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*”रूप नगर, कानपुर देहात की इमरात कुमारी की सफल सर्जरी*

ByNeeraj sahu

Mar 5, 2025

*”रूप नगर, कानपुर देहात की इमरात कुमारी की सफल सर्जरी*

*आयुष्मान निधि योजना के तहत ओवरी के ट्यूमर का डॉक्टर सुधांशु शर्मा व उनकी टीम ने किया उपचार”*

जालौन :० कानपुर देहात के रूप नगर की रहने वाली 40 वर्षीय इमरात कुमारी को पिछले तीन महीनों से पेट में सूजन और असहजता की शिकायत थी। प्रारंभ में इस समस्या को हल्के तौर पर लिया गया लेकिन समय के साथ सूजन बढ़ने लगी और स्थिति गंभीर हो गई। इस दौरान उन्होंने आयुष्मान निधि योजना के तहत अस्पताल में भर्ती होकर अपनी चिकित्सा जांच करवाई जिसके परिणामस्वरूप उनकी स्थिति की गंभीरता का पता चला। चिकित्सकों ने पाया कि उन्हें ओवरी का ट्यूमर है जिसके साथ-साथ कैंसर संबंधी संकेतक भी बढ़े हुए थे। इस प्रकार की स्थिति में सर्जरी आवश्यक हो गई। इमरात कुमारी को तीन महीनों से पेट में सूजन की समस्या थी। शुरुआत में यह सूजन सामान्य सी प्रतीत होती थी लेकिन समय के साथ सूजन का आकार बढ़ता गया और उनके पेट में दर्द भी होने लगा। इस दर्द और सूजन के कारण उन्हें सामान्य जीवन जीने में परेशानी हो रही थी। उन्होंने विभिन्न चिकित्सकों से संपर्क किया लेकिन कोई स्पष्ट कारण नहीं मिल पाया। 17 फरवरी 2025 को उनकी स्थिति गंभीर हो गई और उन्हें कानपुर देहात के एक अस्पताल में भर्ती करवा दिया गया। यहां पर उनकी सभी जरूरी जांचें की गईं। CECT स्कैन (Contrast Enhanced Computed Tomography) के परिणाम में पेट में 22×16×14 सेमी आकार का ओवरी का ट्यूमर पाया गया। इसके अलावा, CA-125 टेस्ट में कैंसर के संकेतक भी बढ़े हुए पाए गए। जो इस बात का संकेत था कि ट्यूमर संभवतः कैंसर का रूप ले चुका था। इमरात कुमारी के स्वास्थ्य की गंभीरता को देखते हुए डॉक्टरों ने उनकी सर्जरी की सलाह दी। उनके द्वारा की गई जांचों और परिणामों को ध्यान में रखते हुए यह तय किया गया कि रेडिकल हिस्टेरेक्टॉमी (Radical Hysterectomy) सर्जरी की जानी चाहिए। यह सर्जरी महिलाओं में ओवरी के ट्यूमर और गर्भाशय से संबंधित गंभीर समस्याओं का इलाज करने के लिए की जाती है। इमरात कुमारी को अस्पताल में भर्ती होने के बाद उनके स्वास्थ्य की पूरी जांच की गई। इस दौरान उनके हीमोग्लोबिन का स्तर 6.1 पाया गया जो सामान्य से बहुत कम था। रक्त की कमी के कारण ऑपरेशन से पहले उन्हें 4 यूनिट रक्त चढ़ाया गया। चिकित्सकों ने यह सुनिश्चित किया कि ऑपरेशन से पहले उनका स्वास्थ्य ठीक हो जाए ताकि सर्जरी के दौरान कोई जटिलता न हो। सभी आवश्यक परीक्षणों के बाद डॉक्टरों ने सर्जरी के लिए 4 मार्च 2025 की तारीख तय की। इस सर्जरी को डॉ. सुधांशु शर्मा और उनकी टीम ने सफलतापूर्वक अंजाम दिया। 4 मार्च 2025 को डॉ. सुधांशु शर्मा और उनकी टीम ने रेडिकल हिस्टेरेक्टॉमी सर्जरी की। इस सर्जरी के दौरान इमरात कुमारी के पेट से लगभग 10 किलोग्राम वजनी ट्यूमर को निकाला गया। इस ट्यूमर के साथ-साथ उनके अंडाशय और गर्भाशय को भी हटाया गया। सर्जरी के बाद रोगी को आईसीयू में शिफ्ट किया गया जहां उनकी हालत स्थिर रही। सर्जरी में डॉ. सुधांशु शर्मा के साथ डॉ. विशाल त्यागी (सीनियर रेजिडेंट), डॉ. अरबाब ज़मान (जेआर-3), डॉ. रेनू (जेआर-3), डॉ. राहुल (जेआर-2), और डॉ. सत्यम (जेआर-1) की टीम भी शामिल थी। सर्जरी के बाद एनेस्थीसिया टीम ने भी सर्जरी के दौरान सभी प्रक्रियाओं का ध्यान रखा जिसमें डॉ. अनिल (असिस्टेंट प्रोफेसर) की मुख्य भूमिका थी। ओवरी के ट्यूमर को शुरुआती अवस्था में पहचानना बेहद महत्वपूर्ण होता है क्योंकि इसका इलाज समय रहते नहीं किया जाए तो यह कैंसर का रूप ले सकता है। इमरात कुमारी की स्थिति में यदि सर्जरी समय पर नहीं की जाती तो यह उनके जीवन के लिए खतरनाक हो सकता था। इस प्रकार की सर्जरी जटिल होती है, लेकिन समय रहते इलाज होने से रोगी के बचने की संभावना बहुत अधिक बढ़ जाती है।

