जिला कृषि रक्षा अधिकारी ने बताया कि सुरक्षित अन्न भण्डारण के सम्बन्ध मे एडवाइजरी के अंतर्गत भण्डारण मे कीटों के प्रकोप का प्रमुख कारण यह है कि नमी भण्डारित अन्न मे यदि 10 प्रतिशत से अधिक नमी होती है तो कीटों की संख्या बढने लगती है तथा अनाज मे फफूद भी तेजी से बढती है। आक्सीजन की उपलब्धता यदि भण्डारण कक्ष या पात्र मे प र्याप्त आक्सीजन उपलब्ध है तो कीटों की संख्या बहुत तेजी से बढती है, जिसको नियंत्रित किया जाना आवश्यक है। तापक्रम-कीटों की बढवार एवं विकास के लिए 25-27 डिग्री सेंटीग्रेट तानमान उपयुक्त होता है भण्डारण कक्ष मे उपयुक्त तापमान बनाये रखने के लिए हीट स्पाट विकसित करते है। भण्डारण कक्ष का तापमान कम रखते हुए कीटो की बढवार रोकी जा सकती है।
उन्होंने बताया कि कीटो के भण्डारण कक्ष मे पहुंचने के प्रमुख कारण इस प्रकार है कि खेत द्वारा सूंड वाली सुरसरी, छोटा पतंगा एवं पल्स बीटल बोरों या खेत मे खडी फसल के दानों पर जो किसान की बिना जानकारी के विभिन्न अवस्थाओं मे भण्डारण कक्ष मे आ जाते है। मडाई के स्थान द्वारा-कुछ कीट थ्रेसिंग फ्लोर पर पहले से ही उपलब्ध रहते है जो मडाई के समय अनाज के साथ भण्डारण कक्ष मे आ जाते है। ढोने वाले साधन द्वारा-कुछ कीट ट्रैक्टर ट्राली, बैलगाडी आदि मे पहले से ही छिपे रहते है जो अनाज के साथ भण्डारण कक्ष मे आ जाते है।
उन्होंने बताया कि सुरक्षित अन्न भण्डारण हेतु सुझाव फसल की कटाई से लेकर भण्डारण कक्ष तक पूर्ण सावधानी बरतते हुए अनाज को लाना चाहिए, जिससे अनाज मे कीट की कोई प्रावस्था न रह जायें, जिस गोदाम कुठला भण्डारण गृह मे भण्डारण करना है उसकी भली प्रकार सफाई एवं मरम्मत करा लेना चाहिए। दरार या बिल आदि पूरी तरह सीमेण्ट से बन्द कर देना चाहिए, जिससे चूहे कीट या नमी का प्रवेश न हो। मैलाथियान 50 प्रतिशत इ्रर्0सी0के 1.100 के अनुपात मे घेाल बनाकर 10 मिनट भिगोने से बोरो मे छिपे कीट मर जाते है। कृषि विभाग उ0प्र0 द्वारा विभिन्न पारिस्थितिकीय द्वारा कीट/रोग योजनान्तगर्त समस्त कृषकों को 50 प्रतिशत अनुदान पर (अधिकतम रू 2000 प्रति बखारी ) 24 गेज के 5.3 एवं 2 कुन्तल के बखारियो पर अनुदान की व्यवस्था है। विभागीय पोटर्ल पर पंजीकृत कृषक डी0बी0टी0 के माध्यम से अनुदान प्राप्त कर सकते है।
जिला कृषि रक्षा अधिकारी ने यह भी बताया कि किसान कीट/रोग की समस्या का समाधान पाने हेतु टोल फ्री व्हाट्रसअप न0 9452247111 पर अपनी समस्या भेज कर निःशुल्क समाधान प्राप्त कर सकते है।
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