मुंबई। आज पूरे देश में गणेश चतुर्थी का उल्लास है। जगह-जगह पांडाल सज चुके हैं। शुभ मुहूर्त में भगवान गणेश की प्रतिमाएं इन पांडालों के अलावा घर, दुकान औ दफ्तरों में स्थापित की जाएंगी। हम यहां बताएंगे कि गणेशजी की मूर्ति खरीदते समय किन-किन बातों का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए। आप ऐसा करेंगे तो निश्चित ही विघ्नहर्ता आपके जीवन में मंगल लाएंगे।
– शास्त्रों में उल्लेख है कि गणेशजी का जन्म मध्यांतर में हुआ था। यही कारण है कि दोपहर में उनकी मूर्ति खरीदी और स्थापित की जाती है।
– गणेशजी की सूंड बाएं हाथ यानि लेफ्ट साइड की ओर हो। दाएं हाथ की ओर सूंड है तो माना जाता है कि गणेशजी आपके घर में हठी रूप में आते हैं और विधि विधान से पूजन ना होने पर यह गणेश रुष्ट हो जाते हैं।
– मान्यता है कि घर में बैठी हुई मूर्ति की स्थापना की जाती है। वहीं ऑफिस या दुकान में गणेशजी की मूर्ति खड़ी होना चाहिए।
– ऐसी मूर्ति खरीदें जिसके दोनों पैर जमीन का स्पर्श करते हुए हैं। इससे कामों में स्थिरता और सफलता बनी रहती है। घर और कार्यस्थल पर हमेशा लक्ष्मी का वास बना रहता है।
– गणेशजी की मूर्ति का रंग केसरिया होना चाहिए। इससे जीवन में कोई बाधा नहीं आएगी और आपकी हर पूजा मान्य होगी।
– मूर्ति में चूहा और लड्डू जरूर हो। इनके बगैर गणेशजी की कोई प्रतीमा या तस्वीर पूर्ण नहीं मानी जाती है।