• Fri. Oct 18th, 2024

Jhansi Darshan

No 1 Web Portal in jhansi

* राष्ट्रीय हरित अधिकरण के आदेशानुसार फसल अवशेष जलाया जाना कानूनी रूप से निषिद्ध,व्यापक प्रचार प्रसार करने के निर्देश :- जिलाधिकारी

ByNeeraj sahu

Oct 1, 2024
** राष्ट्रीय हरित अधिकरण के आदेशानुसार फसल अवशेष जलाया जाना कानूनी रूप से निषिद्ध,व्यापक प्रचार प्रसार करने के निर्देश :- जिलाधिकारी
 ** गांव में ग्राम प्रधान द्वारा मुनादी कराए जाने के निर्देश, पराली जलाए जाने पर होगी विधिक कार्यवाही
 ** सी0ओ0- सदर/मोंठ,एस0एच0ओ0- बड़ागांव, चिरगाँव, मोंठ एंव समथर को विशेष सर्तक रहने के दिए निर्देश
 ** फसल अवशेष/पराली जलाने के दोषी पाए जाने पर अर्थ दंड लगाए जाने के साथ विभिन्न योजनाओं से किया जाएगा वंचित
 ** डिकम्पोजर का प्रयोग कर किसान कृषि अवशेष/पराली को सड़ाते हुए खाद में करें परिवर्तित
 ** ग्राम प्रधान एवं क्षेत्रीय लेखपाल की होगी जिम्मेदारी, क्षेत्र में फसल अवशेष जलने की घटनाएं बिल्कुल न होने दें अन्यथा होगी कार्यवाही
   जिलाधिकारी  अविनाश कुमार ने आज विकास भवन सभागार में अधिकारियों के साथ पराली प्रबंधन से संबंधित समीक्षा की जिसमें ज़ूम ऐप के माध्यम से समस्त उपजिलाधिकारी, तहसीलदार, उपसंभागीय कृषि प्रसार अधिकारी, खंड विकास अधिकारी एवं जिला कृषि अधिकारी के अतिरिक्त क्षेत्राधिकारी पुलिस सदर/ मोंठ,एसएचओ बड़ागाँव/चिरगाँव/ मोंठ एंंव समथर प्रतिभाग किया।
    ज़ूम ऐप के माध्यम से जिलाधिकारी श्री अविनाश कुमार ने जनपद में पराली प्रबंधन से संबंधित किए जाने वाले कार्यों की समीक्षा करते हुए कहा कि जनपद में फसल अवशेष / पराली जलाये जाने की घटनाएं (विशेष रूप से धान बाहुल्य क्षेत्र में धान की फसल कटाई के समय घटित होती हैं जिन्हें इस वर्ष किसी भी दशा में पूर्ण रूप से रोका जाना है। चूँकि इस वर्ष वर्तमान में जनपद में चल रहे डिजिटल क्रॉप सर्वे (एग्री स्टेक) के कार्य में सभी क्षेत्रीय कार्मिकों का सभी गाँवों में ग्राम प्रधान व किसानों से संपर्क किया जा रहा हैं इस उपयुक्त समय में कर्मचारियों द्वारा ग्राम वासियों को फसल अवशेष / पराली जलाये जाने से होने वाले भूमि, जलवायु पर्यावरण एवं मानव स्वास्थ्य को होने वाली हानि से अवगत कराये जाने के साथ- साथ यह बतायें कि जिन कृषकों द्वारा पराली / फसल अवशेष जलाने की घटना सामने आती है, उनके विरुद्ध दण्डात्मक कार्यवाही अनुपालन में लायी जायेगी।
    जिलाधिकारी ने ज़ूम ऐप के माध्यम से प्रतिभाग कर रहे क्षेत्राधिकारी पुलिस सदर एवं मोंठ सहित एसएचओ बड़ागांव,चिरगांव, मोंठ और समथर को निर्देशित करते हुए कहा क्षेत्र भ्रमण के दौरान पराली ना जलाए जाने के संबंध में किसानों को जागरूक करें,इसके अतिरिक्त यदि कहीं पराली जलाए जाने की घटना होती है तो तत्काल जिला प्रशासन को अवगत कराते हुए कार्यवाही करना सुनिश्चित किया जाए।
    उन्होंने माननीय राष्ट्रीय हरित अभिकरण एवं पर्यावरण विभाग के आदेश द्वारा फसल अवशेष / पराली जलाये जाने से पर्यावरण को होने वाली क्षतिपूर्ति की वसूली की जा सकती है। 02 एकड़ से कम क्षेत्र के लिये – रु० 2500/- >02 से 05 एकड़ क्षेत्र के लिये – रु०5000/-,>05 एकड़ से अधिक क्षेत्र के लिये – रु015000/- तक पर्यावरण कम्पन्सेशन की वसूली के निर्देश है। > पराली जलाये जाने की घटना पाये जाने पर सम्बन्धित को दण्डित करने के सम्बन्ध में राजस्व अनुभाग के शासनादेश द्वारा राष्ट्रीय हरित अधिकरण अधिनियम की धारा 24 के अन्तर्गत क्षतिपूर्ति की बसूली एवं धारा 26 के अन्तर्गत उल्लंघन की पुनरावृत्ति होने पर सम्बन्धित के विरुद्ध कारावास एवं अर्थदण्ड लगाये जाने के सम्बन्ध में कार्यवाही की जायेगी। उक्त से भी कृषकों को अवगत कराया जायें। गॉव में ग्राम प्रधान के सहयोग से मुनादी करा दी जाये कि जो भी पराली जलायेगा उसके विरुद्ध उपर्युक्त विधिक कार्यवाही की जायेगी।
