प्रदेश सरकार की सेवा, सुरक्षा और सुशासन के 08 वर्ष पूरे होने पर “महिला सशक्तिकरण एवं मिशन शक्ति” अभियान पर विचार गोष्ठी सम्पन्न
** मिशन शक्ति अभियान का उददेश्य महिलाओं को उनके अधिकारों, कानूनी प्राविधानों और पुलिस सहायता के बारे में जागरुक करना: एमएलसी रमा निरंजन
** ग्रामीण क्षेत्र में महिलायें सरकार की योजनाओं से जुड़कर गांवों को बना रहीं स्मार्ट
** अभिभावक अपनी बेटियों को अनिवार्य रुप से पढ़ायें, जिससे वह चुनौतियों को मात दे सकें
** महिलायें अपने अधिकारों एवं सम्मान के प्रति प्रत्येक समय रहें जागरुक
** नारी स्वयं में सर्वशक्तिमान: एमएलसी डाॅ0 बाबूलाल तिवारी
** जहां नारी को पूजा जाता है, वहां देवताओं का वास होता हैं
** एक परिवार को बढ़ाना है, तो बेटे को पढ़ाओं, दो परिवारों को बढ़ाना है, तो बेटी को पढ़ाओं
** राष्ट्र की उन्नति में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका
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झांसी: उत्तर प्रदेश सरकार के “सेवा, सुरक्षा एवं सुशासन” की नीति के ऐतिहासिक 08 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर 25 से 27 मार्च 2025 तक आयोजित होने वाले कार्यक्रम के उपलक्ष्य में आज सदस्य विधान परिषद रमा निरंजन एवं सदस्य विधान परिषद डाॅ0 बाबूलाल तिवारी जी के आतिथ्य में “महिला सशक्तिकरण एवं मिशन शक्ति” थीम पर विचार गोष्ठी का आयोजन पं0 दीनदयाल उपाध्याय सभागार, झांसी में किया गया।
कार्यक्रम में उपायुक्त राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन एवं जिला पंचायत राज अधिकारी द्वारा अतिथिगण का पुष्पगुच्छ भेंटकर स्वागत किया गया।
गोष्ठी में सदस्य विधान परिषद रमा निरंजन ने अपने सम्बोधन में कहा कि मिशन शक्ति अभियान का उददेश्य महिलाओं को उनके अधिकारों, कानूनी प्रावधानों और पुलिस सहायता के बारे में जागरुक करना है। उन्होंने बताया कि वर्तमान समय में केन्द्र एवं राज्य सरकार के नेतृत्व में महिलाओं की एक अनौखी छवि प्रदर्शित हो रही है। स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा गृहस्थी के कार्यों के साथ-साथ अपनी जीविका में सुधार हेतु अनेक कार्य किये जा रहे है, जो नारी शक्ति का दिव्य रुप है। मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में संचालित मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के माध्यम से बेटी के जन्म से ही वह अपने विकास एवं उन्नति के पथ पर अग्रसर हो जाती है। इसी प्रकार बेटी बचाओ-बेटी पढाओ अभियान के तहत बालिकाओं को सशक्त बनाते हुये उन्हें विकसित करने का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बेटी भी बेटे के समान ही है, बस उन्हें समाज में समान अवसर एवं आत्मनिर्भरता की आवश्यकता है। वर्तमान समय में भारत की प्रथम नागरिक (महामहिम राष्ट्रपति) आज एक बेटी ही है, जो महिलाओं के लिये अत्याधिक गर्व की बात है। महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिये सरकार द्वारा निरंतर अभिनव प्रयास किये जा रहे है, जिसके अन्तर्गत सरकार द्वारा बेटियों के कल्याण के लिये विकासकारी योजनायें संचालित की जा रही है। सभी अभिभावक अपनी बेटियों को अनिवार्य रुप