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माँ भद्रकाली मंदिर भदरवारा में हुआ ताड़का वध का भव्य आयोजन रिपोर्ट देवेश गुप्ता

 

मऊरानीपुर (झाँसी) 1 अप्रैल। क्षेत्र के ग्राम भदरवारा में स्थित प्रसिद्ध माँ भद्रकाली मंदिर में चल रहे चैत्र नवरात्रि साप्ताहिक विशाल मेला में शनिवार को ताड़का वध भव्य आयोजन किया गया।
माँ भद्रकाली मंदिर प्रांगण में चैत्र नवरात्रि के अवसर पर चल रहे मेले के सातवें दिन शनिवार को हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी विशाल तड़का वध का आयोजन हुआ। मेले में ताड़का को विशालकाय रूप में कुशल कारीगरों द्वारा बनाया गया।शाम के समय मेला प्रांगण में हाथी, घोड़े एवं बैंड बाजे के साथ प्रांगण में घुमाते हुए हाथी ने पैरों से कुचल कर वध कर दिया।ताड़का वध को देखने के लिए दूरदराज के ग्रामों के लोगों का हुजूम मौजूद रहा। मेले में रात्रि में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भव्य आयोजन किया जा रहा है।
भद्र काली मंदिर में देवी जी के भक्त विभिन्न रूपों में देवी की पूजा अर्चना कई वर्षों से करते आ रहे हैं। देवी मां के विभिन्न स्वरूपों में से एक अद्भुत स्वरूप झांसी जिले के मऊरानीपुर तहसील के ग्राम भदरवारा में है। यहां मंदिर में बिराजमान मां भद्रकाली की 20 भुजाएं देश में इस प्रकार की देवी मां की इकलौती मूर्ति है। माँ भद्रकाली के नाम से ही भदरबारा ग्राम का नाम रखा गया है। मां का प्राचीन नाम मावली माता है। लगभग 10 दशक पहले यहां माता का मंदिर बनाया गया था। पहले यह अद्भुत मूर्ति मावली पेड़ के नीचे मडिया में विराजमान थी। ऐसी किंवदंती है कि माता ने पांडवों को यहां दर्शन दिए थे। वनवास के समय मै पांडवों ने मावली माता की आराधना की। जिससे प्रसन्न होकर देवी मां ने 20 हाथों वाले स्वरूप में दर्शन दिए थे।भद्रकाली ने पांडवों को वरदान दिया था कि जंगल में बैठकर रक्षा करेंगी। ग्रामीण बुजुर्गों का मानना है कि द्वापर युग से ही माता यह अपने बीस भुजा रूप में विराजमान हैं। और दर्शन करने आने वाले भक्तों की रक्षा करती हैं ऐसी मान्यता है कि यहां आने वाले भक्त कभी खाली हाथ वापस नहीं लौटता यही वजह है कि देश के कोने-कोने से लोग यहां आकर मत्था टेकते हैं । चैत्र नवरात्र के अवसर पर लगातार कई वर्षों से माता के मंदिर पर धार्मिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों की धूम मची रहती है।

रिपोर्ट – देवेश कुमार गुप्ता

ग्रामीण एडिटर ब्यूरो धीरेंद्र रायकवार

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