झांसी : उपायुक्त उद्योग, जिला उद्योग प्रोत्साहन तथा उद्यमिता विकास केन्द्र मनीष चौधरी ने समस्त उद्यमियों को सूचित किया है कि तकनीकी उन्नयन योजना (टेक्नोलॉजी अपग्रेडेशन) जिसमें दो श्रेणियों के उद्योगों सूक्ष्म उद्योगों एवं लघु उद्योगों में तीन वर्ष या इससे अधिक वर्षों से संचालित इकाईयां जो विनिर्माण क्षेत्र में पुरानी मशीनों को उच्चीकृत तकनीक (विभिन्न क्षेत्रों जैसे उत्पाद गुणवत्ता सुधार, पर्यावरण सुधार, श्रम सुरक्षा, ऊर्जा दक्षता गुणवत्ता पैकेजिंग, परीक्षण सुविधाएं आदि) के अपग्रेडेशन हेतु इच्छुक है, जनपद झाँसी के ऐसे उद्यमियों से ऑनलाइन आवेदन पत्र वेबसाइट https://fidupmsme.upsdc.gov.in पर आमंत्रित किये जा रहे है।
उपायुक्त उद्योग ने बताया कि इस योजनान्तर्गत निम्न सुविधाएं उपलब्ध करायी जाएगी, जिसके अंतर्गत पूंजी उपादान मशीनों के ऊपर व्यय की गयी पूंजी का 50% या अधिकतम रु० 05 लाख तक अनुमन्य, मशीनों के लिए बैंक से लिए गए ऋण पर जो ब्याज दिया होगा उसका 50% तक या अधिकतम रु० 01 लाख प्रति वर्ष उपादान के रूप में देय होगा, यह छूट 5 वर्षों तक दी जाएगी। जिन इकाईयों द्वारा नयी मशीन न क्रय की गयी हो लेकिन उनके द्वारा उत्पाद की प्रक्रिया, प्रबंधन प्रणाली हेतु GI टैग, ISO, ZED, ISI, QCI, FSSAI, HACCP, WHO-GMP, INDIA-GMP इत्यादि में सूक्ष्म उद्योग द्वारा लगायी गयी कुल लागत का 75% अधिकतम सीमा की कैपिंग के साथ देय है। कंसल्टेन्सी की सहायता, मान्यता प्राप्त संस्थाओं से प्राप्त करने पर हुए व्यय का 50% या अधिकतम रु० 01 लाख तक देय होगा। ब्रांडिंग करते हुए विकसित ब्रांड के नाम से तीन वर्षों तक विपणन किया हो तो सम्बंधित वर्ष के पूर्ण विपणन का 1% अधिकतम या रु० 01 लाख तक देय होगा।
उपायुक्त उद्योग ने बताया कि बौद्धिक सम्पदा प्रमाणीकरण (आईपीआर) हेतु कुल व्यय का 50% या अधिकतम रु० 02 लाख तक देय होगा। तकनीकी उन्नयन योजना (टेक्नोलॉजी अपग्रेडेशन) योजना से सम्बंधित अन्य किसी जानकारी अथवा सहायता हेतु किसी भी कार्य दिवस में “उद्योग भवन”, जिला उद्योग प्रोत्साहन तथा उद्यमिता विकास केन्द्र, कमिश्ररी कैंपस, बीकेडी चौराहा, झाँसी में संपर्क कर सकते है।
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उपायुक्त उद्योग, जिला उद्योग प्रोत्साहन तथा उद्यमिता विकास केन्द्र मनीष चौधरी ने समस्त उद्यमियों को सूचित किया है
