ग्रामीण एडिटर ब्यूरो धीरेन्द्र रायकवार
मऊरानीपुर (झांसी) उल्दन से जो टहरौली के लिए सड़क गई है उसमें बीच में पथराई डैम पड़ता है पथराई डैम से जो मुख्य नहर निकली हुई है मुख्य नहर के पास से जो सड़क निकली हुई है वह सिंचाई विभाग के अंतर्गत आती है जिसमें नहर से क्रॉस करने के लिए कई गांव पढ़ते हैं जिसमें सिंचाई विभाग द्वारा पुलिया व साइफन बनाए गए हैं साइफन के छत टूटे पड़े हैं जिससे आवागमन में भारी समस्याओं का सामना क्रॉस करने वाले ग्राम वासियों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है!
सिंचाई विभाग की कार्य गति है साइफनो की छत टूटी पड़ी है उन्हीं के ऊपर से क्रशिंग करने वाले गांव पड़ते हैं जैसे कि मुख्य ग्राम घाट रजवाड़ा सतपुरा बदरवास बांध पड़ता है इन ग्रामवासियों को मेन रास्ते से ना जाकर कम से कम 10 किलोमीटर का चक्कर देना पड़ रहा है जब जाकर कहीं यह मुख्य सड़क पर पहुंचते हैं अगर इन ग्रामों के किसानों को भी अपने खेतों पर ट्रैक्टर वाहन लेकर जाना पड़ता है तो कम से कम 8 किलो मीटर का चक्कर देना पड़ता है कई बार इन ग्रामवासियों ने सिंचाई विभाग में शिकायत दर्ज भी कराई लेकिन इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया ध्यान दिया गया है अगर तो सिर्फ कागजों पर दिया गया कागजों में बना हुआ दिखाया जाता है लेकिन इसकी हकीकत कुछ और ही है आए दिन इसमें जो आवारा पशु घूम रहे हैं इसमें गिर जाते हैं तो ग्राम वासियों की मदद से इन्हें बाहर निकाला जाता है क्योंकि जो मुख्य पुलिया पढ़ती है उस की दीवार ढह गई है एक साइड से अगर इस पर निकलते हैं इस पर खतरा ही खतरा है इसलिए सतपुरा ग्राम प्रधान आशीष यादव ने कहा कि कई बार समस्त ग्राम वासियों ने इसकी शिकायत की लेकिन इस पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है विभागीय अधिकारी इस साइफन का कई बार पैसा निकाल भी चुके हैं लेकिन इसे सिर्फ कागजों में बना हुआ दिखा रहे हैं यही बात है ग्राम प्रधान रजवारा ने भी कहीं कि हम कई बार ग्रामवासियों को लेकर इसकी शिकायत सिंचाई विभाग में दर्ज करा चुके हैं लेकिन इस पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है भाजपा सरकार वादे करती है कि हम गड्ढामुक्त सड़क बनाएंगे लेकिन यहां तो गड्ढा से बढ़कर भी कुछ और है लेकिन शासन प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं अगर ध्यान नहीं दिया गया आगे इस पर खतरा ही खतरा है यहां पर अगर किसी व्यक्ति को मालूम ना हो अगर वह यहां से निकले तो उसकी जान को खतरा ही खतरा है इसमें कई बार मवेशी भी गिर चुके हैं उन्हें ग्राम वासियों की मदद से निकाला जाता है
रिपोर्ट-अमित समेले