ग्रामीण एडिटर ब्यूरो धीरेन्द्र रायकवार
राठ( हमीरपुर) स्वच्छ भारत मिशन के तहत खुले में शौच से मुक्ति के लिये सरकार द्वारा घर घर शौचालय बनवाने का आवाहन किया जा रहा है। प्रोत्साहन स्वरूप शौचालय बनवाने के लिये ग्रामीण क्षेत्र में बारह हजार रूपये अनुदान राशि दी जाती है। किन्तु प्रधान व सचिव की लापरवाही से इस अभियान के तहत पात्र व्यक्ति लाभ नहीं उठा पा रहे हैं।
ऐसा ही एक मामला क्षेत्र के मझगवां गांव का सामने आया। मझगवां में ग्रामीणों ने यहां वहां से पैसे लेकर शौचालयों के लिये गड्ढे तो खुदवा लिये किन्तु अनुदान न मिलने से वह गड्ढे वैसे ही खुदे पडे़ हुए हैं। इन खुदे हुए गड्ढों में गिरकर मवेशी सहित ग्रामीण दुर्घटना का शिकार बन रहे हैं। मझगवां निवासी रामसेवक ने बताया कि उसने किसी तरह व्यवस्था कर शौचालय के लिये गड्ढा खुदवा लिया था। किन्तु उसके खाते में शौचालय के लिये एक भी किस्त नहीं आई। पैसों के इंतजार में गड्ढा खुदा पड़ा है जिस वजह से उसे शौच के लिये मजबूरी में गांव के बाहर जाना पड़ता है। गांव के ही गौरीशंकर, ज्ञानदेवी, दशाराम आदि ने बताया कि उनके घरों में शौचालय नहीं हैं फिर भी उन्हें इस योजना का लाभ नहीं दिया गया। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि ग्राम प्रधान व सचिव द्वारा मिलीभगत कर एैसे अपात्रों को इसका लाभ दे दिया गया जिनके यहां पर वर्षों से शौचालय बने हुए हैं। जबकि पात्र व्यक्ति मजबूरी के चलते खुले में शौच क्रिया के लिये जाते हैं।
रिपोर्ट- नेहा वर्मा