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पुलिस भर्ती हेतु जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित कमेटी द्वारा परीक्षा केंद्रों के चयन का निर्देश, परिक्षा केंद्र काली सूची में और संदिग्ध /विवादित न हों:- मा0 मुख्य सचिव

ByNeeraj sahu

Jun 26, 2024
मुख्य सचिव श्री दुर्गा शंकर मिश्र जी ने वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग के माध्यम से समस्त मण्डलायुक्तों व जिलाधिकारियों एवं वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक की।
      अपने संबोधन में मुख्य सचिव ने निकट भविष्य में पुलिस की भर्ती परीक्षा के लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित कमेटी द्वारा परीक्षा केन्द्र का चयन कर सूची 27 जून तक भर्ती बोर्ड को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि समिति उचित गुणवत्ता के केंद्रों के चयन हेतु पूर्ण उत्तरदायी होगी। इस बार सेंटर्स का चयन दो श्रेणी में किया जाना है।
      उन्होंने कहा कि श्रेणी ए में राजकीय माध्यमिक विद्यालय, राजकीय डिग्री कॉलेज, केन्द्र के विश्वविद्यालय, पॉलीटेक्निक, राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज व राजकीय मेडिकल कॉलेज को शामिल किया गया है। श्रेणी बी में ख्याति प्राप्त तथा सुविधा संपन्न वित्त पोषित शैक्षणिक संस्थाओं को शामिल किया गया है, जो काली सूची में न हो, संदिग्ध व विवादित न हों। परीक्षा केन्द्र के चयन में इस बात का विशेष ध्यान रखा जाये कि परीक्षा केंद्र यथा संभव नगरीय क्षेत्र में हो, आवश्यकता पड़ने पर परीक्षा केंद्र का चयन नगरीय क्षेत्र के 10 किमी के व्यास में मुख्य मार्ग पर स्थित हो। परीक्षा केंद्र की किसी भी दशा में निगेटिव रिपोर्ट नहीं होनी चाहिए।
      उन्होंने यह भी कहा कि प्रश्न पत्रों की भांति सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित कराई जाए। परीक्षा की सेंसटिव को ध्यान में रखते हुए ट्रेजरी में अलग कक्ष की व्यवस्था की जाए। कक्ष की डबल लॉक में और उसकी सीसीटीवी के 24×7 निगरानी की व्यवस्था होनी चाहिए। कक्ष को परीक्षा के उद्देश्य के अतिरिक्त न खोला जाए।
       उन्होंने कहा कि 01 जुलाई से भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 से लागू होंगे। 01 जुलाई से नए कानून के मुताबिक कार्यवाही होगी। 01 जुलाई से पूर्व दर्ज मुकदमों में पुराने कानून के आधार पर ही कार्यवाही होगी। आम लोगों में किसी तरह असमंजस की स्थिति नहीं होनी चाहिए। इस बारे में आम नागरिकों को सेंसटाइज करना होगा।
      उन्होंने कहा कि 01 जुलाई को सभी थानों में विशेष कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा, इसमें पुलिस कर्मियों के अतिरिक्त स्थानीय लोगों को आमंत्रित किया जाए और कानून के बारे में विस्तृत जानकारी दी जाए। उन्होंने यह भी कहा नए कानून के बारे में पुलिस विभाग द्वारा तैयारी की गई बुकलेट का वितरण विवेचना अधिकारियों को करा दिया जाए। विवेचना अधिकारी पॉकेट बुकलेट को हमेशा अपनी पॉकेट में रखें, यह उनके लिए रिफ्रेंस का काम करेगी।
पुलिस महानिदेशक श्री प्रशांत कुमार ने बताया कि नए कानून में अपराध स्थल से लेकर जांच और मुकदमे तक की प्रक्रियाओं को तकनीक से जोड़ा गया है। गवाहों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए गवाही देने की भी आजादी होगी। नई तकनीक के जरिए मामलों के निस्तारण में तेजी आएगी और न्याय जल्दी मिलेगा।
