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डाॅ के0वी0राजू ,आर्थिक सलाहकार मा0 मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश, श्रीमती मोनिका एस0 गर्ग कृषि उत्पादन आयुक्त, उत्तर प्रदेश एवं संजय अग्रवाल सहायक महानिदेशक इक्रीसेट,नई दिल्ली जनपद भ्रमण

ByNeeraj sahu

Sep 26, 2024

डाॅ के0वी0राजू ,आर्थिक सलाहकार मा0 मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश, श्रीमती मोनिका एस0 गर्ग कृषि उत्पादन आयुक्त, उत्तर प्रदेश एवं संजय अग्रवाल सहायक महानिदेशक इक्रीसेट,नई दिल्ली जनपद भ्रमण

** तहसील टहरौली के ग्राम भड़ोकर में वर्षा जल संरक्षण के लिए निर्मित हवेली संरचना का किया अवलोकन, क्षेत्र का जल स्तर बढ़ने की दी जानकारी

** तहसील टहरौली के 40 गाँव के लगभग 28 हजार हैक्टेयर क्षेत्रफ़ल में परिचालित परियोजना का किया अवलोकन

** परियोजना से क्षेत्र के किसानों की आर्थिक स्थिति में हुआ सुधार, सामाजिक स्तर में भी आया बदलाव

** मुख्य विकास अधिकारी जुनैद अहमद सहित जनपद के अन्य अधिकारियों ने पुष्प गुच्छ भेंट कर किया स्वागत

आज दिनांक 26 सितम्बर 2024 को डॉ के.वी. राजू, आर्थिक सलाहकार, मुख्यमंत्री, उ.प्र. सरकार; श्रीमती मोनिका एस. गर्ग, कृषि उत्पादन आयुक्त, उ.प्र. सरकार एवं संजय अग्रवाल, सहायक महानिदेशक, इक्रीसेट, नई दिल्ली ने इक्रीसेट द्वारा उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र के टहरौली तहसील के 40 गाँवों के लगभग 28000 हेक्टेयर क्षेत्रफल में परिचालित परियोजना जोकि राष्ट्रीय कृषि विकास योजना, उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा वित्तपोषित है, का अवलोकन किया।
इससे पूर्व जनपद भ्रमण पर आए आर्थिक सलाहकार मा0 मुख्यमंत्री जी एवं कृषि उत्पादन आयुक्त उत्तर प्रदेश का मुख्य विकास अधिकारी जुनैद अहमद, उपजिला अधिकारी मोंठ प्रदीप कुमार,संयुक्त कृषि निदेशक डा0 एल0 बी0 यादव,उप कृषि निदेशक एम0पी0 सिंह ने पुष्प गुच्छ भेंट कर स्वागत किया। मुख्य विकास अधिकारी ने मौके पर योजना अंतर्गत किए जा रहे कार्यों से ग्रामीणों को हो रहे लाभ के विषय में जानकारी दी।
भ्रमण की शुरुआत ग्राम नोटा में परियोजना अंतर्गत मॉडल तालाब पर बनाये गए आउटलेट के अवलोकन से हुई। इसके बाद ग्राम भड़ोकर में वर्षा जल संरक्षण के लिए निर्मित हवेली संरचना का अवलोकन किया गया। भ्रमण के दौरान डॉ एम0एल0 जाट, ग्लोबल रिसर्च प्रोग्राम डायरेक्टर एवं परियोजना प्रमुख डॉ0रमेश सिंह, विभागाध्यक्ष एवं प्रधान वैज्ञानिक इक्रीसेट, हैदराबाद ने परियोजना के अंतर्गत किये गए कार्यों के विषय में विस्तार से बताया।
उन्होंने परियोजना की जानकारी देते हुए बताया कि यह परियोजना नवम्बर 2022 में स्वीकृत हुई थी और तब से इस परियोजना के अंतर्गत वर्षा जल संरक्षण के लिए विभिन्न कार्य जैसे हवेली संरचना का निर्माण, नालों का गहरीकरण एवं चौड़ीकरण, नाला बंध का निर्माण, सामुदायिक तालाब का गहरीकरण एवं उस पर उपयुक्त जलनिकासी की व्यवस्था साथ ही खेतो का आकर छोटा कर के उस पर मेडबंदी एवं अतिरिक्त जल निकासी की व्यवस्था इत्यादि किये जा रहे हैं।
