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गोआश्रय स्थलों में संरक्षित गोवंशों के भरण पोषण हेतु भूसा दान/सहयोग करने की सीडीओ ने की अपील

‘‘भूसा दान, महादान’’ :- सीडीओ

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** भूसा दानदाताओं को प्रशस्ति पत्र देकर किया जाएगा सम्मानित

** भूसा दान पुनीत कार्य में सहयोग देकर पुण्य के बने भागीदार

** भूसा दान/सहयोग करने के लिए मुख्य पशु चिकित्साधिकारी के मोबा. नं. 9412124284 या गोआश्रय स्थलों से संपर्क करें

मुख्य विकास अधिकारी जुनेद अहमद ने जनपद के सभी सम्मानित ग्राम प्रधान/क्षेत्र पंचायत सदस्य/जिला पंचायत सदस्य/मा.जनप्रतिनिधियों/गणमान्य व सम्भ्रान्त व्यक्तियों/व्यवसायियों एवं समाजसेवी व गोसेवक प्रेमियों से अपील करते हुए कहा कि “भूसा दान महादान” गोआश्रय स्स्थलों में संरक्षित गोवंशों के भरण पोषण हेतु भूसा दान करते हुए सहयोग करें।
मुख्य विकास अधिकारी जुनेद अहमद ने विकास खंड बबीना के ग्राम ढिकोली की गोशाला का निरिक्षण करते हुए बताया कि जनपद में सचांलित 286 गोवंश आश्रय स्थल संचालित है। जिसमें कुल 42724 गौवंश संरक्षित किये गये है, जिनके भरण पोषण के लिए भूसा, हरा चारा की आदि की आवश्यकता होती है। इसके लिए प्रदेश सरकार द्वारा भरण-पोषण हेतु उपलब्ध करायी जा रही अनुदान धनराशि के साथ-साथ जनसामान्य से भी सहयोग की अपील करते हुए भूसा दान करने का आव्हान किया।
उन्होंने कहा कि गोआश्रय स्थलों में संरक्षित गोवशों के भरण पोषण हेतु दान/सहयोग द्वारा अधिक से अधिक मात्रा में भूसा दान करें। साथ ही आपसे अपेक्षा है कि इस पुनीत कार्य में उन्मुक्त भाव से सहयोग करते हुए पुण्य के भागी बनें। भूसादान में आपका सहयोग सदा सराहनीय रहेगा। प्रत्येक विकास खण्ड के भूसा दान कर्ताओं को जिलाधिकारी द्वारा सम्मानित किया जायेगा। भूसा दान/सहयोग करने के लिए मुख्य पशु चिकित्साधिकारी के मोबा. नं. 9412124284 या गोआश्रय स्थलों से संपर्क करें।
मुख्य विकास अधिकरी जुनैद अहमद ने ग्राम ढिकोली में गो-आश्रय स्थल का निरीक्षण करते हुए को आश्रय स्थल पर भूसा की उपलब्धता एंव गोवंश के रखरखाव को देखा। उन्होंने ग्राम प्रधान सहित गो-आश्रय स्थल के संचालक को निर्देशित करते हुए कहा कि गोवंश को किसी भी दशा में खुला न छोड़ा जाए, उन्हें छांव में रखा जाना सुनिश्चित किया जाए।
उन्होंने गो आश्रय स्थल को चारों ओर से गर्म हवा एवं धूप से बचाएं जाने हेतु त्रिपाल आदि का प्रयोग करने के अतिरिक्त पर्याप्त पेय जल की व्यवस्था को भी सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए। गो-आश्रय स्थल का निरीक्षण करते हुए उन्होंने बीमार गौवंश का परीक्षण करते हुए इलाज सुनिश्चित कराए जाने को भी निर्देषित किया।
इस मौके पर ग्राम प्रधान,ग्राम विकास अधिकारी उपस्थित रहे।

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