      उन्होंने कहा कि 01 जुलाई को प्रत्येक थाने पर विशेष कार्यक्रम होना है, इसकी सभी तैयारी पूरी कर ली जाए। कानून लागू होने के उपरांत जिन तत्काल हस्तक्षेप (intervention) की आवश्यकता हैं, उनका विशेष तौर पर ध्यान रखा जाए। सभी पुलिस कर्मियों की विधिवत ट्रेनिंग पूरी हो जाए। ट्रेनिंग पूरी कर चुके कर्मी को पुनः ट्रेनिंग की आवश्यकता हो तो उनकी रिफ्रेशमेंट ट्रेनिंग करा दी जाए। नए कानून के बारे में प्रशिक्षण सामग्री एनसीआरबी के संकलन एप और पुलिस विभाग की वेबसाइट पर अपलोड है।
      उन्होंने एग्रीस्टैक योजनान्तर्गत फार्मर रजिस्ट्री के लिए 01 जुलाई से 31 जुलाई,  2024 तक प्रत्येक ग्राम में आबादी के अनुसार 2-5 दिन कैंप मोड में अभियान चलाने के निर्देश दिये हैं। कैंप में कृषक को आधार एवं भूलेख विवरण के साथ प्रतिभाग करने हेतु व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाये, जिसमें ग्रामवार कैंप के आयोजन के स्थल, समय एवं दिनांक की जानकारी कृषकों दी जाये। कैंप हेतु सार्वजानिक स्थल का चयन किया जाये यथा संभव ग्राम पंचायत भवन में कैंप लगाये जाएं, जहाँ पर कार्मिकों के बैठने की व्यवस्था भी करायी जाए।
      उन्होंने कहा कि फार्मर रजिस्ट्री तैयार करने हेतु कैंप आयोजन हेतु लेखपाल, तकनीकी सहायक, बीटीएम, एटीएम, कृषि सखी आदि तथा जनपद एवं तहसील स्तरीय मास्टर ट्रेनर्स की नियुक्ति समय से सुनिश्चित कराया जाये। 30 जून, 2024 के पूर्व कार्मिकों का प्रशिक्षण करा लिया जाये। कैंप के तिथि स्थल एवं समय के साथ ग्रामवार विस्तृत कार्य योजना समय से तैयार कर लिया जाये। पीएम किसान योजना के अंतर्गत 19वीं किस्त प्राप्त करने हेतु फार्मर रजिस्ट्री को अनिवार्य किया गया है, अतः फार्मर रजिस्ट्री में पीएम किसान के लाभार्थियों को अनिवार्य रूप से सम्मिलित किया जाये।
       उल्लेखनीय है कि फार्मर रजिस्ट्री में कृषक का नाम, पिता का नाम, मोबाइल संख्या, आधार संख्या का अंतिम चार डिजिट़, सहमति का विवरण, राजस्व ग्राम का नाम (LGD कोड सहित), तहसील, जनपद, खसरा एवं गाटा संख्या, क्षेत्रफल, अंश निर्धारण, पीएम किसान स्टेटस की सूचना संकलित होगी। फार्मर रजिस्ट्री तैयार होने के बाद कृषकों को फसली ऋण एवं फसल बीमा की क्षतिपूर्ति तथा आपदा राहत प्राप्त करने में सुगमता,विभिन्न कार्यक्रमों हेतु कृषक को बार बार भौतिक सत्यापन से मुक्ति, कृषकों को समय से वांछित परामर्श, नवोन्मेषी कार्यक्रमों के विस्तार के अवसर में वृद्धि, कृषि के साथ साथ अन्य विभाग जैसे गन्ना, उद्यान, मत्स्य, खाद्य एवं विपणन, आदि के द्वारा अपने योजनाओं का लाभ प्रदान करने हेतु किया जा सकेगा। इसके अतिरिक्त न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कृषि उत्पाद के विपणन में सुगमता तथा पीएम किसान योजना के अंतर्गत किस्त प्राप्त करने हेतु अनिवार्यता की शर्त को पूर्ण कर लाभ प्राप्त करने में सुगमता होगी।
       इसके अलावा उन्होंने बाढ़ से बचाव की तैयारी, वर्षा जल संचयन की तैयारी की समीक्षा की और अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
      बैठक में अपर मुख्य सचिव कृषि श्री देवेश चतुर्वेदी, अपर मुख्य सचिव गृह श्री दीपक कुमार, प्रमुख सचिव नियोजन श्री आलोक कुमार, प्रमुख सचिव नमामि गंगे श्री अनुराग श्रीवास्तव सहित एन आई सी झाँसी से मण्डलायुक्त श्री बिमल कुमार दुबे, जिलाधिकारी श्री अविनाश कुमार, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री राजेश एस, मुख्य विकास अधिकारी श्री जुनैद अहमद व अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित रहे।