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पाप को नष्ट कर धर्म की स्थापना करने के लिए होता है भगवान का प0 राधामोहन दास जी; रिपोर्ट-दयाशंकर साहू नरेन्द्र कुमार सविता पूँछ

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ग्रामीण एडीटर अवध विहारी

 

पूँछ एरच रोड विनायक पब्लिक स्कूल में चल रही श्री मद भागवत कथा में आज कथा वाचक व्यास जगतगुरु प0 राधामोहन शरण देवाचार्य जी महाराज द्वारा कृष्ण जन्म की सुंदर कथा का विस्तृत वर्णन करते हुए बताया कि पृथ्वी पर अनाचार एवं अत्याचार अधर्म की बढ़ोत्तरी होती है तो स्वयं भगवान विष्णु अवतरित हो कर पृथ्वी पर बढ़े हुए भार को नष्ट कर धर्म की स्थापना करते है
कथा में वताया की
द्वापरयुग के अंत मे मथुरा के राजा उग्रसेन का पुत्र कंस अपने चाचा देवक जी की सबसे छोटी पुत्री देवकी को विवाह के उपरांत जिसका विवाह बासुदेव से हुआ था रास्ते मे हुई आकाश वाणी को सुनकर कंस अपनी बहन को मारने के लिए उद्धत हुआ तो बासुदेव ने कहा कि देवकी की कोख से जन्म लेने वाले वच्चो को में तुम्हे सौपता रहूंगा जिसपर कंस ने देवकी को जीवित छोड़ दिया और वापिस महल में आकर अपने पिता को वंदी बना कर स्वयं मथुरा का राजा बन गया जब देवकी को पहला पुत्र हुआ तो बासुदेव जी उसे कंस के पास लेकर गए कंस ने पहले तो उसे लौटा दिया पीछें नारद जी ने उसे समझाया कि देवकी और बासुदेव का कोई भी पुत्र 8 वा हो सकता है जिसपर कंस ने बालक को छीन कर पत्थर पर दे दिया और देवकी एवं वासुदेव को कारगर में डाल दिया जो भी पुत्र होता उसे वह मार डालता सातवे पुत्र के रूप में स्वयं अनन्त भगवान शेष नाग आये कंस के भय से बासुदेव जी की शेष सभी रानी मथुरा छोड़कर यह वहा चली गई थी जबकि रोहणी जी गोकुल में जाकर ब्रजराज नन्द जी के यह रह रही थी भगवान की आज्ञा से योग माया ने देवकी के गर्भ को रोहणी के पेट मे स्थापित कर दिया मथुरा में सभी ने यही समझा कि देवकी का गर्भ पात हो गया कृष्ण पक्ष की अष्ठमी दिन बुधवार को भगवान कंस के कारगर में प्रकट हो गए कथा में जन्म के बाद स्थानीय महिलाओ ने सोहरे गीतों एवं भजनों की प्रस्तूति दी इस दौरान मुख्य रूप से रतन यादव, धर्मेन्द्र सोनी, रामकुमार गोस्वामी,ओपी यादव , जगन्नाथ सिंह, डॉ सुरेंद्र गुप्ता, तिलक यादव, गोविन्द सिंह, अजय शुक्ला, मोहन दादी, अमित कंदेले, रामू, भगत सिंह, अजय , आदि उपस्थित रहे।
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