कोई सफलता हाथ नहीं लगी। इसके बाद रामखिलावन ने कोतवाली कालपी में गांव के निवासी जब्बार व उसके पुत्रों कल्लू व जान मोहम्मद पर बेटे के अपहरण करने का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज कराई। किन्तु पुलिस आश्वासनों की बुनियाद पर जांच व विवेचना की बात कहकर पीड़ित पिता को ढांढस बंधाती रही। अपह्रत रमेश के पिता व भाई आज भी हर पल रमेश की राह देखते हैं, बीते दो वर्षों से रमेश के इंतजार में परिजनों की आंखें पथरा गयी हैं। वे कहते हैं कि प्रत्येक सवेरा आशाओं से भरा होता है और मायूशी में रात बीत जाती है। रमेश के भाई अजय का मानना है कि जीवन में हार नहीं माननी चाहिए इसलिए हम सभी लोग इंतजार करते हैं कि काश कोई देवदूत बनकर आए और छोटे भाई को परिवार से मिला दे। जहाँ एक ओर एक वृद्ध पिता अपने कलेजे के टुकड़े के इंतजार में उसकी राह देख रहा है वहीं उस मायूश पिता का आरोप है कि दो वर्ष बीत चुके हैं, पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी हुई है व अपहरण के आरोपी राजनैतिक संरक्षण के चलते खुलेआम घूम रहे हैं, यदि आरोपियों पर शिकंजा कसा गया होता तो शायद आज उनका लाल उनके घर पर सुरक्षित होता। अपह्रत युवक के पारिवारिकजन आज भी मंदिरों में माथा टेककर, झोली फैलाकर अपने बेटे के वापस आ जाने की ईश्वर से विनती करते हैं।

क्षेत्राधिकारी कालपी वी.के.श्रीवास्तव ने बताया कि विवेचना लम्बित है। चूंकि प्रकरण मेरठ का है व एफआईआर कालपी कोतवाली में दर्ज कराई गई है अतः कई बार पुलिस टीम को जांच पड़ताल हेतु मेरठ भेजा गया व आगामी समय में भी भेजा जाएगा। जांच पड़ताल में जो भी तथ्य उजागर होंगे उसी के अनुसार न्यायोचित कार्यवाही अमल में लायी जाएगी।

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