से शिक्षित बनायें, जिससे वह जीवन में आने वाली चुनौतियों का दृढ़तापूर्वक सामना करते हुये स्वाबलम्बी बन सकें। ग्रामीण क्षेत्र में महिलायें सरकार की योजनाओं से जुड़कर गांव को स्मार्ट बनाने का कार्य कर रही हैं, इसी प्रकार प्रदेश सरकार द्वारा महिलाओं एवं बालिकाओं के सुरक्षा, सम्मान एवं स्वाबलम्बन हेतु भी अनेक योजनायें संचालित की जा रही है। सभी महिलायें इन योजनाओं के प्रति जागरुक रहें, जिससे महिलाओं के साथ होने वाली आपराधिक गतिविधियों पर पूर्णरुप से अंकुश स्थापित हो सके।
इस अवसर पर सदस्य विधान परिषद डाॅ0 बाबूलाल तिवारी ने अपने सम्बोधन में कहा कि हमारे देश में नारी को मातृशक्ति के रुप में पूजा जाता है। हमारे शास्त्रों में कहा गया है कि जहां नारी को पूजा जाता है, वहां देवताओं का वास होता है। उन्होंने अभिभावको को संदेश देते हुये कहा कि यदि एक परिवार को बढ़ाना है, तो बेटे को पढ़ाओ और यदि दो परिवारों को बढ़ाना है, तो बेटियोें को पढ़ाओ। महिलाओं की प्रतिभागिता प्रत्येक राष्ट्र की उन्नति में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती है। वर्तमान सरकार द्वारा गरीबों को आवास देने और शौचालय बनाने का कार्य कर महिलाओं के सम्मान को सुरक्षित रखने का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जिस समय अंग्रेजों के अत्याचार के कारण हमें विवशता का सामना करना पड़ता था, उस समय झांसी की रानी वीरांगना लक्ष्मीबाई ने 1857 की क्रान्ति में अंग्रेजो को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया था। यह नारी के लिये अत्याधिक गौरव की बात है। नारी स्वयं में सर्वशक्तिमान है, इसलिये महिलायें अपने अधिकारों की जानकारी रखते हुये जीवन में आने वाली कठिनाईयों का सामना कर समाज एवं देश के विकास में सहयोगी बनकर नारीशक्ति को शिखर पर पहुंचाने का कार्य करें। उन्होंने बताया कि ज्ञान प्राप्त करने की कोई आयु, समय एवं सीमा नहीं होती, इसलिये व्यक्ति को प्रत्येक समय सीखने की प्रक्रिया से जुड़ा रहना चाहिए। पुराने समय में महिलायें जागरुकता के अभाव में अपने साथ होने वाले दुर्व्यवहार को सहन करती रहती थीं, किन्तु मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी की सरकार के सत्ता में आने के पश्चात महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान एवं स्वाबलम्बन के लिये अनेक जागरुकता अभियान एवं कल्याणकारी योजनायें संचालित की जा रही हैं। सभी महिलायें इन अभियानों एवं योजनाओं से जागरुक होकर अपने भविष्य को उज्ज्वल बनायें।
इस अवसर पर कलाकारों द्वारा महिला सशक्तिकरण एवं मिशन शक्ति अभियान पर आधारित बुन्देली गीत एवं नुक्कड़ नाकट प्रस्तुत किये गये। इसके साथ ही कार्यक्रम में महिलाओं के सम्मान, सुरक्षा एवं स्वाबलम्बन एवं महाकुम्भ महोत्सव-2025 पर आधारित चलचित्र फिल्म भी प्रस्तुत की गयी तथा स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा अपने अनुभव भी साझा किये गये।