   जिलाधिकारी  अविनाश कुमार ने क्षेत्रीय कर्मचारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि प्रचार-प्रसार के माध्यम से किसानों को खेत में आग न लगाने की जानकारी देते हुए बताएं कि जो भी व्यक्ति फसल अवशेष / पराली जलाने का दोषी पाया जायेगा, उसे उपर्युक्त दण्ड दिये जाने के अतिरिक्त कृषि विभाग के द्वारा विभिन्न छोटे-बड़े सभी प्रकार के कृषि यन्त्र, बीज, खाद, कीटनाशक के साथ ही प्रधान मंत्री किसान सम्मान निधि के दिये जाने वाले लाभ से वंचित किए जाने की कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी।
     राष्ट्रीय हरित अधिकरण के आदेश के अनुसार फसल अवशेष जलाया जाना कानूनी रुप से निषिद्ध है। इसके उल्लंधन पर संबंधित के विरुद्ध विधिक कार्यवाही की जाये। प्रत्येक राजस्व ग्राम के लिये सम्बन्धित लेखपाल को नोडल अधिकारी नामित किया गया है, जो सभी कृषकों के मध्य प्रचार-प्रसार करते हुये फसल अवशेष आदि को न जलने देने के लिये आवश्यक कदम उठायेंगें। उन्होंने कहा कि प्रत्येक गाँव के ग्राम प्रधान एवं क्षेत्रीय लेखपाल की जिम्मेदारी होगी कि वह अपने क्षेत्र में फसल अवशेष जलने की घटनायें बिल्कुल न होने दें अन्यथा उनके विरुद्ध भी कार्यवाही की जायेगी।
    जिलाधिकारी  अविनाश कुमार ने निर्देशित करते हुए कहा कि समस्त थाना प्रभारी अपने क्षेत्र में फसल अवशेष को जलने से रोकने के लिये प्रभावी कार्यवाही करें तथा किसी भी दशा में फसल अवशेष न जलने दें। धान की कटाई के समय कम्बाइन हार्वेस्टर मशीन में सुपर स्ट्रा मेनेजमेन्ट सिस्टम लगाये जाने अथवा कटाई के बाद फसल अवशेष प्रबन्धन के यन्त्रों जैसे हैप्पी सीडर, सुपर सीडर, पैडी स्ट्रा चोपर मल्चर, रोटरी स्लेशर श्रेडर, अब मास्टर, हाइड्रोलिक रिवर्सिबल मोल्ड बोर्ड प्लाऊ, जीरोटिल सीड कम फर्टीलाइजर ड्रिल, बेलर, स्ट्रा रेक, काप रीपर, रीपर कम बाइण्डर, सुपर स्ट्रा मेनेजमेन्ट सिस्टम एवं स्मार्ट सीडर एवं अन्य कार्यों जैसे- पशु चारा, कम्पोस्ट खाद बनाने, बायो कोल, बायोफ्यूल एवं सी0बी0जी0 आदि में उपयोग किये जाने हेतु प्रेरित किया जाये।
   उन्होंने सुझाव देते हुए कहा कि खेतों में फसल अवशेष को शीघ्रता से सड़ाने हेतु पानी भरकर यूरिया का छिड़काव भी किया जा सकता हैं।धान की पराली का इन / सीटू प्रबन्धन कर कृषकों को खेत में तथा सामुदायिक तौर पर कम्पोस्ट बनाने हेतु प्रोत्साहित किया जाए। इसके लिये किसानो के खेत पर अथवा सामुदायिक स्थल पर उचित क्षमता वाले कम्पोस्ट खाद के गड्ढों का ख़ुदान कराया जाना उचित होगा। कम्पोस्ट खाद के गड्ढों का ख़ुदान पराली / नरई / पताई को उखाड़ने, तथा मल्चर तैयार करने में किया जायेगा।
    उन्होंने निर्देशित करते हुये कहा कि किसानों को जानकारी देते हुए  डिकम्पोजर कृषकों को निःशुल्क वितरित करना प्रस्तावित है। जिसमें डिकम्पोजर की एक बोतल / कैप्सूल पेक एक एकड़ क्षेत्र हेतु पर्याप्त होती है। उक्त खाद की उपयोग से किसानों की उत्पादकता और उत्पादन में भी बढ़ोत्तरी होगी।
     विकास भवन सभागार में आयोजित पराली प्रबन्धन से संबंधित बैठक में मुख्य विकास अधिकारी जुनैद अहमद,उप कृषि निदेशक  एम0पी0सिंह,
डीसी मनरेगा  शिखर कुमार श्रीवास्तव, डीपीआरओ डॉ बाल गोविन्द श्रीवास्तव,अधिशासी अभियन्ता बेतवा उमेश कुमार सहित जुम ऐप के माध्यम से
सीओ सदर श्रीमती स्नेहा तिवारी, एसडीएम सदर  परमानन्द सिंह, एसडीएम मोंठ  प्रदीप कुमार, जिला कृषि अधिकारी कुलदीप कुमार मिश्रा सहित समस्त तहसीलदार, खंड विकास अधिकारी,थानाध्यक्षों ने प्रतिभाग किया।