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ग्वालियर स्टेशन पर किलाबंदी कर चलाया गया टिकट जांच अभियान

ByNeeraj sahu

Oct 18, 2024

ग्वालियर स्टेशन पर किलाबंदी कर चलाया गया टिकट जांच अभियान

मंडल रेल प्रबंधक झाँसी दीपक कुमार सिन्हा के मार्गदर्शन व वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक अमन वर्मा के निर्देशन में बिना टिकट यात्रियों की रोकथाम हेतु दिनांक-15.10.2024 को ग्वालियर रेलवे स्टेशन पर व ट्रेनों में बिना टिकट यात्रा, अनियमित यात्रा, बिना बुक लगेज, गंदगी फ़ैलाने, धुम्रपान करने वालों के विरुद्ध किलाबंदी जाँच कराई गई । जांच अभियान के दौरान ट्रेन में तथा स्टेशन पर अफरा तफरी का माहौल बना रहा । जांच अभियान में 82 अनियमित यात्रा / धुम्रपान / गंदगी मचाने वाले / बिना बुक लगेज के यात्रा करने वाले यात्रियों से रु.42890/- जुर्माना रेल राजस्व के रूप में वसूल किया गया |
उपरोक्त जांच अभियान को सफल बनाने में मुख्य टिकट निरीक्षक प्रियंक पुरोहित, सुरेन्द्र घुरैया, नागेंद्र कुमार, रामनिवास मीना द्वारा अहम् योगदान प्रदान किया गया ।
(2)
रेलवे की अग्रिम आरक्षण अवधि में बदलाव
अग्रिम आरक्षण की अवधि 120 दिन के स्थान पर 60 दिन
अपने सम्मनित यात्रियों की सुविधा के दृष्टिगत रेलवे द्वारा अग्रिम आरक्षण की अवधि में बदलाव किया गया है अब यह अवधि 120 दिनों से घटाकर 60 दिन कर दी गई है।
ज्ञात हो कि रेलवे की अग्रिम आरक्षण अवधि में समय-समय पर बदलाव होते रहे हैं। अग्रिम आरक्षण अवधि 30 दिन से लेकर 120 दिन तक की रही है। विभिन्न अवधियों के अनुभव के आधार पर, यात्रियों की दृष्टि से 60 दिन की अग्रिम आरक्षण अवधि सबसे उपयुक्त अवधि मानी गयी है। विभिन्न समय अन्तराल पर अग्रिम आरक्षण की अवधि-अप्रैल, 1981 से जनवरी, 1985 तक 120 दिन रही, दिनांक 01.02.1985 से 31.08.1988 तक 90 दिन रही, दिनांक 01.09.1988 से 30.09.1993 तक 60 दिन रही, दिनांक 01.10.1993 से 30.06.1995 तक 45 दिन रही, दिनांक 01.09.1995 से 31.01.1998 तक 30 दिन रही, दिनांक 01.02.1998 से 28.02.2007 तक 60 दिन रही, दिनांक 01.03.2007 से 14.07.2007 तक 90 दिन रही, दिनांक 15.07.2007 से 31.01.2008 तक 60 दिन रही, दिनांक 01.02.2008 से 09.03.2012 तक 90 दिन रही, दिनांक 10.03.2012 से 30.04.2013 तक 120 दिन रही, दिनांक 01.05.2013 से 31.03.2015 तक 60 दिन रही और दिनांक 01.04.2015 से 31.10.2024 तक 120 दिन रही है।

60 दिनों की आरक्षण अवधि से यात्रियों को विभिन्न पहलुओं पर लाभ होंगे। जैसे 120 दिन योजना बनाने के लिए बहुत लंबे थे, जिसके परिणामस्वरूप यात्रियों के यात्रा पर न आने के कारण बहुत अधिक निरस्तीकरण और सीटों/बर्थों की बर्बादी होती थी। वर्तमान में, लगभग 21% निरस्तीकरण और 4-5% यात्री यात्रा पर नहीं आते। कई मामलों में, यह देखा गया है कि यात्री अपने टिकट निरस्त नहीं करते हैं और यात्रा पर नहीं आते हैं। इससे यात्री के स्थान पर दूसरे यात्री के यात्रा करने एवं भ्रष्ट आचरण की सम्भावन बनी रहती है। अब, इसे रोका जा सकता है। लंबी अवधि के साथ कुछ लोगों द्वारा टिकट ब्लोकिंग की संभावना अधिक हो जाती है। छोटी अवधि वास्तविक यात्रियों द्वारा अधिक टिकट खरीदने को प्रोत्साहित करेगी। अवधि का सामान्य श्रेणी के टिकटों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है क्योंकि वे यात्रा से ठीक पहले खरीदे जाते हैं। कम निरस्तीकरण और नो-शो के कारण मांग की बेहतर दृश्यता के साथ, रेलवे पहले से ही अधिक विशेष ट्रेनों की योजना बना सकता है।
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रागौल रेलवे स्टेशन पर संरक्षा सेमिनार का आयोजन

