मऊरानीपुर झांसी न्यूज़
परिवहन आयुक्त उत्तर प्रदेश की धज्जियां उड़ाते हुए स्कूली वाहन: रिपोर्ट अमित समेले
ग्रामीण एडिटर धीरेंद्र रायकवार
तहसील मऊरानीपुर परिवहन आयुक्त उत्तर प्रदेश के निर्देशानुसार स्कूल-कॉलेज वाहनों का पंजीकरण स्कूल कॉलेज की संस्था के नाम से होना चाहिए और वाहन चालकों के पास कर्म सीरियल व्यवसायिक ड्राइविंग लाइसेंस होना चाहिए और वाहन चालक का ड्राइविंग लाइसेंस कम से कम 5 वर्ष पुराना होना चाहिए आवश्यक है इसके अलावा वाहन के बीमा और प्रदूषण आदि की जांच की जानी चाहिए परिवहन आयुक्त उत्तर प्रदेश के निर्देशानुसार स्कूल-कॉलेजों के वाहनों में ओवर सेटिंग और ओवरलोडिंग करने वाले वाहनों की विरुद्ध सख्त कार्यवाही की जाए निर्देश में यह भी उल्लेख किया गया है किसी NGO कि CNG और LPG वाले वाहनों का प्रमाणित संस्था से जारी फिटिंग प्रमाण पत्र तथा लीकेज संबंधी जांच की जानी चाहिए स्कूल वाहनों की जांच स्कूल परिसर के बाहर परिवहन विभाग की अधिकारियों के साथ संयुक्त रुप से की जाए जिससे स्कूल संचालकों की मनमानी ओवरलोडिंग की जांच तथा बच्चों की सुरक्षा की जा सके जिले में कई बार परिवहन विभाग द्वारा कई वाहनों की जांच की गई परंतु किसी भी बड़े अधिकारी द्वारा मऊरानीपुर तहसील में स्कूल वाहनों की चेकिंग करने की जहमत तक नहीं उठाई गई परिवहन विभाग के उदासीन रवैया के कारण निजी स्कूल कॉलेज संचालक परिवहन कानून उल्लंघन कर छात्र छात्राओं की जीवन से खिलवाड़ करके बगैर फिटनेस के मऊरानीपुर में स्कूल वाहन धड़ल्ले से चल रहे हैं नाथू स्कूल संचालकों को परिवहन विभाग के आदेशों की फिक्र है ना ही स्थानीय प्रशासन का डर मऊरानीपुर वर्तमान समय में लगभग 25 स्कूल कॉलेज मान्यता प्राप्त और गैर मान्यता प्राप्त चल रहे हैं लगभग एसएसओ वाहनों में से लगभग 75 वाहन परिवहन विभाग के निर्देशों के अनुसार फिट नहीं हैं बगैर फिटनेस पेपर के यही स्कूल पूरे मऊरानीपुर भर में बड़े अधिकारियों की नाक के नीचे से और आसपास के क्षेत्रों में स्कूली बच्चों को लेकर फर्राटा भर रहे हैं मऊरानीपुर में कुछ स्कूल ऐसे भी हैं जिनकी अपनी बसे हैं वे स्कूल अन्य स्कूलों की अपेक्षा बेहतर हालत में हैं परंतु अधिकांश स्कूल प्रबंधकों ने अपने-अपने स्कूलों में किराए पर वाहनों की व्यवस्था की व्यवस्था कर रखी है किराए के स्कूल वाहनों की हालत एकदम खस्ता हाल है किराए के इन वाहनों में बसे तो नहीं हैं लेकिन टैक्सी मैजिक Maruti वैन आदि वाहनों की भरमार है इन वाहनों की फिटनेस सही ना होने के साथ ही छात्र छात्राओं की ओवरलोडिंग भी एक बड़ी समस्या है इन किराए के स्कूल वाहनों में फिटनेस और ओवरलोडिंग का क्या ना तो यहां के स्कूल प्रबंधक रखते हैं ना ही वाहन मालिक मऊरानीपुर में 80% स्कूल कॉलेजों के स्कूल वाहनों पर ना तो स्कूल कॉलेज का नाम लिखा होता है और ना ही स्कूल कॉलेज प्रबंधक और प्रधानाचार्य का नाम और फोन नंबर लिखा होता है मऊरानीपुर तहसील में संचालित स्कूल कॉलेजों के स्कूल वाहनों में 95% वाहनों में फर्स्ट एड बॉक्स और अग्निशमन यंत्र की व्यवस्था नहीं है मऊरानीपुर तहसील में संचालित हो रही निजी स्कूलों के प्रबंधकों की बेशर्मी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यहां बड़े अधिकारियों की नाक के नीचे फर्राटा भर रहे स्कूली वाहनों में Maruti वैन में 25 से लेकर 26 तक बच्चे बैठाए जाते हैं जबकि तिपहिया टैक्सियों में 15 से 16 बच्चे बैठाए जाते हैं परंतु सभी बड़े अधिकारी अपनी कुंभकरणी निद्रा में निद्रा में लीन हैं और किसी कार्यवाही की जहमत तक नहीं उठा पा रहे हैं
रिपोर्ट
अमित समेले