प्रदीप यादव
गोण्डा.जीवन बचाओ आन्दोलन की राष्ट्रीय प्रभारी अनुपम बाजपेयी ने दो बच्चों का कानून बनाने को लेकरउच्चतम न्यायालय में पीआईएल दायर की है। जनसंख्या नियंत्रण के लिए दो बच्चों का कानूनबनाने को लेकर जीवन बचाओ आन्दोलन द्वारा अभियान चलाया जा रहा है।देश की बढ़ती हुई आबादीहमारे आर्थिक विकास में सबसे बड़ी बाधा है, जब तक इस बढ़ती हुई आबादी पर रोक नहीं लगेगी तब तक आर्थिक विकास की सारी योजनाएं बेमानी साबित होंगी इसलिए चीन की तरह अपने देश मे भी हम दो हमारे दो के सिद्धान्त का दृढ़ता पूर्वक पालन न किया गया तो हम कहीं के न रहेंगे। यदि चीन अपनीदृढ़ नीति से अपने देश में करोड़ों बच्चों को जन्म लेने से रोक सकता है तो हम राष्ट्र की प्रमुख समस्या के निराकरण में किसी भी प्रकार की कोई कोर कसर रखते हैं तो आगे आने वाली पीढ़ी के लिए राष्ट्रद्रोह का कार्य होगा।जागरूकता फैलाने का कार्य किया जा रहा हैजीवन बचाओं आन्दोलन द्वारा जनसंख्या नियंत्रण के प्रति बच्चों युवाओं, महिलाओं समाज के सभी वगों में जागरूकता फैलाने का कार्य किया जा रहा है। आज जनसंख्यावृद्वि एक राष्ट्रीय समस्या है। इसके नियंत्रण के लिए एक निजी विधेयक के रूप में12/12/2014 को अध्यक्ष लोकसभा एवं अन्य को दो बच्चों का कानून बनाने के लिए दिया गया था, लेकिन दो वर्ष से अधिक समय बीत जाने के बाद भी इस विस्फोटक होती जनसंख्या के नियंत्रण के लिए संसद में चर्चा कर कानून नहीं बनाया गया।उत्तम परिवार की श्रेणी में रखा जायइस राष्ट्रीय समस्या पर संसद में चर्चा कर दो से अधिक बच्चा पैदा करना गैर कानूनी माना जाय। इस तरह का प्राविधान करने की आवश्यता है। दो बच्चों के परिवार को उत्तम परिवार की श्रेणी में रखा जाय। कानून बनाते समय छोटे परिवार का मापदण्ड तय किया जाना चाहिए, जिससे लोगों को पुरस्कृत एवं दण्डित करने की योजना बनायी जासके। असम जैसे कुछ प्रदेश जनसंख्या नियंत्रण के लिए आगे आ रहे हैं, यह सुखद पहल है।