नई दिल्ली । बेंगलुरु में वरिष्ठ पत्रकार गौरी लंकेश की गोली मारकर हत्या कर दी गई । हमलावरों ने उनके घर में घुसकर उन्हें गोली मार दी । वैचारिक मतभेदों को लेकर वह कुछ लोगों के निशाने पर थीं। गौरी लंकेश कन्नड़ भाषा की साप्ताहिक गौरी लंकेश पत्रिका की संपादक थीं । उन्हें निर्भीक और बेबाक पत्रकार माना जाता था । वह कर्नाटक की सिविल सोसायटी की चर्चित चेहरा थीं । गौरी कन्नड़ पत्रकारिता में एक नए मानदंड स्थापित करने वाले पी. लंकेश की बड़ी बेटी थीं । वह वामपंथी विचारधारा से प्रभावित थीं और हिंदुत्ववादी राजनीति की मुखर आलोचक थीं । गौरी लंकेश कई समाचार पत्र-पत्रिकाओं में कॉलम लिखती थीं । गौरी लंकेश राइट विंग की मुखर आलोचक मानी जाती थी । बताया जा रहा है कि वैचारिक मतभेद को लेकर गौरी लंकेश कुछ लोगों के निशाने पर थी । गौरी लंकेश जिस साप्ताहिक पत्रिका का संचालन करतीं थी उसमे कोई विज्ञापन नहीं लिया जाता था । उस पत्रिका को 50 लोगों का एक ग्रुप चलाता था । पिछले साल बीजेरी सांसद प्रह्लाद जोशी की तरफ से दायर मानहानि मामले में गौरी लंकेश को दोषी करार दिया गया था, जिन्होंने उनके टैब्लॉयड में भाजपा नेताओं के खिलाफ एक खबर पर आपत्ति जताई थी । गौरी लंकेश मीडिया की आजादी की पक्षधर थीं । पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या के बाद सड़क पर उतरे लोग गौरी लंकेश की हत्या से सामने आया संघी आतंकवाद: शेहला रशीद इन पत्रकारों को भी लंकेश की तरह ही मारी गई थी गोली l