ऋण समूह कंपनियों के कर्ज तले दबे 50 बर्षीय व्यक्ति ने लगाई फांसी, मौत
माइक्रो फाइनेंस (लोन समूह) कंपनियों के कर्ज के बोझ तले दबे 50 बर्षीय व्यक्ति ने फांसी लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। मृतक ने कई समूहों से लोन लिया था। जिनकी किस्त वह समय से नहीं भर पा रहा था। कंपनियों के एजेंट उसपर किस्त लेने का दबाव बना रहे थे। सोमवार को जब एजेंट किस्त लेने आये तो राजकुमार तिवारी किस्त नहीं दे पाया। वह सीधा मकान के अंदर गया और एक कमरे के दरवाजे बंद करके फांसी के फंदे पर झूल गया। जिसे मोंठ सीएचसी में चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। बताया गया है कि समथर थाना क्षेत्र के ग्राम बसोबई में करीब 50 बर्षीय राजकुमार तिवारी पुत्र स्वर्गीय रामरतन तिवारी अपने परिवार के साथ रहता था। उसने कई प्राइवेट माइक्रो फाइनेंस कंपनियां के समूहों से जुड़कर लोन लिया था। जिनकी किस्त वह समय समय पर जमा करता था। इस बार जब वह अपनी किस्त समय से जमा नहीं कर सका तो फाइनेंस कंपनियों के एजेंट उसपर किश्त जमा करने का दबाव बना रहे थे। सोमवार करीब 12:00 बजे कुछ एजेन्ट राजकुमार तिवारी के घर आए और उससे किस्त जमा करने के लिए कहने लगे, लेकिन वह किश्त का पैसा देने में सक्षम नहीं था। जब एजेन्ट ज्यादा दबाव बनाने लगे तो क्षुब्ध होकर राजकुमार तिवारी ने घर के अंदर गया और एक कमरे में जाकर दरवाजे बंद कर लिए। उसने रस्सी से फांसी का फंदा बनाया और फांसी लगा ली। कुछ देर बाद उसकी पत्नी संजू तिवारी ने दरवाजा खटखटाया तो अंदर से कोई जवाब नहीं मिला। तत्काल उसने अन्य परिजनों को बुलाया, परिजनों ने दरवाजा तोड़कर देखा तो उनके होश उड़ गए। कमरे के भीतर राजकुमार फांसी के फंदे पर झूल रहा था। परिवार के सदस्यों ने उसे फांसी के फंदे से नीचे उतारा और तत्काल निजी वाहन से सीएचसी मोंठ में भर्ती कराया। जहां चिकित्सकों ने जांचोंपरांत उसे मृत घोषित कर दिया। स्वास्थ्य विभाग ने इसकी सूचना पुलिस को भेज दी। वहां पुलिस ने पहुंचकर शव का पंचनामा भरा और पोस्टमार्टम के लिए झांसी भेज दिया है। बताया कि मृतक राजकुमार तिवारी करीब 10 साल पहले मोंठ के एक प्राइवेट स्कूल में प्रधानाचार्य के पद पर था। उसके बाद वह खेती-किसानी करके परिवार का भरण-पोषण करता था। उसका एक 26 बर्षीय पुत्र योगेश तिवारी शादीशुदा है,जो दिल्ली में रहकर प्राइवेट जॉब करता है। – मृतक के परिवार के सदस्य राहुल तिवारी ने बताया कि उनके बड़े भाई राजकुमार तिवारी ने कई समूहों से लोन लिया था। आज एजेंट किश्त लेने आये थे। उनसे 2-4 दिन की मोहलत भी मांगी थी, लेकिन वह नहीं माने। वह किश्त जमा नहीं कर सके तो उन्होंने फांसी लगाकर अपनी जान दे दी।