*अपनी रसोई के 3 साल बेमिसाल, लोगो को मिलता है बस पाँच रुपये में भर पेट भोजन*
उरई :० देखा जाए तो जनपद जालौन के उरई शहर में पूर्व सांसद और वर्तमान जिला पंचायत अध्यक्ष डा० घनश्याम अनुरागी अपने अलौकिक भवन में अपनी रसोई चलाते हैं जहां 5 रुपए में लोगों को भरपेट भोजन कराते है, जिनके पास रुपए भी नहीं है उनको भी कराया जाता है भोजन अपनी रसोई में रोजाना हजारों लोग सुबह,शाम भोजन करने आते है ऐसा बहुत कम ही देखने को मिलता है कि इस तरह की समाजसेवा जो लगातार तीन साल होने को है इसके पीछे राजनीतिक एजेंडा क्या है भगवान ही जाने लेकिन घनश्याम अनुरागी की समाज सेवा से बड़े वर्ग से लेकर बड़ी मात्रा में गरीब बर्ग का तबका उनसे जुड़ गया है। हजारों की संख्या में लोग भोजन करते नजर आते हैं वहां रोजाना बिलकुल शुद्ध दाल, चावल, मौसमी सब्जी रोटी और अन्य व्यंजन भी परोसे जाते हैं। पूर्व सांसद और वर्तमान जिला पंचायत अध्यक्ष के नेतृत्व में चल रही इससे अपनी रसोई के किचन में लाखों रुपये के समान बनाने वाली मशीनों से लैस है। यहां पर रोटी के लिए, आटा गुदने के लिए और उसकी लोइयां और रोटी को बेलने और शैकने के लिए ताजा गर्म फूली हुई रोटियां निकालने के लिए भी अलग से मशीनें लगाई हुई है,किचन प्रांगण में कुल 12 कर्मचारी है जिनमें से 8 कर्मचारी खाना बनाने के लिए और चार कर्मचारी साफ-सफाई और अन्य कामों के लिए कार्यरत है भारत जन सेवा फाउंडेशन के द्वारा अपनी रसोई को चलाया जा रहा। डॉक्टर अनुरागी के अलावा और जितने भी कमेटी के सदस्य हैं सभी मिलकर अपनी रसोई की देखभाल और सुपरवाइज करते हैं। अपनी रसोई रोजाना के कामकाज को मॉनिटरिंग करने के लिए वहां पर कई ऐसे लोग हैं जो रसोई में काम करते हैं और लोगों की सेवा करते हैं। इस बात की मॉनिटरिंग पूर्व सांसद और वर्तमान जिला पंचायत अध्यक्ष करते हैं भोजन मिलने के साथ साथ जनता की समस्याओं के जनता दरबार भी लगता है जहां लोग अपनी समस्याओं को लेकर आते हैं जहां उनकी समस्याओं का निस्तारण संबंधित अधिकारियों से बात कर समस्या का निराकरण भी कराया जाता है।
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*क्या कहते है ,डॉक्टर घनश्याम अनुरागी*
हमारे संवाददाता द्वारा पूछे जाने पर की इस मुहिम के पीछे आपको प्रेरणा कहां से मिली तो डॉक्टर अनुरागी ने कुछ यूं कहा कि बस लोगों की भलाई करनी थी। इसलिए शुरू किया और अपना पूरा जीवन नर और नारायण की सेवा में बिताना चाहता हूं, इसलिए निरंतर इस कार्य में लगा रहता हूं।अनुरागी ने यह भी बताया कि यह कार्य व मात्र मानव कल्याण हेतु करते हैं और इसके साथ उनका कोई पॉलिटिकल एजेंडा या राजनीतिक लालच नहीं जुड़ा हुआ है,बात करते हुए अनुरागी ने यह भी बताया कि कैसे अपनी रसोई किसी भी मनुष्य में किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं करता।अपनी रसोई के दरवाजे हर मनुष्य के लिए चाहे वह किसी भी जाति धर्म या किसी भी सामाजिक चल से आता हो अपनी रसोई के द्वार उसके लिए हमेशा खुले हुए हैं अनुरागी द्वारा यह भी कहा गया की जब तक इस शरीर में जान रहेगी तब तक यही सेवा भाव से रोजाना भूको को भोजन करता रहूंगा।