सड़कों पर घूम रहे निराश्रित गौवंश की जानकारी,क्षेत्र में पराली ना जलाएं,छुट्टा गौवंश सड़कों पर मिलने पर होगी कार्यवाही,जिलाधिकारी आंद्रा वामसी
निराश्रित गौवंश को गौशाला में रखा जाना सुनिश्चित करें
किसान क्षेत्र में पराली ना जलाएं पराली गौआश्रय स्थल को देना सुनिश्चित करें
ग्रामीण क्षेत्र में छुट्टा गौवंश सड़कों पर मिलने पर होगी कार्यवाही
मुख्यमंत्री निराश्रित/बेसहारा गौवंश सहभागिता योजना का क्षेत्र में व्यापक प्रचार प्रसार किए जाने के निर्देश
झाँसी l जिलाधिकारी आंद्रा वामसी ने कलेक्ट्रेट स्थित अपने कक्ष में पशुपालन विभाग के कार्यों की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि यदि
जनपद में निराश्रित/बेसहारा/छुट्टा गौवंश घूमता हुआ दिखाई देता है तो संबंधित के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाएगी।
जिलाधिकारी ने कहा कि निराश्रित एवं बेसहारा गौवंश के विचरण से आम जनमानस को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, अनेकों बार निराश्रित बेसहारा गोवंश दुर्घटना का कारण भी बन जाते हैं। इसके अतिरिक्त गौवंश द्वारा फसलों को भी नुकसान पहुंचाया जाता है। अतः इस तरह के निराश्रित गौवंश को आस पास के गौवंश संरक्षण कराया जाना है। यह कार्य आमजनता के सक्रिय सहयोग से ही सम्भव है। उन्होंने आम जनमानस से अपील करते हुए कहा कि क्षेत्र में निराश्रित एवं बेसहारा गौवंश सड़कों पर विचरण करते हैं तो ऐसे गौवंश की जानकारी। आईसीसीसी के नंबर 0510- 2370621,2370622,2370623 पर दें ताकि गौवंश को सुरक्षित आश्रय स्थल पहुंचाया जा सके।
जिलाधिकारी श्री आंद्रा वामसी ने इसके अतिरिक्त मा0 मुख्यमंत्री निराश्रित/बेसहारा गौवंश सहभागिता योजना में जनसहयोग एवं रुचि की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि इस योजना का क्षेत्र में व्यापक प्रचार प्रसार किया जाए। इस योजना केे अन्तर्गत कोई भी इच्छुक पशुपालक अस्थायी गौवंश आश्रय स्थल से 04 निराश्रित गौवंश तक प्राप्त कर सकता है। गौंवश के भरण पोषण हेतु शासन द्वारा निर्धारित रु0 30 प्रति गौवंश प्रति दिन की दर से पशुपालक को भुगतान किया जाता है। उन्होंने तहसील स्तर पर उप मुख्य पशुचिकित्साधिकारी को निर्देश दिए कि क्षेत्र भ्रमण में इस योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए तथा ग्रामीणों को जागरूक किया जाए कि ऐसे निराश्रित/बेसहारा गौवंश को वह अपने घर पाले और योजना का लाभ उठाएं।
अतः आम जनमानस से अपील की जाती है कि इस जनहित के कार्य में रुचि लेते हुये अपना व्यक्तिगत सहयोग प्रदान कर क्षेत्र में घूम रहे निराश्रित गौवंश को आस पास सक्रिय गौवंश आश्रय स्थलों/बृहद गौ संरक्षण केन्द्र/कान्हा गौशाला में संरक्षित कराये एवं जन सहभागिता योजना में स्वंय रुचि लेते हुये योजना में बढ़ चढ़कर हिस्सा लें जिससे कि गौवंश संरक्षण के उपरान्त आमजनमानस को होने वाली दिक्कतों एवं फसलों के नुकसान जैसी समस्या का निदान हो सके।
जिलाधिकारी ने कहा कि क्षेत्र में किसानों को जागरूक किया जाए कि वह पराली में आग ना लगाएं। उन्होंने बताया कि पराली अब आय का जरिया भी बन सकती है, उन्होंने बताया कि पराली को एनटीपीसी खरीद रही है जिससे वह विद्युत उत्पादन कर रहे हैं, इसके साथ ही मनरेगा के माध्यम से पराली से खाद बनाए जाने का काम भी किया जा रहा है, अतः किसान पराली में आग ना लगाएं उससे खाद बनाएं और आय बढ़ाएं। उन्होंने किसानों से पराली को गौआश्रय स्थल तक पहुंचाने का भी आह्वान किया ताकि निराश्रित बेसहारा गौवंश को भूसा आदि की समस्या ना उत्पन्न हो।
उक्त कार्य में कोई भी समस्या आने पर सम्बन्धित तहसील के उप मुख्य पशुचिकित्साधिकारी से सम्पर्क कर गौसंरक्षण के कार्य में सहयोगी बने।
इस मौके पर मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर वाईएस तोमर सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे।