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मैक्स हॉस्पिटल, वैशाली ने झाँसी में ब्लड डिसआर्डर के लिए विशेष ओपीडी शुरू की

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Feb 24, 2022

*मैक्स हॉस्पिटल, वैशाली ने झाँसी में ब्लड डिसआॅर्डर के लिए विशेष ओपीडी शुरू की*

*· हर महीने तीसरे मंगलवार को दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक स्पर्श चिल्ड्रन हॉस्पिटल में खुलेगी ओपीडी*

*· इसका उद्देश्य झाँसी के निवासियों को सर्वोत्कृष्ट स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना है*

*झाँसी, 23 फ़रवरी, 2021*: उत्तर भारत का अग्रणी स्वास्थ्य संस्थान मैक्स सुपर स्पेशियल्टी हॉस्पिटल, वैशाली गाज़ियाबाद ने खून संबंधी बीमारियों और बोन मैरो ट्रांसप्लांटेशन के लिए झाँसी में आज मासिक ओपीडी शुरू करने की घोषणा की। इस सेवा से क्षेत्र के लोगों को अपने घर के पास ही क्वालिटी स्वास्थ्य सेवा मिल पाएगी और उन्हें दूर जाने के लिए समय भी और ज्यादा धन भी नहीं खर्च करना पड़ेगा। ओपीडी सेवा हर महीने के तीसरे मंगलवार को दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक स्पर्श चिल्ड्रन हॉस्पिटल में उपलब्ध कराई जाएगी।

इस मौके पर मैक्स हॉस्पिटल के विशेषज्ञों ने खून संबंधी डिसआॅर्डर के बढ़ते मामलों पर जानकारी देते हुए जानकारी बढ़ाने की सख्त जरूरत पर जोर दिया और झाँसी में सर्वश्रेष्ठ स्वास्थ्य सेवा देने के इरादों के बारे में बताया। यहां एक्यूट ल्यूकेमिया, मल्टीपल मायलोमा, एप्लास्टिक एनीमिया, थैलेसीमिया मेजर, सिकल सेल रोग और कैंसर के कई अन्य मामलों जैसे उन सभी ब्लड डिसआॅर्डर का अब बीएमटी से सफल इलाज हो सकता है।

उद्घाटन सम्मेलन को *मैक्स सुपर स्पेशियल्टी हॉस्पिटल, वैशाली में हेमेटोलॉजी, हेमेटो-ऑन्कोलॉजी और बोन मैरो ट्रांसप्लांट की सीनियर कंसल्टेंट डॉ. निवेदिता ढींगरा* ने संबोधित किया। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य हर छोटे—बड़े शहर के लोगों तक बेहतर स्वास्थ्य सेवा पहुंचाना है। यह ओपीडी खुलने से झाँसी और आसपास के लोगों को बड़ा फायदा होगा।

डॉ. निवेदिता ने कहा, ‘हीमैटोलॉजी और स्टेम सेल ट्रांसप्लांटेशन के क्षेत्र में हुई तरक्की से लाइलाज और जानलेवा डिसआॅर्डर से पीड़ितों के लिए भी बोन मैरो ट्रांसप्लांट (बीएमटी) सर्वश्रेष्ठ जीवनदायिनी के तौर पर उभर रहा है। मैक्स हॉस्पिटल वैशाली में हीमैटोलॉजी तथा ब्लड ट्रांसफ्यूशन विभाग बीएमटी के लिए विश्व स्तरीय और अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है जहां किफायती और पारदर्शी पैकेज पर हेपा फिल्टर्ड रूम, विशेष डॉक्टर तथा आईसीयू बैकअप के साथ समर्पित नर्सिंग केयर उपलब्ध है।

वैशाली के मैक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट-ऑपरेशंस डॉ. गौरव अग्रवाल ने कहा, “पहले ल्यूकेमिया और लिम्फोमा से पीड़ित कई मरीजों को एक संपूर्ण टिश्यू मैच के लिए इंतजार करना पड़ता था, जिसके परिणामस्वरूप रोग की प्रगति होती थी और यह घातक साबित होता था। हाल के वर्षों में, हेमटोलॉजी और स्टेम सेल ट्रांसप्लांट के क्षेत्र में सफलताएँ मिली हैं, नवीनतम हैप्लोइडेंटिकल ट्रांसप्लांटेशन तकनीक के माध्यम से उपचार किया जा रहा है जो बोन मैरो ट्रांसप्लांट की तत्काल आवश्यकता वाले लोगों के लिए प्रतीक्षा समय को समाप्त करता है। लेकिन पूरे शोध और इम्यूनोसप्रेसेन्ट दवाओं में महत्वपूर्ण सुधार के साथ, बीएमटी के माध्यम से सफलता दर में बड़े बदलाव देखने को मिले हैं ।