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दुग्ध पदार्थों का सेम्पिल भर जांच के लिए भेजा (फील गुड या होगा गुड वर्क)

ByNeeraj sahu

Dec 16, 2024

दुग्ध पदार्थों का सेम्पिल भर जांच के लिए भेजा (फील गुड या होगा गुड वर्क)

जालौन के खाद्य विभाग की आखिर कुंभ करणीय नींद टूट ही गई पहले से सूचना देकर पहुंची खाद्य विभाग की टीम को नाममात्र घी का सैंपल ही मिला कुंतलो के हिसाब से बनाए जा रहा मॉल मिला या गायब इससे साफ जाहिर होता है पूर्व सूचना फील गुड फैक्टर है। लेकिन जांच के नाम पर इस बार भी खाद्य विभाग लेता है मोटी रकम या होगी ठोस कार्यवाही, मिलावटी घी पनीर दूध से बीमार आम लोगों की निगाह खाद्य विभाग के अधिकारियों पर डटी है।

जालौन कोंच तहसील क्षेत्र में नकली दुग्ध उत्पादनों का कारोबार बड़े ही जोर शोर से फल फूल रहा है, क्योंकि सेम्पिल के नाम पर खानापूर्ति करके सिर्फ धन उगाही का लक्ष्य पूरा किया जाता है लक्ष्य पूरा होते ही सेम्पिल को जांच हेतु प्रयोगशाला भी नहीं भेजा जाता और पूरा मामला टांय टांय फिस्स हो जाता है।प्रेस एक समाज का दर्पण है इससे अधिक उसके पास कुछ भी नहीं है, चैनलो पर खबर चलने के बाद दिखाउटी कार्यवाही शुरू होकर सैटिंग गैटिंग पर जाकर समाप्त हो जाती है, जिसमें किसी हद तक राज नेता भी जिम्मेदार हैं ऐसा ही एक मामला तहसील क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों में नकली खोया दूध और घी बनाने का कारोबार चलने खबर प्रमुखता से दिखाई थी उसके बाद सुनील कुमार और कन्हैया लाल यादव ग्राम मऊ भरतपुर एवं सलैया बुजुर्ग मैं संचालित दूध डेरियों पर पहुंच गए और ग्राम सलैया में बबलू यादव का खोए का एवं मऊ में रमाकांत का घी का सेम्पिल ले लिया और उसे जांच के लिए भेज दिया लेकिन ये कार्यवाही कब तक चलती है या फिर एक दो दिन के अंदर ही मामला ठंडे बस्ते में चला जाता है यह तो समय ही बताएगा।

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