अश्राम मामले में आया नया मोड़, प्रधान ने कहा दलित हैं विधायक इस लिये मंदिर हुआ अपवित्रः रिपोर्ट- नेहा वर्मा
ग्रामीण एडिटर धीरेन्द्र रायकवार
हमीरपुर जनपद राठ क्षेत्र के मुस्करा खुर्द गांव के धूम्र ऋषि आश्रम में विधायक के प्रवेश का मामला जातीय रंग लेता जा रहा है। सोमवार को ग्राम प्रधान ने गांव के कुछ लोगों पर जातीय आधार पर भेदभाव करने का आरोप लगाया। ग्राम प्रधान का आरोप है कि दलित महिला होने के कारण विधायक के जाने पर मंदिर को पवित्र कराया गया।
आपको बतादें कि मुस्करा खुर्द गांव में प्राचीन धूम्र ऋषि का आश्रम है जहां पर महिलाओं का प्रवेश वर्जित है। बीते 12 जुलाई को स्थानीय विधायक मनीषा अनुरागी गांव के स्कूल में ड्रेस वितरण कार्यक्रम में पहुंचीं। कार्यक्रम के बाद आश्रम में पहुंच कर धूम्र ऋषि को नमन किया। महिला विधायक के आश्रम में जाने से ग्रामीणों में हड़कंप मच गया। ग्रामीणों का मानना था कि एक महिला के आश्रम में जाने से ऋषि नाराज हो गये जिससे क्षेत्र में बारिस नहीं होगी। मुनादी करा पूरा गांव इकट्ठा किया गया। पंचों की सहमति से धूम्र ऋषि के आश्रम की एक इंट को करीब आधा सैकड़ा ग्रामीण फूलों के आसन पर इलाहाबाद ले गये। जहां उन्हें संगम में स्नान करा उनके क्रोध को शांत किया गया। इस मामले में सोमवार को एक नया मोड़ आ गया। ग्राम प्रधान ओमप्रकाश सिंह ने आरोप लगाया कि दलित विधायक के मंदिर जाने से मंदिर अपवित्र करार दे दिया गया। बताया कि यह दलित विधायक व दलित प्रधान को नीचा दिखाने की साजिश है। इस संबंध में सीओ अभिषेक यादव ने बताया कि इस तरह का कोई मामला नहीं है। खुफिया विभाग की जांच में महिलाओं के आश्रम में प्रवेश पर रोक की बात सामने आई। किन्तु जातीय आधार पर भेदभाव की किसी बात से उन्होंने साफ इनकार किया।