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प्रदान कर किया गया सम्मानित
आज दिनांक: 31.07.2025 को अपर मण्डल रेल प्रबंधक झाँसी श्री प्रेम प्रकाश शर्मा द्वारा झाँसी मंडल से सेवानिवृत्त होने वाले 62 रेल कर्मचारियों को रु. 20.12 करोड़ का समापन भुगतान, भुगतान प्रपत्र, सेवा प्रमाण पत्र तथा स्मृति चिन्ह स्वरुप स्वर्ण जडित मेडल प्रदान किया गया I सेवानिवृत समारोह का आयोजन मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय झाँसी स्थित सभागार में किया गया। इस दौरान मण्डल से सेवानिवृत्त रेल कर्मचारियों को NEFT के माध्यम से समापन भुगतान किया गया एवं सभी सेवानिवृत्त रेल कर्मचारियों को पेंशन पेमेंट आर्डर भी जारी किये गये। इस अवसर पर वरिष्ठ मंडल कार्मिक अधिकारी श्री राजेश कुमार शर्मा तथा सहायक मंडल वित्त प्रबंधक श्री रवि सविता सहित अन्य अधिकारी एवं कर्मचारीगण उपस्थित रहे I अपर मंडल रेल प्रबंधक श्री शर्मा द्वारा ने सभी सेवानिवृत होने वाले कर्मचारियों को भारतीय रेल में उनकी लम्बी अवधि की सफलतम सेवा के लिये बधाई एवं शुभकामनाएँ दी तथा उत्तम स्वस्थ्य और सुखद व मंगलमय भविष्य की कामना की । सेवानिवृत होने वाले कर्मचारियों को विदाई देते हुए यह भी आश्वासन दिया गया कि उनकी सेवानिवृत्ति के उपरान्त भी वे रेल परिवार का हिस्सा रहेंगे।
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कैबिनेट ने महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार, ओडिशा और झारखंड राज्यों के 13 जिलों को कवर करने वाली चार मल्टीट्रैकिंग परियोजनाओं को मंज़ूरी दी है। इन परियोजनाओं से भारतीय रेलवे का मौजूदा नेटवर्क लगभग 574 किलोमीटर बढ़ जाएगा
इन परियोजनाओं की कुल अनुमानित लागत 11,169 करोड़ रुपये (लगभग) है और ये 2028-29 तक पूरी हो जाएँगी
इन परियोजनाओं से निर्माण के दौरान लगभग 229 लाख मानव दिवसों का प्रत्यक्ष रोजगार भी सृजित होगा
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने आज रेल मंत्रालय की 4 (चार) परियोजनाओं को मंज़ूरी दे दी है, जिनकी कुल लागत लगभग 11,169 करोड़ रुपये है। इन परियोजनाओं में शामिल हैं:
(1) इटारसी-नागपुर चौथी लाइन
(2) औरंगाबाद (छत्रपति संभाजीनगर)-परभणी दोहरीकरण
(3) अलुआबाड़ी रोड-न्यू जलपाईगुड़ी तीसरी और चौथी लाइन
(4) डांगोआपोसी-जरोली तीसरी और चौथी लाइन
बढ़ी हुई लाइन क्षमता से गतिशीलता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी, जिसके परिणामस्वरूप भारतीय रेलवे की परिचालन दक्षता और सेवा विश्वसनीयता में सुधार होगा। ये मल्टी-ट्रैकिंग प्रस्ताव परिचालन को सुव्यवस्थित करने और भीड़भाड़ को कम करने के लिए तैयार हैं। ये परियोजनाएँ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीजी के नए भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप हैं, जो क्षेत्र के लोगों को व्यापक विकास के माध्यम से “आत्मनिर्भर” बनाएगा और उनके रोज़गार/स्वरोज़गार के अवसरों को बढ़ाएगा।
ये परियोजनाएँ पीएम-गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के तहत बनाई गई हैं, जिनका उद्देश्य एकीकृत योजना और हितधारकों के परामर्श के माध्यम से मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी और लॉजिस्टिक दक्षता को बढ़ाना है। ये परियोजनाएँ लोगों, वस्तुओं और सेवाओं की आवाजाही के लिए निर्बाध कनेक्टिविटी प्रदान करेंगी।
महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार, ओडिशा और झारखंड राज्यों के 13 जिलों को कवर करने वाली ये 4 परियोजनाएँ भारतीय रेलवे के मौजूदा नेटवर्क को लगभग 574 किलोमीटर तक बढ़ा देंगी।
प्रस्तावित मल्टी-ट्रैकिंग परियोजना लगभग 2,309 गाँवों तक कनेक्टिविटी बढ़ाएगी, जिनकी आबादी लगभग 43.60 लाख है।
ये कोयला, सीमेंट, क्लिंकर, जिप्सम, फ्लाई ऐश, कंटेनर, कृषि उत्पाद और पेट्रोलियम उत्पादों आदि जैसी वस्तुओं के परिवहन के लिए आवश्यक मार्ग हैं। क्षमता वृद्धि कार्यों के परिणामस्वरूप 95.91 MTPA (मिलियन टन प्रति वर्ष) का अतिरिक्त माल यातायात होगा। रेलवे, पर्यावरण अनुकूल और ऊर्जा कुशल परिवहन माध्यम होने के कारण, जलवायु लक्ष्यों को प्राप्त करने और देश की रसद लागत को कम करने, तेल आयात (16 करोड़ लीटर) कम करने और CO2 उत्सर्जन (515 करोड़ किलोग्राम) कम करने में मदद करेगा, जो 20 करोड़ पेड़ लगाने के बराबर है।