प्रदेश सरकार के ‘सेवा, सुरक्षा व सुशासन’ की नीति के आठ वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर जिला कारागार, झांसी में निरुद्ध बंदियों को आपराधिक परिवेश से मुक्त कर सामान्य जीवनधारा में जोड़ने के लिये विभिन्न कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा
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कारागार मुख्यालय, लखनऊ उ०प्र० के निर्देशानुसार उत्तर प्रदेश सरकार की सेवा व सुशासन नीति में 08 वर्ष पूरा होने के अवसर पर कारागार विभाग द्वारा बंदियों में सुधार, उन्हें स्वावलम्बी बनाने, शिक्षा प्रदान करने, समाज की मुख्य धारा में शामिल किये जाने से सम्बन्धित कारागार में संचालित कार्यक्रमों को जिला कारागार, झांसी के माध्यम से करायें जायेंगे।
वरिष्ठ जेल अधीक्षक ने बताया कि मुख्यालय कारागार द्वारा दिये गये निर्देशानुपालन में ओजेओपी (एक जेल एक प्रोडक्ट) के अन्तर्गत निर्मित होने वाली सामग्री की प्रदर्शनी एवं अन्य जो सामग्री जेल में उत्पादित की जाती है। One Jail One Product योजना के अन्तर्गत जिला कारागार, झांसी पर सॉफ्ट टॉय का निर्माण कारागार में निरुद्ध बंदियों द्वारा किया जाता है। जिसके लिये कारागार में निरूद्ध कैदियों को सॉफ्ट टॉयज बनाने का प्रशिक्षण दिया जाता है, जिससे कि बंदी कारागार से रिहा होने के उपरान्त स्वयं का रोजगार कर सकें एवं आजीविका कमा सकें। अभी तक लगभग 30 कैदियों को सॉफ्ट टॉय बनाने का प्रशिक्षण जिला कारागार, झॉसी पर दिया जा चुका है। कैदियों द्वारा निर्मित सॉफ्ट टॉय की प्रदर्शनी कारागार मुख्यालय, उ०प्र० के स्टॉल के माध्यम से महाकुंभ प्रयागराज में लगायी गयी थी। जिला कारागार, झांसी में निरुद्ध बंदियों की उत्पादन कौशल क्षमता को विकसित करने के लिये One Jail One Product योजना के अन्तर्गत विभिन्न आकार-प्रकार के साफ्ट टायज का निर्माण कराये जाने हेतु बंदियों को समय-समय पर अनुभवी प्रशिक्षकों द्वारा प्रशिक्षित किया गया है। जेल में निरुद्ध लगभग 10-15 बंदियों द्वारा अब तक कुल 150 सॉफ्ट टॉयज का निर्माण किया गया है। जिनका प्रदर्शन समय-समय पर स्टॉल लगाकर एवं प्रदर्शनी के माध्यम से भी विभिन्न स्थानों पर कराया गया है।
जेलों में जो भी सुधारात्मक कार्य किये गये है। जिला कारागार, झांसी में निरुद्ध बंदियों को आपराधिक परिवेश से मुक्त कर सामान्य जीवनधारा में जोड़ने के लिये विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये गये हैं। जिसमें प्रतिदिन सुबह भजन में कुल 25-30 बंदी, योग शिविर में कुल 50-60 बंदी सम्मिलित होते हैं। कारागार में आयोजित कराये जाने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों, जिसमें विभिन्न संस्थाओं आर्ट आफॅ लिविंग, पतंजलि योग संस्थान, अखिल विश्व गायत्री परिवार, हिन्दू जागरण मंच, डिवाइन हेल्थ क्लब द्वारा लगाये जाने वाले योग/ध्यान शिविर में बंदियों के मानसिक एवं शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिये प्रायः सम्मिलित 50-60 बंदियों को ध्यान / योगाभ्यास का प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है, तथा संस्था माधव सेना समिति द्वारा बंदियों के मानसिक उत्थान हेतु मोटिवेशनल कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। कारागार चिकित्सालय में प्रतिमाह में 01 दिन एड्स शिविर का आयोजन किया जाता है। इसी क्रम में शैक्षिक सत्र 2024-25 में कारागार में निरुद्ध कुल 43 बंदियों को शिक्षित किया गया, साथ ही जिला कारागार, झांसी में निरुद्ध कुल 05 महिला बंदियों द्वारा महिलाओं एवं बच्चों की ड्रेसेज, व महिलाओं के हैंड बैग का निर्माण किया जा रहा है। जिला कारागार, झांसी में