झाँसी में एन.एच.एम. कार्यक्रमों की समीक्षा में मिशन निदेशक ने दिए सुधार के दिशा-निर्देश
झाँसी में ही कराई जाए 4-डी से ग्रसित बच्चों की सर्जरी- मिशन निदेशक
मंडल की सभी चिकित्सकों इकाइयों पर क्रियाशील उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए
तीस वर्ष से अधिक के हर नागरिक की गैर संचारी रोगों की हो स्क्रीनिंग
सभी चिकित्सा इकाईयों का कराया जाये राष्ट्रीय गुणवत्ता मानकीकरण- डॉ पिंकी जोवल
उच्च जोखिम गर्भवती महिला की मृत्यु रोकने निगरानी जरूरी
सचिव स्वास्थ्य जहाँ गई वहाँ किया सहजन के पौधे का किया रोपण-बताये इसके औषधीय गुण
झाँसी : राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन उत्तर प्रदेश की मिशन निदेशक और सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य डा. पिंकी जोवल ने झाँसी का दौरा किया और यहाँ चल रहे विभिन्न स्वास्थ्य कार्यक्रमों की गहन समीक्षा की। उन्होंने एन.एच.एम. के तहत संचालित कार्यक्रमों की स्थिति का मूल्यांकन किया और गतिविधियों को और अधिक प्रभावी बनाने के निर्देश दिए। मिशन निदेशक/सचिव स्वास्थ्य ने स्वास्थ्य सेवाओं की गति और गुणवत्ता में सुधार लाने की दिशा में अधिकारियों से महत्वपूर्ण सुझाव सांझा किए।
उन्होंने झाँसी जिले के उप स्वास्थ्य केंद्र खैलार का स्थाल निरीक्षण भी किया। केंद्रों पर उपलब्ध स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति, संसाधनों की उपलब्धता और कर्मचारियों की कार्यप्रणाली का जायजा लिया। इस निरीक्षण के दौरान उन्होंने पाया कि जहां कुछ क्षेत्रों में अच्छा कार्य हो रहा है, वहीं अन्य स्थानों पर स्वास्थ्य सेवाओं को और अधिक प्रभावी बनाने की आवश्यकता है। उन्होंने मौके पर अधिकारियों से इन खामियों को शीघ्र दूर करने के लिए कदम उठाने का निर्देश दिया।
मिशन निदेशक व सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य ने सीएमओ ऑफिस झांसी के सभागार में *मंडलीय स्वास्थ्य समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की*।
समीक्षा बैठक में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के महाप्रबंधक (मातृ स्वास्थ्य) एवं महाप्रबंधक (बाल स्वास्थ्य), स्वास्थ्य विभाग के अधिशासी अभियंता भी सम्मिलित हुए।
समीक्षा बैठक में झांसी मंडल के तीनों जनपद झांसी जालौन व ललितपुर के स्वास्थ्य कार्यक्रमों की विस्तृत समीक्षा की गई। बैठक का संचालन मंडली परियोजना प्रबंधक NHM आनंद चौबे ने किया।
समीक्षा बैठक में डॉ सुमन अपर निदेशक स्वास्थ्य, डॉ सुधाकर पांडेय सीएमओ झांसी, डॉ एन डी शर्मा सीएमओ जालौन, इम्तियाज अहमद सीएमओ ललितपुर, डॉ एन के जैन, डॉ यू एन सिंह, श्री आनन्द चौबे मण्डलीय कार्यक्रम प्रबंधक, जिला चिकित्सालय व महिला चिकित्सालय के सीएमएस, जिला कार्यक्रम प्रबंधक, डॉ विजयश्री, डॉ राजनारायण सहित तीनों जिलों के स्वास्थ्य विभाग व राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अधिकारी उपस्थित रहे।
*बैठक में दिए गए मुख्य निर्देश*
1. *गैर संचारी रोगों की स्क्रीनिंग*
30 वर्ष से अधिक आयु के प्रत्येक व्यक्ति की गैर संचारी रोगों की स्क्रीनिंग की जाए। इसमें हाइपरटेंशन, मधुमेह, कैंसर और अन्य संबंधित रोगों की पहचान कर उपचार कराने को कहा।
2. *ई-संजीवनी से उपचार*
ई-संजीवनी OPD के माध्यम से ग्राम स्तर पर ही विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा परामर्श दिलाकर औषधियों का वितरण सीएचओ (कमीयुनिटी हेल्थ ऑफिसर) के माध्यम से कराया कराया जाए।
