प्रदेश भर में भूजल सप्ताह का शुभारम्भ हो गया है। भूजल सप्ताह के प्रथम दिन मण्डलायुक्त बिमल कुमार दुबे की अध्यक्षता में गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी का शुभारम्भ आयुक्त ने दीप प्रज्जवलित कर किया। बैठक का मुख्य बिन्दु “जल संरक्षण का करो प्रयास, जल ही है जीवन की आस” बैठक में विभिन्न विभाग के अधिकारीगण एवं ICRISAT/NGO/M.M Singh Budhelkhand University के प्रोफेसर आदि उपस्थित थे।
बैठक में उपस्थित पी० के० अग्रवाल सेवानिवृत (IAS) ने कहा सभी को भूजल संरक्षण करना चाहिए। उन्होंने कहा प्रदेश भर में 8 लाख तालाब है। संविधान के अनुछेद 51 (क) में उल्लेख है कि छोटे-बडे बांध बनाकर प्रकृतिक का संरक्षण करें। इसके बाद भूगर्भ जल विभाग के अधिकारी सीनियर जियोफिजिसिस्ट अंकुर श्रीवास्तव जी ने कहा जल प्रकृतिक का अनमोल उपहार है, “जल है तो कल है उन्होने बताया कि झॉसी के 08 ब्लाक में से 04 ब्लाक बामौर/बबीना/बडागांव/मऊरानीपुर सेमी किटिकल जोन में है, एवं ललितपुर के सभी 06 ब्लाक सेमी किटिकल है, तथा जालौन के सभी 09 ब्लाक सुरक्षित है। उन्होने बताया कि 70 प्रतिशत सिंचाई भूगर्भ जल से होती है। कृषि में भूजल उपयोग के कारण भूजल बहुत नीचे जा रहा है। उन्होने कहा हम सभी को मिलकर भविष्य के लिये जल सरंक्षण करना चाहिये।
परमार्थ सेवा संस्थान के संस्थापक संजय सिंह ने कहा कि अटल भूजल योजना के अन्तर्गत सिोटी प्लान बनाये जा रहे है। यू०पी०/एम०पी० में 2000 से अधिक जल सहेली है। जो ग्रामीण क्षेत्रों में जल संरक्षण का प्रयास निरन्तरता कर रही है। बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय के प्रो० श्री एम०एम० सिंह ने कहा कि बुन्देलखण्ड में अधिक से अधिक स्थानों पर ग्रेनाइट है और उन्होने बुन्देलखण्ड के जियोलाजीकल संरचनाओं और भौगोलिक परिदृष्य को विस्तृत से साझा किया।
अन्त में आयुक्त महोदय ने अपने सुझाव देते हुए कहा कि भूजल सप्ताह केवल एक सप्ताह नहीं मनाना है, यह बहुत महात्वर्पूण योजना है। हमे पूरे वर्ष इसको मानाना चाहिये, लोगो को जागरूक करते रहना चाहिये। उन्होने कहा सरकारी एवं गैर सरकारी स्कूलों एवं चौपाल के माध्यम से जन-जागरूकता का प्रचार प्रसार करना चाहिये भूजल संरक्षण के लिये बच्चों को प्रेरित करना चाहिये। उन्होंने सभी विभागों के अधिकारियों को कहा कि आपस में समनवय स्थापित कर एक ग्रुप बनाकर भूजल संरक्षण का प्रयास अपने-अपने तरीके से करें।
अन्त में आयुक्त महोदय ने गोष्ठी का समापन प्रचार वाहन को हरी झण्डी दिखाते हुए भूजल संरक्षण के प्रचार-प्रसार हेतु रवाना किया।