मोंठ झाँसी- कस्बा में मोहर्रम का पर्व परम्परानुसार मनाया गया। ताजियां निकाले गये। ताजियां जुलूस में युवाओं ने विभिन्न करतबों का प्रदर्शन किया। हसन-हुसैन को याद करते हुये मातमी जुलूस निकाला। परम्परानुसार दो हिन्दु परिवारों के भी ताजिये निकाले। 18 मुस्लिम एवं 2 हिन्दुओं के ताजियां निकाले गये। ताजियों के जुलूस का जगह-जगह स्वागत किया गया। पुरानी तहसील के सामने ताजियों को क्रमबद्घ तरीके से रखा गया। ताजियों में मुंशी बाबा की छड़, अलयार खां एवं युसूफ ड्राईवर की बुर्राक, सब्बीर बाबा की मस्जिद, ताजियां हुसैन खां, रफीक खां, तहसील का ताजियां, नबाब अली, अहमद अली, मुंशी बाबा, पंचायत का ताजियां, इस्लाम ड्राईवर, युसूफ पठान, नबाव कुरैशी, मुनीर अली, ईलयाज कुरैशी, इसरार खां, ताज मुहम्मद, इस्लाम खां, लईक खां, जयात कुरैशी, वहीद खां, युसूफ खां, शेर खां तथा दो हिन्दु परिवारों के ताजियं निकाले गये। ताजियां जुलूस राजमार्ग से शुरु हुआ और नगर में भ्रमण किया। भ्रमण के दौरान अनीश ड्राईवर एवं होलू उस्ताद के पट्ठो ने तलवार, लाठी, भालों से करतब दिखाये। जुलूस में लोग मातम मनाते हुये चल रहे थे। इन्द्रिरा चौराहे पर पूर्व चेयरमैन शकीला किन्नर ने ताजियादारों को शॉल उड़ाया, ढोल बजाने वालों को पगड़ी एवं अखाड़े के उस्ताद, खलीफा सहित उनके पट्ठों को शील्ड व शॉल भेट किये। डाकखाने के पास इकवाल अहमद, ईदरीश बाबा, रानू पाण्डेय, धीरेन्द्र रायकवार, तारिक खां, मुकीम, तबरेज, पीर मुहम्मद, शकील कबाड़ी आदि ने शरबत, हलुआ, रायता वितरित किया। इसके अलावा झण्डा चौराहे पर इकरार खां, शबाब खां, बहीद खां एवं शहीद खां ने शरबत वितरित किया। डाकखाने के पास देवेन्द्र गोसांई तथा दूसरी तरफ डॉ. आलोक नोगरैया, शाहिद खां, अजहर बेग ने रेबड़ी, बूंदी, ठण्डा पानी पिलाया। ताजियां जुलूस में बुर्राक के साथ काफी संख्या में पुलिस बल मौजूद रही। हिन्दू परिवारों में करीम खटीक माते एवं गुप्ता परिवार के सदस्य नीरज,श्याम,दीपू, मनीष, मनोज, रोहन ने उनके पूर्वजों द्वारा शुरु की गयी परम्परानुसार ताजियां निकाले।