निरुद्ध बंदियों द्वारा स्वरोपित औषधि वाटिका का आयोजन किया गया है, जिसमें 1-कालमेघ, 2-नींबूघास, 3-मौलक्ष्नी, 4-अजवाइन, 5-कड़ीपत्ता, 6-शतावरी, 7-लाजवंती, 8-शमी, 9-ब्रम्हनी, 10-रजनीगंधा, 11-सुदर्शन, 12-छोटी इलायची, 13-सिंदूर 14-हरजोड़, 15-पथरचटा, 16-सर्वगंधा इत्यादि पौधों का रोपड़ किया गया है, एवं एवं बंदियों को इन पौधों के महत्व, लाभ एवं इनके औषधीय गुणों के विषय में अवगत कराया गया है। उपरोक्त सुधारात्मक कार्यों एवं सरकारी / गैर सरकारी संस्थाओं के सहयोग के माध्यम से कारागार में निरुद्ध पुरुष / महिला बंदियों को आपराधिक मानसिकता से बाहर निकालने, उनके पुनरुत्थान हेतु तथा उनके कारागार से रिहा होने के उपरान्त अन्य स्वतंत्र नागरिकों की भांति समाज की मुख्य धारा से उन्हें पुनः जोड़ने के लिये कारागार प्रशासन झांसी द्वारा निरन्तर अथक प्रयास किये जा रहे हैं, तथा ऐसे बंदियों का मनोबल बढ़ाने के लिये कारागार के उच्चाधिकारियों द्वारा उन्हें प्रोत्साहित भी किया जाता है। जिससे की बंदियों का मनोबल बढ़े तथा वह इन कार्यों एवं कार्यक्रमों में प्रतिभाग किये जाने हेतु स्वरुचि से अधिक से अधिक संख्या में भाग लें।
बंदियों की ई-मुलाकात की सुविधा के अनुसार जिला कारागार, झॉसी में निरूद्ध लगभग 1100 बन्दियों की मुलाकात को सुविधाजनक बनायें जाने हेतु ई-मुलाकात की सुविधा मुहिया कराई गई है। जिसमें जेल में निरूद्ध सभी विचाराधीन बंदी 750 व सिद्धदोष बंदी 346 का ई-प्रिजन पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन किया गया है। बन्दियों द्वारा अपने परिजनों से मुलाकात की स्वीकृति के उपरान्त मुलाकातियों की फोटो लेकर ई-मुलाकात पर्ची पर्ची जारी किया जाता है। जिसको लेकर बन्दियों के परिजन कारागार में निरूद्ध बन्दियों से मुलाकात कर सकतें हैं। विचाराधीन बन्दियों के परिजन सप्तगह में 03 बार व सिद्धदोष बन्दियों के परिजन माह में 02 बार मुलाकात कर सकते हैं। शासन एवं मुख्यालय कारागार, उ०प्र० द्वारा जारी आदेशों एवं निर्देशों के अनुपालन में कारागार में निरुद्ध ज्यादा से ज्यादा बंदियों की उनके परिजनों, मित्रों से ई-मुलाकात की व्यवस्था के माध्यम से मुलाकात कराते हुये, मुलाकात की प्रक्रिया को सरल एवं सुगम बनाया जा रहा है।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, जनपद झॉसी तथा जिला कारागार प्रशासन के कुशल समन्वय द्वारा अभी तक कारागार में निरूद्ध-485 से अधिक बन्दियों को अधिवक्ता व 100 से अधिक बन्दियों की जमानतें जिन पर जमानतगीर नही थें, जो जमानतगीर के अभाव में कारागार में निरूद्ध थें को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सहयोग से कारागार से मुक्त कराये गये हैं। जिला कारागार में निरूद्ध बन्दियों हेतु जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, झॉसी का अधिवक्ताओं का पैनल नियुक्त किया गया है, जो कि समय-समय पर कारागार पर उपस्थित होकर सम्बन्धित बन्दियों के विधिक समस्याओं के निदान हेतु अपनी विधिक परामर्श व सेवायें देते हैं। जिससे की गरीब एवं असहाय बंदियो के केस की पैरवी एवं जमानत / रिहाई सम्बन्धी
समस्याओं का निस्तारण ससमय एवं सुगमता से हो जाये।
महाकुंभ 2025 के अवसर पर कारागारों में आयोजित कार्यक्रमों के फोटोग्राफ, जिला कारागार, झॉसी में निर्मित सॉफ्ट टॉयज को महाकुंभ 2025 के अवसर पर सामान्य जनता के लिये मुख्यालय कारागार, उ०प्र० द्वारा लगाये गये स्टॉल के माध्यम से कुल 120 नग सॉफ्ट टॉयज उपलब्ध कराये गये, जिसको महाकुंभ में आयी जनता द्वारा पसन्द किया गया। यह सॉफ्ट टॉयज पर्यावरण अनुकूल उच्च गुणवत्ता पूर्ण व उचित मूल्य के होने के कारण उन्हें आम जनता ने पसन्द किया।