बुंदेलखंड राज्य हमारा अधिकार है , हम लेकर रहेंगे
– बुंदेलखंड राष्ट्र समिति की कार्यकर्ता कार्यशाला के दूसरे दिन पद्मश्री उमाशंकर पांडेय, प्रदीप सरावगी सहित कई विद्वान वक्ताओं ने संबोधित किया
झांसी। बुंदेलखंड राष्ट्र समिति द्वारा आयोजित त्रिदिवसीय कार्यकर्ता कार्यशाला के दूसरे दिन के सत्रों में वक्ताओं ने बुंदेलखंड के ऐतिहासिक, सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की। इस अवसर पर बुंदेलखंड राज्य आंदोलन को गति देने और क्षेत्र की उपेक्षा समाप्त करने पर जोर दिया गया।
कार्यक्रम में प्रथम सत्र के मुख्यवक्ता प्रदीप सरावगी ने कहा कि बुंदेलखंड के लोगों को अपनी परंपराओं और इतिहास पर गर्व करना चाहिए। उन्होंने कहा, “बुंदेलखंड में ही सृष्टि की रचना हुई थी, इसलिए हमें अपनी जड़ों की ओर लौटना होगा।”
द्वितीय सत्र में मुख्य वक्ता पद्मश्री उमाशंकर पांडेय ने कहा कि बुंदेलखंड का पानी सबसे मीठा है, और यही इसकी पहचान है। उन्होंने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा, “प्यासा बुंदेलखंड, भूखा बुंदेलखंड—आखिर इसे इस हालत में किसने पहुंचाया?”
तृतीय सत्र में राष्ट्रीय संयोजक तारा पाटकर ने आजादी के बाद बुंदेलखंड के साथ हो रहे सौतेले व्यवहार पर गहरी चिंता व्यक्त की और कहा कि अब इस अन्याय के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़ी जाएगी।
केंद्रीय उपाध्यक्ष चंद्रभान राय ने बुंदेलखंड राष्ट्र समिति द्वारा किए जा रहे कार्यों का वृत्त प्रस्तुत किया, जबकि संगठन महामंत्री यज्ञेश गुप्ता ने संगठन के नगर और ब्लॉक स्तर तक विस्तार की जानकारी दी।
कार्यशाला में बुंदेलखंड के शैक्षणिक परिदृश्य पर भी चर्चा हुई। सेवानिवृत्त प्रोफेसर अनिल उपाध्याय ने कहा कि विश्वविद्यालयों में बुंदेलखंड के लिए कोई ठोस कार्य नहीं हुआ है। उन्होंने बाहरी लोगों द्वारा विश्वविद्यालयों के संसाधनों के दुरुपयोग पर भी नाराजगी जताई।
केंद्रीय अध्यक्ष प्रवीण पांडेय ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा, “स्वयं अब जागकर हमको जगाना, बुंदेलखंड है अपना।” उन्होंने कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि वे आंदोलन को जन-जन तक पहुंचाने के लिए सक्रिय भूमिका निभाएं।
कार्यक्रम में महानगर अध्यक्ष दीपक साहू , सत्येंद्र शर्मा, राजू बुक्सेलर, कमलेश परिहार, हर्षित खन्ना, गोविंद दास, अजीत तिवारी, संजय अग्रवाल, प्रेम सागर दीक्षित, कामता राजपूत, मोहित रैकवार, रोहित कुशवाहा, रईस खाना, नीरज तिवारी, देवेंद्र राय, हरि बाबू सहित कई प्रमुख कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
बुंदेलखंड राष्ट्र समिति की यह कार्यशाला राज्य आंदोलन को नई दिशा देने और संगठन को और मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो रही है।