*आयुष्मान निधि योजना का महत्व:* इमरात कुमारी को इलाज में मदद मिली आयुष्मान निधि योजना से जो सरकारी स्वास्थ्य योजनाओं का एक हिस्सा है। इस योजना के तहत गरीब और निम्न आय वर्ग के मरीजों को मुफ्त इलाज की सुविधा मिलती है। इमरात कुमारी जैसे मरीजों के लिए यह योजना जीवन रक्षक साबित होती है। आयुष्मान निधि योजना के तहत अस्पताल में भर्ती होने के कारण इमरात कुमारी को महंगे इलाज से बचत मिली और उन्हें समय पर इलाज प्राप्त हुआ। यह योजना न केवल उपचार की गुणवत्ता सुनिश्चित करती है बल्कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों के लिए स्वास्थ्य सेवाओं को सुलभ बनाती है। सर्जरी के बाद इमरात कुमारी को आईसीयू में शिफ्ट किया गया था जहां उनकी स्थिति पर लगातार निगरानी रखी गई। उनकी हालत स्थिर रही और उन्हें कुछ दिनों बाद सामान्य वार्ड में स्थानांतरित कर दिया गया। डॉक्टरों ने उनकी स्थिति पर नजर बनाए रखते हुए नियमित जांच और देखभाल की। आयुष्मान निधि योजना और अस्पताल प्रशासन की ओर से की गई समर्पित देखभाल के कारण इमरात कुमारी की रिकवरी प्रक्रिया तेजी से हुई। उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद भी नियमित मेडिकल चेकअप के लिए बुलाया गया। टीम का योगदान और सहयोग: इमरात कुमारी की सर्जरी के दौरान डॉ. सुधांशु शर्मा और उनकी टीम ने अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान दिया। सर्जरी टीम एनेस्थीसिया टीम और नर्सिंग टीम के समर्पण और मेहनत से ही यह सर्जरी सफल हो पाई। अस्पताल प्रशासन द्वारा मरीज की स्थिति पर लगातार निगरानी रखने और उपचार की गुणवत्ता को सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की गई।

रविकांत द्विवेदी (RK) रिपोर्टर, जालौन…🖊️📹📲7007725321

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