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31222उत्तर प्रदेश राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्षता में बाल संरक्षण से सम्बंधित योजनाओं की समीक्षा बैठक सम्पन्न

ByNeeraj sahu

Oct 16, 2024

उत्तर प्रदेश राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्षता में बाल संरक्षण से सम्बंधित योजनाओं की समीक्षा बैठक सम्पन्न

** बाल श्रम के मामलों में दुकानदारों से नियम संगत रीति से अर्थदंड की वसूली भी की जाए

** जनपद के मदरसों में उर्दू के अतिरिक्त अन्य विषयों की शिक्षा पर भी विशेष बल दिया जाए

** खंड शिक्षा अधिकारी विद्यालयों के निरीक्षण के दौरान बिना सूचना के अनुपस्थित शिक्षकों के विरुद्ध कठोर दंडात्मक कार्यवाही करें

** शारीरिक रूप से अक्षम प्रत्येक व्यक्ति को दिव्यांग कहकर संबोधित किया जाए : सदस्य।
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झाँसी : आज सदस्य, उत्तर प्रदेश राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग श्याम त्रिपाठी जी की अध्यक्षता में जनपद में संचालित सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थाओं, मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना तथा बाल संरक्षण से जुड़ी योजनाओं की समीक्षा बैठक सर्किट हाउस सभागार में आयोजित की गई।
समीक्षा बैठक के दौरान सदस्य महोदय बैठक में उपस्थित अधिकारियों को निर्देशित करते हुए माननीय सदस्य महोदय ने कहा कि बाल श्रम के मामलों में दुकानदारों से नियम संगत रीति से अर्थदंड की वसूली की जाए। अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी जनपद के मदरसों में निरीक्षण के दौरान मदरसों में दी जा रही शिक्षा पर भी निगरानी रखें, साथ ही मदरसों में उर्दू के अतिरिक्त अन्य विषयों की शिक्षा पर ध्यान देने हेतु शिक्षकों को प्रेरित करें। शिक्षा विभाग की समीक्षा के दौरान उन्होंने निर्देश दिए कि जनपद के समस्त खंड शिक्षा अधिकारी परिषदीय विद्यालयों का निरीक्षण करते हुए अनुपस्थित रहने वाले शिक्षकों के विरुद्ध नियमसंगत कार्यवाही अमल में लाएं तथा जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी खंड शिक्षा अधिकारीयों द्वारा की गई कार्यवाही यों की निरंतर निगरानी करें। दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग की समीक्षा के तहत उन्होंने निर्देश दिए कि शारीरिक रूप से अक्षम प्रत्येक व्यक्ति को दिव्यांग कहकर संबोधित किया जाए क्योंकि ऐसे व्यक्तियों को ईश्वर द्वारा विशेष धैर्य गुण प्रदान किए जाते हैं जिससे वह किसी भी लक्ष्य को प्राप्त करने की दक्षता रखते है।
बैठक में जिला प्रोबेशन अधिकारी ने बताया कि निराश्रित महिला पेंशन, मुख्यमंत्री योजना के तहत जनपद की 34428 निराश्रित महिलाओं को द्वितीय किस्त की धनराशि उनके खातों में उपलब्ध कराई जा चुकी है। मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के तहत बालिकाओं को स्वावलम्बी बनाने हेतु इस वित्तीय वर्ष में लगभग 2000 बलिकाओं को लाभान्वित किया गया है। कॉरोना काल में अपने माता- पिता को खोने वाले बच्चों के कल्याणार्थ बाल सेवा योजना के तहत 407 बच्चों को लाभान्वित किया गया है। बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओं योजना में बालिकाओं की सुरक्षा एवं समाज में महिलाओं के साथ होने वाली आपराधिक घटनाओं पर नियंत्रण हेतु निरंतर प्रचार-प्रसार का कार्य किया जा रहा है। श्रम विभाग की समीक्षा में बताया गया कि इस वित्तीय वर्ष में निरीक्षण में 76 दुकानों से बाल श्रम नियंत्रण हेतु बच्चों को रेस्क्यू किया गया है।
अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के तहत बताया गया कि शादी अनुदान, मुख्यमंत्री सामूहिक विभाग योजना एवं छात्रवृत्ति योजना का लाभ पात्र लाभार्थियों को दिया जाता है। पुलिस विभाग की समीक्षा में बताया गया कि बाल श्रम एवं प्रोबेशन विभाग के समन्वय से इस इस वित्तीय वर्ष में 72 बच्चे रेसक्यू किये गये हैं। इनमें से 30 बच्चें श्रम विभाग तथा 42 बच्चे प्रोबेशन विभाग में समन्वय से रेस्क्यू किये गए हैं। बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग की समीक्षा के दौरान बताया गया कि 0 से 6 वर्ष के बच्चे गर्भवती एवं धात्री महिलाओं को पोषाहार का वितरण किया जाता है। साथी आंगनवाड़ी केंद्रों पर भजन दिवस के दिन बच्चों का वजन किया जाता है तथा बच्चों का अन्नप्राशन भी कराया जाता है।
समीक्षा बैठक के दौरान जिला प्रोबेशन अधिकारी सुरेंद्र कुमार पटेल सहित अन्य संबंधित अधिकारीगण उपस्थित रहे।