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301122विदेशी पर्यटक भी करेंगे बुंदेलखंड की धरोहर का दीदार

ByNeeraj sahu

Oct 17, 2024

विदेशी पर्यटक भी करेंगे बुंदेलखंड की धरोहर का दीदार

** जानेंगे बुंदेलखंड की कलाएं, नृत्य और संगीत के साथ पारंपरिक पकवानों की विधाएं

** कॉफी टेबल बुक पहुंची फॉरेन एम्बेसी और देश के समस्त राज भवनों में

** देश के विभिन्न मंत्रालयों में भी पहुंचेगी कॉफी टेबल बुक, बुंदेलखंड की ओर आकर्षित होंगे पर्यटक

** बुंदेलखंड में पर्यटन उद्योग के रूप में हो विकसित और युवाओं को मिले रोजगार

** कॉफीटेबल बुक के माध्यम से जनपद की स्थापत्य कला, सांस्कृतिक विरासत एवं देव स्थलों को मिलेगी देश-विदेश में पहचान

** जिलाधिकारी की संकल्पना कॉफी टेबल बुक के माध्यम से बुंदेलखंड में आए देसी विदेशी पर्यटक और देखें बुंदेलखंड की विधाएं

** कॉफीटेबल बुक जनपद झांसी सहित बुंदेलखंड की ऐतिहासिक सांस्कृतिक विधवाओं की आत्मा

माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी द्वारा कॉफीटेबल बुक का विमोचन “गागर में सागर” उक्ति को चरितार्थ किया।
बुन्देलखण्ड मे पर्यटन उद्योग का विकास अगर बुन्देलखण्ड के भूभाग में इसे Development of tourism industry in Bundelkhand सही ढंग से स्थापित हो तो बुन्देलखण्ड पर्यटन की दृष्टि से सबसे आगे होगा। इसी सोच के साथ जिलाधिकारी रविंद्र कुमार ने बुंदेलखंड को पर्यटन हब बनाने की ठानी और जुट गए कॉफी टेबल बुक को मूर्त रूप देने में, अनेकों चुनौतियों को पार करते हुए कॉफी टेबल बुक तैयार हुई।
बुंदेलखंड हमें अपने पूर्वजों से और अपने अतीत से विरासत में मिला है। वह हमसे काफी दूर हो रहा है या यूं कहें की हम अपनी संस्कृति और विरासत से दूर हो गए हैं । हमारे पूर्वज जो समय-समय पर अपनी संस्कृति और विरासत अपनी युवा पीढ़ी को सौंपते हैं और वह युवा पीढ़ी अपनी विरासत को आगे बढ़ाती है तभी हम अपनी समृद्ध विरासत को संरक्षित कर सकते हैं।
जिलाधिकारी ने बताया कि यह एक ऐसी परिकल्पना है जिसे मैंने अपनी मन की आंखों से देखा है। यह एक ऐसा सपना है जिसे मैंने नींद में नहीं जागते हुए देखा है। इस सपने को देखने के बाद मेरी व्याकुलता इतनी बढी और तब से निरंतर प्रयासरत हूं… और आज मैं अपने मकसद में सफल हुआ। उन्होंने बताया मुझे बुन्देलखण्ड की संस्कृति और परम्पराओं की पौराणिक और ऐतिहासिक झलक दिखाई दे रही है, मुझे लगता है कि मै कुछ ऐसा करूँ जिसे नई पीढ़ी देखकर अपने आपको गौरवान्वित महसूस करें कि हमारे पूर्वजों की संस्कृति कितनी समृद्धि थी ।
बुंदेलखंड जो प्राकृतिक साधनों से लबालब भरा हुआ है लेकिन इसके बावजूद यहां का युवा बेरोजगार है, और यहां के लोग बेरोजगारी के कारण पलायन करते जा रहे है यह बुंदेलखंड के लिए बहुत ही भयावह है। सबसे ज्यादा जरूरी है पलायन रोकना और पलायन कैसे रुकेगा जब हम रोजगार देंगे और रोजगार देने के लिए जरूरी है जब बाहर से इन्वेस्टर आयें और यहां आकर कुछ बड़े उद्योग लगाएं, फैक्ट्रियां लगाएं लेकिन उससे भी ज्यादा जरूरी है कि हम बुंदेलखंड में पर्यटन को आगे बढ़ाएं ?
Development of tourism industry in Bundelkhand क्योंकि हमारी जो प्राकृतिक, पौराणिक और एतिहासिक संपदा बहुत सम्पन्न है। क्यों ना हम उस संपदा का सदुपयोग करके पर्यटन को आगे बढ़ाएं पर्यटन के माध्यम से देश-विदेश से लोग बुंदेलखंड में आएंगे यहां रहेंगे यहां के बारे में जानेंगे, देखेंगे। इसके लिए हमें बुंदेलखंड के प्राकृतिक स्थानों को चिन्हित कर उनको विकसित करना होगा उनमें कुछ कृत्रिम तरीके से उनको सजाना संवारना होगा ताकि अधिक से अधिक पर्यटक आकर्षित हो उन स्थानों पर पहुंचे।
