युवाओं के साथ किए अपने जीवन के अनुभव साझा
बुंदेलखंड विश्वविद्यालय का हिंदी विभाग देश के समृद्ध विभागों में से एक है: समीर अंजान
राष्ट्रीय पुस्तक मेला के तीसरा दिवस पर आयोजित एक शाम समीर अंजान के नाम कार्यक्रम में गीतों के जादूगर समीर अंजान लोगों से मुखातिब हुए। 4000 से अधिक गीत लिख चुके समीर अंजान ने अपने अनुभव जनता के साथ साझा किया। बनारस से लेकर मुंबई तक की यात्रा में जिंदगी के उतार चढ़ाव और संघर्ष की कहानी बयान की। हिंदी विभाग की डॉ. अचला पांडेय से खास बातचीत में उन्होंने बताया उनके पिता “अंजान” का उनके जीवन और लेखन पर गहरा पड़ाव रहा। एक गीतकार के रूप में उन्होंने हर पीढ़ी के म्यूजिक डायरेक्टर के साथ काम किया। लेकिन, आज की युवा पीढ़ी में जो उत्साह और सृजनात्मकता दिखती है वह तारीफ के काबिल है।
समीर ने कहा कि उन्होंने देश के कई विश्वविद्यालय का दौरा किया है। लेकिन, बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग जैसा समृद्ध विभाग कहीं देखने को नहीं मिला। यहां जो वीथिका बनाई गई है वह अदभुत है। इस अवसर पर समीर की पुस्तक “समीर: लफ्जों के साथ एक सफरनामा” का विमोचन भी किया गया।
समीर अंजान का स्वागत हिंदी विभाग के अध्यक्ष प्रो. मुन्ना तिवारी ने किया। आभार ज्ञापित करते हुए कुलपति प्रो.मुकेश पांडेय ने कहा कि यह विश्वविद्यालय का सौभाग्य है कि समीर अंजान जैसे प्रसिद्ध गीतकार इस परिसर में आए। NAAC A++ मिलने के बाद विश्वविद्यालय की ख्याति पूरे देश में फैल चुकी है। मशहूर लोग खुशी-खुशी यहां आते हैं। इस अवसर पर कुलसचिव विनय कुमार सिंह और परीक्षा नियंत्रक राजबहादुर मौजूद रहे।