सड़क दुर्घटना में घायल युवक के लिए फरिश्ता बने मोंठ एसडीएम, जान बचाकर पेश की मानवता की मिसाल
मोंठ। एक सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल युवक के लिए मोंठ के उपजिलाधिकारी (एसडीएम) प्रदीप कुमार सिंह किसी फरिश्ते से कम साबित नहीं हुये। झांसी जिले के समथर इलाके में हुए इस हादसे में जब एक घायल युवक सड़क किनारे लहूलुहान अवस्था में पड़ा था और राहगीर उसकी मदद करने से कतरा रहे थे, तब एसडीएम प्रदीप कुमार सिंह ने मानवीयता की अद्भुत मिसाल पेश की। उन्होंने न केवल घायल युवक को अस्पताल पहुंचाया, बल्कि समय पर प्राथमिक उपचार उपलब्ध कराकर उसकी जान भी बचाई।घटना झांसी के मोंठ कस्बे के नजदीकी समथर थाना क्षेत्र के ग्राम बसोबई के पास घटी। घायल युवक की पहचान प्रिंस चाचौंदिया के रूप में हुई, जो पंकज चाचौंदिया का पुत्र है और समथर के मोहल्ला हरिपुरा का निवासी है। बताया जा रहा है कि प्रिंस अपनी बाइक पर सवार होकर बुढ़ावली गांव से अपने घर लौट रहा था। इसी दौरान रास्ते में उसकी बाइक एक गाय के बछड़े से टकरा गई, जिससे वह सड़क पर गिरकर गंभीर रूप से घायल हो गया।एसडीएम प्रदीप कुमार सिंह ने बताया कि वह अपनी गाड़ी से समथर से मोंठ की ओर जा रहे थे। ग्राम बसोबई के पास उन्हें एक युवक सड़क किनारे गंभीर रूप से घायल अवस्था में पड़ा नजर आया। उसकी बाइक पास ही गिरी हुई थी। इस स्थिति को देखते हुए उन्होंने तुरंत अपनी गाड़ी रोकी और युवक की सहायता करने का निर्णय लिया।
प्रदीप कुमार सिंह ने युवक को अपनी गाड़ी में बैठाया और उसे तुरंत सीएचसी मोंठ (सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र) में भर्ती कराया। अस्पताल में युवक को प्राथमिक उपचार दिया गया, जिससे उसकी जान बच गई घायल प्रिंस के बड़े भाई जितेन्द्र कुमार ने बताया कि उनके भाई के सड़क पर घायल होने के बाद कोई भी राहगीर उसकी सहायता नहीं कर रहा था। प्रिंस दर्द से कराहते हुए लोगों से मदद की गुहार लगा रहा था, लेकिन कोई आगे नहीं आ रहा था। ऐसे में मोंठ के एसडीएम प्रदीप कुमार सिंह उनके लिए फरिश्ता बनकर आए। जितेन्द्र ने कहा, “एसडीएम साहब ने समय पर मेरे भाई को अस्पताल पहुंचाकर उसकी जान बचाई। हम उनके आभारी हैं।सीएचसी मोंठ के डॉक्टरों के अनुसार, घायल युवक को तुरंत उपचार मिलने के कारण उसकी हालत अब स्थिर है। अस्पताल प्रशासन ने एसडीएम प्रदीप कुमार सिंह की इस मददगार भावना की सराहना की और उन्हें मानवता की मिसाल बताया एसडीएम प्रदीप कुमार सिंह की इस मानवीय पहल ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि यदि हर व्यक्ति सहायता के लिए तत्पर हो, तो किसी की जान बचाई जा सकती है। एसडीएम ने अपनी ड्यूटी के साथ-साथ इंसानियत का जो उदाहरण पेश किया है, वह निश्चित रूप से समाज में मानवता के प्रति जागरूकता बढ़ाएगा। इस घटना ने क्षेत्र के लोगों में भी सकारात्मक संदेश पहुंचाया है। सोशल मीडिया पर लोग एसडीएम की सराहना कर रहे हैं और उनकी इस सेवा भावना को प्रेरणादायक मान रहे हैं।