इस अवसर पर उपायुक्त, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन बृजमोहन अम्बेड ने बताया कि प्रदेश सरकार के 08 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन विभाग के अन्तर्गत इस गोष्ठी का उददेश्य महिलाओं द्वारा उत्कृष्ट कार्य किये जाने पर उन्हें सम्मानित कर उनका मनोबल बढ़ाना है। वर्तमान में जनपद झांसी में कुल 7800 समूह क्रियाशील हैं। उन्होंने बताया कि स्वयं सहायता समूह आमतौर पर सामाजिक एवं आर्थिक पृष्ठभूमि वाली 10-12 महिलाओं का सामुदायिक समूह होता है जो संयुक्त आर्थिक गतिविधियों को शुरु करने के लिये अपने वित्तीय संसाधनों को एकत्र करने या छोटे व्यवसाय शुरु करने के लिये सदस्यों को उचित ब्याज दर पर पैसें उधार देने हेतु यह गठबंधन बनाते है। इस समूह के मूल में महिलाओं के लिये वित्तीय स्थिरता और स्व-रोजगार को समक्ष करने के लिये संसाधनों का सामूहिकीकरण शामिल है, यह व्यक्तियों का स्वैच्छिक संघ है जो लोगों को प्रशिक्षण के माध्यम से अपने कौशल को बढ़ाने एवं सामूहिक निर्णय लेने के माध्यम से स्वयं को सशक्त बनाने में भी सहायता करता है। यह समूह मुख्य रुप से समाज के अन्तिम पायदान पर खड़े व्यक्ति, विशेषकर महिलाओं को सशक्त बनाने का कार्य करते है।
इसके पश्चात गोष्ठी में क्षेत्राधिकारी सदर स्नेहा तिवारी ने मिशन शक्ति अभियान के महत्व की जानकारी प्रदान करते हुये कहा कि मिशन शक्ति एक व्यापक और दूरदर्शी पहल है, जिसका उददेश्य महिलाओं को सुरक्षा, संरक्षा और आत्मनिर्भरता के लिये सशक्त बनाना है। जागरुकता बढ़ाकर एवं सुरक्षित वातावरण स्थापित करके कार्यशालाओं तथा प्रशिक्षण कार्यक्रम के द्वारा मिशन महिलाओं के जीवन को बदलने और एक ऐसा समाज बनाने का प्रयास करता है जो समावेशी और सशक्त हो। अपने बहुयामी दृष्टिकोण के माध्यम से मिशन शक्ति महिलाओं को अपनी सुरक्षा की जिम्मेदारी लेने, उद्यमशीलता को आगे बढ़ाने और विभिन्न क्षेत्रों में उन्नति के लिये आवश्यक कौशल प्राप्त करने हेतु सशक्त बनाती है। महिलाओं के सामने आने वाली विशिष्ट चुनौतियों का समाधान करके और उन्हें आवश्यक सहायता और अवसर प्रदान करते हुये मिशन शक्ति एक सम्मानित और समावेशी समाज का मार्ग प्रशस्त करती है, जहां महिलायें अपनी क्षमता को पूरा कर सकती हैं और राष्ट्र की समग्र प्रगति और विकास में योगदान दे सकती हैं।
गोष्ठी के अवसर पर अतिथियों द्वारा महिला सशक्तिकरण अभियान के तहत राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अन्तर्गत समूह में उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाओं को प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया, इसके साथ ही मिशन शक्ति अभियान के अन्तर्गत पुलिस विभाग में उत्कृष्ट कार्य करने वाली 03 महिला पुलिस आरक्षी को भी सम्मानित किया गया तथा उ0प्र0 मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के तहत 108 लाभार्थियों को टेबलेट भी वितरित किये गये।
इस अवसर पर प्रशिक्षु सहायक पुलिस अधीक्षक शुभम आशुतोष, उप निदेशक संस्कृति विभाग डाॅ0 मनोज कुमार गौतम, जिला पंचायत राज अधिकारी बाल गोविन्द वास्तव, जिला प्रोबेशन अधिकारी सुरेन्द्र कुमार पटेल, प्रधानाचार्य राजकीय औद्योगिक प्रशिक्ष संस्थान सुजीत श्रीवास्तव, डीएमएम सचिन वर्मा सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारीगण एवं महिलायें उपस्थित रही।
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