एक और जहां केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा बुन्देलखण्ड क्षेत्र के चहुंमुखी विकास के साथ-साथ इस क्षेत्र में पर्यटन गतिविधियों की बढ़ावा दिया जा रहा है। बुन्देलखण्ड का पूरा क्षेत्र ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहरों से सम्पन्न है। प्रधानमंत्री जी ने बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे के लोकार्पण के अवसर पर बुन्देलखण्ड के किलों को देखने के लिए टूरिज्म सर्किट विकसित किये जाने पर बल दिया था। इसके दृष्टिगत जनपद झांसी पर केन्द्रित कॉफी टेबल बुक’ का प्रकाशन सराहनीय कदम है। इस प्रकाशन मैं जनपद झांसी के ऐतिहासिक एवं धार्मिक स्थलों तथा समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के सम्बन्ध में आकर्षक चित्रों से परिपूर्ण संग्रहणीय सामग्री का समावेश किया गया जो काफी आकर्षक है।
कॉफीटेबल बुक की परीकल्पना की जानकारी देते हुए जिलाधिकारी श्री रविंद्र कुमार ने बताया कि कॉफी टेबल बुक को बनाए जाने के लिए राज्य पर्यटन विभाग द्वारा फंड प्राप्त किया गया, क्योंकि जिलाधिकारी का सपना है कि क्षेत्र में अधिक से अधिक टूरिस्ट आएं। बुन्देलखण्ड क्षेत्र का गौरवशाली इतिहास रहा है। इस क्षेत्र के योद्धाओं की वीरता व साहस के कारण पूरी दुनिया में बुन्देलखण्ड की विशिष्ट पहचान है। जनपद झांसी प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की महान नायिका वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई की कर्मभूमि है। उनका नाम इतिहास में अदम्य साहस और वीरता के लिए अमर है। आल्हा और ऊदल की वीरता की कहानियों का वैश्विक पटल पर स्मरण किया जाता है।
उन्होंने कहा कि जनपद झांसी की समृद्ध ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक विरासत की संपूर्ण जानकारी पर्यटकों को उपलब्ध कराने के उद्देश्य से ही एक कॉफी टेबल बुक का प्रकाशन किया गया है। कॉफी टेबल बुक में ऐतिहासिक किले उनके आकर्षक फोटोग्राफ सहित जानकारी भी उपलब्ध कराई गई है, इसके अतिरिक्त पर्यटक स्थानों पर कैसे पहुंचे उसकी भी विस्तृत जानकारी दी गई है रोड और एयर कनेक्टिविटी के बारे में भी विधिवत जानकारी कॉफी टेबल बुक में दी गई है ताकि अधिक से अधिक पर्यटक बुंदेलखंड की धरोहर का दीदार करें। बुंदेलखंड क्षेत्र के पारंपरिक परिधानों और कला जिसमें चितेरी कला की महत्वपूर्ण जानकारी फोटोग्राफ्स के साथ उपलब्ध है। कॉफी टेबल बुक में बुंदेलखंड के पारंपरिक पकवान की भी जानकारी उपलब्ध कराई गई है जो देश-विदेश के पर्यटकों को आकर्षित करेगी।
काफी टेबल बुक बुंदेलखंड क्षेत्र की कला और हस्तशिल्प को सही मायने में सामने रखती है, जो यह प्रदर्शित करती है कि बुंदेलखंड क्षेत्र की विरासत कितनी समृद्ध और उन्नतिशील है।
अब जिलाधिकारी की परिकल्पना को चरितार्थ करते हुए कॉफी टेबल बुक भारत की राजधानी स्थित समस्त विदेशी दूतावासों को पहुंचाई जा रही है, इसके अतिरिक्त देश के समस्त राज भवनों में भी कॉफी टेबल बुक को पहुंचाया जा रहा है। कॉफी टेबल बुक की पहुंच भारत सरकार के मंत्रालयों में विशेष रूप से गृह विभाग, पेयजल एवं जल संसाधन आदि में हो रही है, ताकि अधिक से अधिक देसी विदेशी पर्यटक बुंदेलखंड के पर्यटन स्थलों को देखने आएं।
कॉफी टेबल बुक आम जनमानस के लिए नगर की विभिन्न बुक स्टालों पर बिक्री हेतु उपलब्ध है। अधिक से अधिक लोग कॉफी टेबल बुक परचेज करते हुए क्षेत्र की विरासत और समृद्धशाली इतिहास की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।