3. *चिकित्सा इकाईयों का राष्ट्रीय गुणवत्ता मानकीकरण*
मंडल की सभी चिकित्सा इकाइयों का राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानकीकरण के तहत कार्य लक्ष्यों को निर्धारित करते हुए इसे सुनिश्चित किया जाएगा ताकि सभी इकाइयों में उच्चतम गुणवत्ता की स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जा सकें।
4. *गर्भवती महिलाओं के लिए सुरक्षित प्रसव सेवाएं*
उच्च जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं के लिए गुणवत्तापूर्ण प्रसव पूर्व जांच की सुविधा प्रदान की जाएगी और सुरक्षित संस्थागत प्रसव को सुनिश्चित किया जाएगा। किसी भी उच्च जोखिम गर्भवती महिला की मृत्यु को रोकने के लिए निरंतर निगरानी रखी जाएगी।
5. *नोडल अधिकारियों की जिम्मेदारी*
आरसीएच के नोडल अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे चिन्हित उच्च जोखिम गर्भवती महिलाओं के संपर्क में रहें और प्रसव तक उनकी सहायता करें। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि गर्भवती महिलाएं प्रसव स्थल तक पहुँचने में किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करें।
6. *निशुल्क अल्ट्रासाउंड सेवा और प्रचार प्रसार*
पीएमएसएमए के तहत निशुल्क अल्ट्रासाउंड सेवाओं का प्रचार प्रसार किया जाएगा। इसके साथ ही 80% तक वाउचर रिडीम कराने की योजना को आगे बढ़ाया जाएगा। झांसी में 59 अल्ट्रासाउंड सेंटर इम्पैनल्ड हैं और जालौन तथा ललितपुर जिलों में भी सभी अल्ट्रासाउंड सेंटर को इम्पैनल्ड किया जाएगा।
7. झांसी में सिजेरियन प्रसव की व्यवस्था*
झांसी के जिला महिला चिकित्सालय में रात्रि के समय भी सिजेरियन प्रसव की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए ऑन कॉल निश्चेतक बुलाए जाएंगे ताकि कोई भी प्रसव कार्य में कोई रुकावट न आए।
8. आरबीएसके के तहत सर्जरी*
आरबीएसके कार्यक्रम के अंतर्गत चिन्हित बच्चों की सर्जरी जिले में ही की जाएगी, जिससे अभिभावकों को दूर-दूर तक जाने की आवश्यकता न हो और सर्जरी की प्रक्रिया सहज हो सके।
अन्य कार्यक्रम
(1) मेडिकल कॉलेज परिसर में स्वास्थ्य विभाग के मंडलीय प्रशिक्षण केंद्र में चल रहे *नर्सिंग फैकेल्टी के दो दिवसीय सिफसा द्वारा आयोजित प्रशिक्षण में* सचिव स्वास्थ्य/अधिशासी निदेशक सिफसा द्वारा प्रशिक्षण कार्यक्रम की गुणवत्ता परखी, उन्होंने प्रतिभागियों से आने वाले नर्सिंग कैडर के बेहतर प्रशिक्षण पर विस्तार से चर्चा की।
मिशन निदेशक ने कहा कि लगन व मेहनत से ही किसी भी कार्यक्रम में गुणवत्तात्मक सुधार लाया जा सकते है, इसके लिए सभी नर्सिंग फैकेल्टी को मिलकर अगली पीढ़ी को बेहतर नर्सिंग एजुकेशन देनी चाहिए।
(2) राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत मेडिकल कॉलेज में *निर्माणाधीन क्रिटिकल केयर यूनिट के निर्माण में हो रहे विलंब* पर स्थल निरीक्षण कर मिशन निदेशक ने निर्माण इकाई के अधिकारियों के साथ चर्चा की तथा निर्देश दिए कि निर्धारित समय सीमा में इस कार्य को पूरा कराया जाए।
(3) सहजन के चमत्कारी आरोग्य गुणों के कारण इसे स्वास्थ्य की दृष्टि से अति महत्वपूर्ण माना जाता है। मिशन निदेशक ने इस पौधे के वृक्षारोपण और प्रचार प्रसार के निर्देश दिए। उन्होंने आज के झाँसी भ्रमण के दौरान जहां जहां गई वहाँ सहजन का रोपण किया।