** भारत मौसम विज्ञान विभाग/ मौसम विज्ञान केंद्र लखनऊ ने 22 से 28 मई के मध्य दिए सतर्क रहने के निर्देश, मेघगर्जन के साथ वज्रपात और तेज हवाओं के चलने की दी चेतावनी
** आँधी-तूफान बारिश एवं आकाशीय बिजली गिरने की घटनाओं से प्रभावित पीड़ित व्यक्तियों/परिवारों को तत्काल राहत वितरित करने के दिए निर्देश
** आकाशीय बिजली या वज्रपात से कैसे बचें, जिलाधिकारी ने दी जानकारी
** वज्रपात जोखिम वाले क्षेत्रों में रहें सतर्क,जानकारी होने पर ही बचाव संभव
** अधिक से अधिक जनपदवासी दामिनी एप डाउनलोड करें ताकि जान माल की क्षति को रोका जा सके
जिलाधिकारी मृदुल चौधरी ने जनपद वासियों से अपील करते हुए कहा कि मानसून का समय आ रहा है और ऐसे में आकाशीय बिजली गिरने की संभावना भी क्षेत्रों में बनी रहती है, जिससे जान माल की हानि हो सकती है।
उन्होंने कहा कि जिसमें जनमानस को जागरूक करने हेतु एवं आकाशीय बिजली से अपना कैसे बचाव करें। इसके बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि जब आप घरों में हो तो आकाशीय बिजली या वज्रपात होने के समय इन निर्देशों का पालन शत-प्रतिशत करें।
जैसे कि बिजली उपकरणों, स्विचों, तारों, और टेलीफोन का प्रयोग ना करें। और खिड़की के कांच, टीन की छत, गीले सामानों और लोहे के हैंडलों से दूर रहें। दीवारों के सहारे टेक लगाकर ना खड़े हों, स्नान करना तुरंत रोक दें।
*जब आप घर से दूर हो तो इन निर्देशों का पालन करें।*
अगर आप के सर के बाल खड़े हो रहे हों, त्वचा में झुनझुनी हो तो फौरन सर झुका कर कान बंद कर लें, क्योंकि आपके आसपास बिजली गिरने वाली ही होगी। सफर के दौरान अपने वाहन में शीशे चढ़ा कर बैठे रहें। मजबूत छत वाले वाहन में रहें, खुली छत वाले वाहनों की सवारी ना करें। वज्रपात के समय अगर आप पानी में हो तो तुरंत बाहर आ जाएं। किसी बिजली के खंबे के समीप ना खड़े हों। यदि आप जंगल में हो तो बौने एवं घने पेड़ों के शरण में चले जाएं। धातु से बने कृषि यंत्र आदि से अपने को दूर कर दें। यदि आप खेत खलियान में काम कर रहे हों और किसी सुरक्षित स्थान की शरण ना ले पाए हों तो जहां है वहीं रहें और पैरों के नीचे सूखी चीजें जैसे लकड़ी, प्लास्टिक, बोरा या सूखे पत्ते रख लें जमीन पर किसी भी दशा में ना लेटें पैदल जा रहे हो तो, धातु की डंडी वाले छातों का उपयोग ना करें।
वज्रपात के मामले में मृत्यु का तात्कालिक कारण हृदयाघात होता है। अगर जरूरी हो तो संजीवन क्रिया प्राथमिक चिकित्सा सीपीआर प्रारंभ कर दें संजीवन क्रिया या प्राथमिक चिकित्सा देने से पूर्व यह सुनिश्चित कर लें कि प्रभावित व्यक्ति के शरीर में विद्युत का प्रभाव न हो रहा हो एवं यह भी सुनिश्चित करने की पीड़ित की नाड़ी एवं साथ स्वाश चल रही हो।
*जनमानस पर वज्रपात/ आकाशीय बिजली के जोखिम*
आकाशीय बिजली गिरने के समय भारी विद्युत प्रवाह होता है। इसकी परिधि में आने वाले जीवों की मृत्यु तक हो सकती। यदि बिजली के संपर्क में व्यक्ति पहले से ही हो तो खतरा और ज्यादा बढ़ जाता है। यदि व्यक्ति किसी ऊंचे पेड़ के पास खड़ा हो और पेड़ के ऊपर वज्रपात हो जाए तो वज्रपात का प्रभाव बगल से भी हो सकता है।
वज्रपात से जानमाल की व्यापक क्षति होती है। लोगों की जान तक चली जाती है। जो जीवित बचते हैं वह किसी कार्य के लायक नहीं रहते। जैसे आंखों की रोशनी चले जाना, सुनने की क्षमता समाप्त या कम हो जाना इत्यादि। और फूस के घरों में आग लगने की घटना भी बनी रहती है। अतः सभी लोग आकाशीय बिजली या वज्रपात से सतर्क रहें एवं सावधानी बरतें और सुरक्षित रहें। एवं अपने आसपास के लोगों को अधिक से अधिक जागरूक करें।
जिलाधिकारी मृदुल चौधरी ने आँधी-तूफ़ान,बारिश एवं आकाशीय बिजली गिरने की घटनाओं से प्रभावित पीड़ित व्यक्तियों/परिवारों को निर्धारित मानक के अनुसार तत्काल राहत वितरित किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि राहत व मदद पहुंचाने में किसी भी प्रकार की लापरवाही की या शिथिलता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
जिलाधिकारी मृदुल चौधरी ने समस्त जनपद वासियों से अपील करते हुए कहा कि भारत मौसम विज्ञान विभाग एवं मौसम विज्ञान केन्द्र लखनऊ द्वारा दी गयी चेतावनी को गंभीरता से ले। उन्होंने इस अवसर पर जनपद वासियों को सुझाव देते हुए कहा कि दामिनी ऐप अपने मोबाइल फोन में अवश्य डाउनलोड कर लें। इस ऐप के माध्यम से वज्रपात की जानकारी पूर्व में और सटीक प्राप्त होगी, जिससे जान माल के नुकसान को हम रोक सकते हैं।