प्रदेश की मंडिया के किसानों को उपज का उचित मूल्य मिल रहा है
किसानों को अपनी उपज का वज़िम मूल्य बेचने के लिए राज्य कृषि उत्पादन मंडी परिषद द्वारा प्रत्येक जिले में मंडी व्यापारियों की स्थापना की जाती है। प्रदेश में 251 से अधिक मण्डी समितियाँ स्थापित हैं जिनमें 220 मण्डी क्षेत्र में मण्डी स्थल निर्मित हैं। इन मंडी इकाइयों में लाइसेन्स प्राप्त करने वाले व्यवसाय ही मंडी समिति में प्रस्तावित कृषि भवनों का विक्रीड-वैक्सीनेशन करने का अधिकार होता है। किसान अपने उत्पाद की वाजिब कीमत पर किसी भी व्यक्ति से मिल कर बेच सकते हैं। मंडी स्थल पर जब भी अपना किसान उत्पाद लेकर आता है तो उसके लिए प्रवेश द्वार पर प्रारूप निर्धारित कर दिया जाता है। जिसमें किसा का नाम पता, वाहन का विवरण, कृषि उत्पाद आदि का अंकित विवरण शामिल है। जिस कृषि उत्पाद का मूल्य केंद्र/राज्य सरकार द्वारा निर्धारित किया गया है, उससे कम मूल्य पर उस उत्पाद का विपणन नहीं किया जाता है। निर्धारित मूल्य/सेट मूल्य से अधिक पर किसान से संपर्क किया जाता है। इसे किसान को अपने उत्पाद का सही मूल्य मिल जाता है।
प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य दिलाने के लिए कई हितकारी कदम उठाने का आह्वान किया है। प्रदेश सरकार ने मंडियों का आधुनिकीकरण किया है। प्रदेश में मुख्यमंत्री मनोहर यूथ योजना के तहत राज्य मंडी परिषद द्वारा 79796 किसानों को 134.76 करोड़ रुपये का अनुदान दिया जाता है। प्रदेश में 27 नवीन मण्डी स्थलों का आधुनिकीकरण एवं 185 नगर हाट-पैठ का निर्माण किया गया है। मंडियों में किसानों के लिए प्री-अराइवल ई-पास लागू किया गया है और 1 मंडियों में डिजिटल पेमेंट की सुविधा दी गई है। प्रदेश के किसानों की उपज का मूल्य जनवरी, 2025 तक प्रदेश की 125 मंडियों में लगभग 06 हजार 99 करोड़ का डिजिटल व्यापार हुआ है। ई-मंडी योजना के अंतर्गत इस अवधि में 06 हजार 922 ई-लाइसेंस निर्गत किये गये हैं और ई-मंडियों में 04 करोड़ 18 लाख से अधिक ऑनलाइन पर्चियां प्राप्त की गयी हैं।
प्रदेश के किसान कल्याण के लिए संचालित अधिसूचना के माध्यम से उन्हें खोजा जा रहा है। मंडी एवं वर्तमान में 2019-20 के तहत 48 हजार 210 से लेकर 210 हजार 210 तक के अनुदान की राशि से 98 करोड़ 50 लाख से अधिक की अनुदान राशि जारी की गई है। प्रत्येक कृषि मंडी में माता शबरी के नाम पर कैंटीन एवं विश्रामालय स्थापित किये जा रहे हैं। कैंटीन में किसानों के लिए सब्सिडी युक्त सलाह के साथ भोजन की व्यवस्था उपलब्ध है। प्रदेश के 08 जिलों में किसानों की उपज की कीमत खरीदने की प्रक्रिया और सरल बनाने की प्रक्रिया 08 नई मंडिया/उपमंडिया और लखनऊ में 49 करोड़ की लागत से किसान एग्रीमॉल का निर्माण पूरा होने की स्थिति है।
किसानों की उपज के लिए सही व्यवसाय के लिए प्रदेश के पियानो, वाराणसी एवं सहजनवा में इंटीग्रेटेड पैक हाउस का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। प्रदेश में 88 ग्रामीण हाट बाजार भी पूर्ण कर लिये गये हैं। किसानों के हित के लिए एंड्रॉइड मोबाइल ऐप यू0पी0 मंडी भाव का शुभारम्भ किया गया है, जिसमें कृषि के बाजार भाव और मौसम की जानकारी प्रतिदिन निःशुल्क उपलब्ध है। प्रदेश के मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में पूर्व प्रधानमंत्री स्व0 चौधरी चरण सिंह के जन्म दिवस के तहत मुख्यमंत्री किसान सम्मान दिवस के रूप में किसानों को उपहारों का वितरण किया गया। किसानों को प्रोजेक्ट करने के उद्देश्य से वर्ष 2017-18 के पूर्व यूपी दास में केवल 01 योजना संचालित थी जो वर्तमान में 05 नये आकार में संचालित की जा रही है। फॉर्मर भर्ती जारी हुई वर्ष 2024-25 में माह दिसंबर, 2024 तक कुल 60.48 लाख फॉर्मर कार्ड जारी किये गये।
प्रदेश में किसानों की फसलों को बारिश के पानी/नदियों के बाढ़ से राहत के लिए अब तक कुल 1551 किसानों की कुल 32.87 लाख हेक्टेयर से अधिक भूमि का विनाश हुआ है जिससे बड़ी संख्या में किसानों की आबादी बर्बाद हो गई है। महिलाओं के लिए वैयक्तिक रूप से वैयक्तिक रूप से महिला स्वयं सहायता समुदाय के माध्यम से सीडलिंग का उत्पादन किया जा रहा है, जिससे लगभग 60 हजार महिलाओं को रोजगार के अवसर प्राप्त हुए हैं। प्रदेश सरकार ने लखनऊ में 251 करोड़ रुपये की लागत से भारतरत्न पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह जी के नाम पर एक सीड पार्क की स्थापना का निर्णय लिया है।