ग्रामीण एडिटर धीरेन्द्र रायकवार
समथर( झांसी):- जहां एक और शिक्षा के लिए प्रदेश सरकार के द्वारा कड़े कदम उठाए जा रहे हैं, वहीं पर मोंठ तहसील क्षेत्र के ग्राम लोहागढ़ में शिक्षा बुरी तरह पटरी से उतर चुकी है, जहाॅ शिक्षा विभाग के अधिकारियों का भी नहीं जाता है, ग्राम लोहागढ़ में कोई एक नहीं दर्जन भर से अधिक विद्यालय हैं, जहां शिक्षा व्यवस्था का बुरा हाल है और तो और रोड किनारे के गांव के विद्यालयों का हाल भी बुरा है, ग्राम लोहागढ़ की प्राथमिक विद्यालय में झांसी दर्शन न्यूज़ की टीम पहुंची तो वहां पर देखा गया कि शिक्षा के भवन में केवल दो ही शिक्षक मौजूद थे, जिसमें प्रधानाचार्य रविकांत तिवारी व शिक्षामित्र गोविंद सिंह यादव मौजूद थे, जब अन्य शिक्षकों के बारे में प्रधानाध्यापक से जानकारी करनी चाही तो उनके द्वारा गोल मटोल जवाब देते हुये कहा गया कि नौरेन जैहदी नाम की सहायिका (शिक्षिका) मेडिकल लिए हुए हैं, जब पूंछा मेडिकल कब से कब तक के लिए है, इस विषय में जानकारी लेनी चाही तो इस पर प्रधानाध्यापक भङकने लगे कहने लगे की हम अपने अधिकारियों को इस विषय में अवगत करा चुके है, आप कौन होते हो यह पूछने वाले कि कितने दिन का मेडिकल लिया है,
उन्होंने यह कहा——-
जब इस विषय में खंड शिक्षा अधिकारी दीपक श्रीवास्तव जी से फोन से बात की तो उन्होंने भी यही जवाब दिया कि मेडिकल के बारे में आपको कोई जानकारी नहीं दे सकते हैं, जैसा प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक रविकांत तिवारी के द्वारा बताया गया है, उसी प्रकार का मामला आप प्रकाशित करियेगा।
ग्रामीणों का आरोप——
वहीं पर अभिभावकों का आरोप है कि शिक्षकों की कार्य प्रणाली में कोई सुधार नहीं है, नौरेन जैहदी नाम की सहायका जो प्राथमिक विद्यालय और प्राथमिक कन्या विद्यालय की सहायक अध्यापिका के पद पर तैनात हैं, जो अपनी कार्यप्रणाली में सुधार नहीं लाती हैं, इन दोनों शिक्षकों के ऊपर खंड शिक्षा अधिकारी की कृपा बनी रहती है, बताया जाता है कि 4 वर्ष हो चुके हैं, लेकिन मैडम को यहां बहुत ही कम आना जाना रहता है और नौकरी हो रही है, जिसमें अच्छी भागीदारी प्रधानाध्यापक और खंड शिक्षा अधिकारी की बताई जा रही है, अब देखना होगा कि शिक्षा के मंदिर में बैठे शिक्षा के पुजारियों के द्वारा क्या इसी प्रकार से नौनिहालों के भविष्य के साथ खिलवाड़ होता रहेगा या फिर नौनिहालों के भविष्य को सुधारा जाएगा। इसमें भागीदारी निभा रहे खंड शिक्षा अधिकारी भी अपनी कार्यप्रणाली में सुधार लाएंगे या फिर इसी प्रकार शिक्षकों के द्वारा शिक्षा के मंदिर से खिलवाड़ किया जाएगा। इसी प्रकार प्रधानाध्यापक की मेहरबानी से सहायिकाये अपनी ड्यूटी निभाती रहेंगी। अब देखना होगा कि प्रधानाध्यापक और खंड शिक्षा अधिकारी की मिलीभगत से सहायकों की नौकरी होती रहेगी या फिर जिला शिक्षा अधिकारी के द्वारा इन लापरवाह खंड शिक्षा अधिकारी और प्रधानाध्यापक व सहायिकाओं पर कोई कार्यवाही की जाएगी या फिर जिला शिक्षाधिकारी इन सभी के सामने बौने नजर आएंगे। सभी की मिलीभगत से बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ होता रहेगा और प्रदेश की सरकार के आदेशों की धज्जियां उड़ाई जायेगी।
रिपोर्ट यशपाल सिंह