पहले गरौठा में था लेकिन अब गुरसराय में यह तो नियम के विरुद्ध है -रिपोर्ट मुबीन खान गरौठा –
ग्रामीण एडिटर अवध बिहारी
गरौठा झांसी वैसे तो यह नियम है की तहसील स्तर पर भूमविकास बैंक का होना अनिवार्य है|
लेकिन तहसील गरौठा में तो उल्टी गंगा बह रही है |
ऐसा नहीं कि गरौठा में भूमि विकास बैंक ना हो भूमिविकास बैंक जो कभी गरौठा में हुआ करता था |
वह आजकल गुरसराय कस्बा में खुला हुआ है |
क्योंकि तहसील स्तर पर भूमि विकास बैंक होता है लेकिन जितने भी भूमिविकास बैंक में इंजनों के डीलर एव दलाल टाइप के व्यापारी थे |
उन्होंने अधिकारियों से सेटिंग मिलाकर बैंक को गरौठा से गुरसराय ले गए |
इससे डीलरों की भी बल्ले-बल्ले और भूमि विकास बैंक के अधिकारियों की बल्ले-बल्ले| क्योंकि यह किसी को देखना नहीं पड़ता है कब इन लोगों की मिलीभगत से कार्य हो रहे हैं इससे पहले जब गरौठा मैं भूमिविकास बैंक हुआ करता था तो गुरसराय के डीलर आया करते थे|
और गरौठा में काम किया करते थे लेकिन जब से बैंक गुरसराय पहुंच गया है तब से किसानों को नोड्यूज बनवाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है |
और तो ठीक है तकरीबन 40 गांव के लोगों को डबल परेशानी का सामना करना पड़ता है क्योंकि पहले तहसील से काम करवाएं इसके बाद उन लोगों को गुरसराय जाकर बैंक में काम कराना पड़ता है |
तकरीबन 40 गांव के लोगों की मांग है की भूमि विकास बैंक जब तहसील स्तर पर है तो तहसील स्तर पर ही होना चाहिए |
अगर ऐसा नहीं होगा तो लोग बाग़ इसकी शिकायत उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री आदरणीय योगी आदित्यनाथ जी से करेंगे| क्योंकि यह तो घोर नाजायज बात है कि कहीं की बैंक और कहीं पर खुली हुई है ऐसा कार्य दलालों और डीलरों की मिलीभगत से हो रहा है | क्षेत्रवासियों एवं कस्बा वासियों ने गरौठा में शीघ्र ही भूमि विकास बैंक वापस खुलवाए जाने की मांग की है |
तहसील स्तर का बैंक आखिर गरौठा से गुरसराय कैसे पहुंच गया |
और अधिकारियों ने गरौठा का बैंक गुरसराय क्यों जाने दिया |
इसका कारण क्या है|