डॉ0 रमेश सिंह ने बताया कि इस परियोजना में अब तक कुल 12 हवेली संरचना, 5 सामुदायिक तालाब का जीर्णोद्धार एवं निर्माण किया जा चुका है। इसके अतिरिक्त लगभग 50 किमी से अधिक लम्बे नाले का गहरी एवं चौड़ीकरण किया गया है एवं जल संरक्षण के लिए लगभग 100 नाला बंध भी बनाये गए हैं। इसके अतिरिक्त वर्षा जल संरक्षण के लिए लगभग 2850 हेक्टेयर क्षेत्रफल में किसानों के खेत पर मेड़बंदी के साथ-साथ अतिरिक्त जल निकासी के लिए सरप्लस संरचनाओं का निर्माण कार्य भी किया गया है। उन्होंने बताया कि इन सभी कार्यों से अब तक लगभग 15.75 मिलियन क्यूबिक मीटर वर्षा जल संरक्षित किया जा चुका है, जिसका सकारात्मक असर क्षेत्र के भूमिगत जलस्तर एवं कुओं पर साफ दिखाई देने लगा है। कुओं में जल स्तर लगभग 3-4 मीटर बढ़ गया है।
भ्रमण के दौरान उन्होंने बताया कि वर्षा जल संरक्षण के अतिरिक्त परियोजना के अंतर्गत उच्च उपज देने वाली गेहूँ, चना, मटर, सरसों, मूंगफली इत्यादि की उन्नत प्रजाति के 2000 से अधिक फसल प्रदर्शन किसानों के खेतोँ पर किये गए। पशुओं के लिये हरे चारे की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए जई, बरसीम एवं नेपियर तथा बाजरा के 500 से अधिक प्रदर्शन दिए गए हैं। इसके अतिरिक्त फसल विविधता को ध्यान में रखते हुए एवं किसानों की आय बढ़ाने के लिए लगभग 150 एकड़ क्षेत्र में फलदार वृक्ष आधारित कृषिवानिकी के प्रदर्शन किये गए हैं, जिसका सीधा लाभ किसानों कि आर्थिक एवं सामाजिक स्तर पर दिखाई देगा।
उन्होंने बताया कि इसके अलावा लगभग 750 हेक्टेयर क्षेत्रफल में सागोन के पौधों का रोपण खेत की मेड़ पर किया गया है। परियोजना के अंतर्गत एक एफपीओ प्रोग्रेसिव बुंदेलखंड किसान उत्पादक कंपनी का गठन किया गया है,जिसके द्वारा रबी (चना एवं मटर) एवं खरीफ (मूंगफली) की उन्नत प्रजाति के बीजों को किसानों के खेतोँ में ही उगाया जा रहा है, जिससे क्षेत्र के किसानों को अच्छी प्रजाति के बीज कम मूल्य पर उपलब्ध कराये जा सकेंगे। परियोजना के अंतर्गत किसानों को खेती के गुण सिखाये जाने एवं उनकी क्षमता विकास के लिए विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रम भी आयोजित किये जा रहे हैं।
डॉ0 के0वी0 राजू, आर्थिक सलाहकार मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश सरकार, श्रीमती मोनिका एस0 गर्ग कृषि उत्पादन आयुक्त, उत्तर प्रदेश सरकार एवं संजय अग्रवाल सहायक महानिदेशक इक्रीसेट नई दिल्ली को भ्रमण के दौरान भदोखर में लगाए गए वैज्ञानिक उपकरणों की उपयोगिता के विषय में डॉ0 वेंकट राधा, वरिष्ठ वैज्ञानिक, इक्रीसेट एवं डॉ0अनंता, प्रधान वैज्ञानिक ने विस्तार से बताया।
भ्रमण के दौरान इक्रीसेट की ओर से डॉ0मंज़ूर दर (प्रधान वैज्ञानिक), आर0के0 उत्तम (सलाहकर), राजेंद्र सिंह (मैनेजर), डॉ0 नागार्जुना रेड्डी (एसोसिएट वैज्ञानिक), डॉ0 निरंजन प्रधान (एसोसिएट वैज्ञानिक), अरुण एस., ललित पटेल, शिशुवेंद्र कुमार, ई. दीपक त्रिपाठी, सुनील निरंजन, ई. ललित किशोर एवं इक्रीसेट के स्टाफ उपस्थित रहे।
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