आज दिनांक 17 सितंबर 2024 को मंडल रेल प्रबंधक झाँसी दीपक कुमार सिन्हा के मार्गदर्शन में रागौल रेलवे स्टेशन पर संरक्षा सेमिनार का आयोजन किया गया I उक्त संरक्षा संवाद के दौरान निम्न विषयों पर सघन चर्चा की गयी I
• सभी सम्बंधित स्टाफ को ट्रेन सञ्चालन से सम्बंधित विषयों पर जागरूक किया गया I
• फौगी सीजन के दौरान ट्रेन सञ्चालन में बरती जाने वाली सावधानियां I
• ट्रेन रोलिंग इन तथा रोलिंग आउट सम्बंधित निरीक्षण तथा BPC वैद्यता सम्बंधित जानकारी I
• शंटिंग तथा लोड स्टेबल करने के दौरान बरती जाने वाली सावधानियां I
• SPAD से सम्बंधित जानकारी I
• ट्रैक अनुरक्षण तथा नॉन-इंटरलॉक समपार फाटक के खोलने /बंद करने के दौरान बरती जाने वाली सावधानियां I
• स्टाफ हेतु बेहतर / पर्याप्त रेस्ट की व्यवस्था I
• OHE अनुरक्षण करने के दौरान बरती जाने वाली सावधानियां I
• जॉइंट निरीक्षण , पॉइंट तथा क्रासिंग के नाप सम्बंधित आवश्यक सूचना
• इंजीनियरिंग, ट्रैफिक तथा पॉवर ब्लाक के दौरान बरती जाने वाली सावधानियां I
सेमिनार के दौरान यातायात निरीक्षक, स्टेशन प्रबंधक , वरिष्ठ खंड अभियंता आदि सहित लगभग 30 लोगों ने भाग लिया I
(4)
मंडल रेल प्रबंधक द्वारा औचक रात्रि निरीक्षण कर परखी गयी कर्मचारियों की सतर्कता
दिनांक :16.10.24 को रात्रि में मंडल रेल प्रबंधक दीपक कुमार सिन्हा द्वारा औचक रूप से झाँसी मंडल के अति व्यस्त हाई स्पीड ट्रेन रूट वीरांगना लक्ष्मीबाई झाँसी से ग्वालियर के मध्य करारी स्टेशन का सघन निरीक्षण किया गया I उन्होंने स्टेशन के साथ करारी यार्ड का निरीक्षण किया तथा संरक्षा सम्बंधित सभी पहलुओं की परख की I इस दौरान उन्होंने ड्यूटी पर उपस्थित स्टाफ की मुस्तैदी तथा ज्ञान की परख भी की I सभी पहलुओं से पूर्णतः आश्वस्त होकर मंडल रेल प्रबंधक संतुष्ट हुए I
(5)
इलेक्ट्रिक लोको शेड में नवीनीकृत प्रोग्रेस प्लानिंग ऑर्गेनाइजेशन (पीपीओ) कक्ष का मंडल रेल प्रबंधक द्वारा उद्घाटन

आज दिनांक 17.10.2024 को झांसी मंडल के इलेक्ट्रिक लोको शेड में नवीकरण के बाद तैयार किए गए प्रोग्रेस प्लानिंग ऑर्गेनाइजेशन (पीपीओ) कक्ष का उद्घाटन मंडल रेल प्रबंधक श्री दीपक कुमार सिन्हा दिया गया. उन्होंने कक्ष का निरीक्षण कर वहां की सुविधाएं देखी. निरीक्षण उपरांत उन्होंने संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक की. उन्होंने बैठक में इलेक्ट्रिक लोको शेड के कार्यप्रणाली की समीक्षा की.

प्रोग्रेस प्लानिंग ऑर्गेनाइजेशन (पीपीओ) कक्ष में प्रतिदिन इलेक्ट्रिक लोको शेड में होने वाले कार्य की समीक्षा की जाती है. प्रतिदिन दो बैठक कर संबंधित दिवस पर किए जाने वाले कार्य और उसकी समीक्षा बैठक भी की जाती है. पूर्व में पीपीओ कक्ष के साउंड प्रूफ ना होने की वजह से बैठक में व्यवधान उत्पन्न होता था. इसके साथ ही डिजिटल डिसप्ले की गैर उपलब्धता से भी बैठक में समस्या होती थी.

उक्त समस्या को ध्यान में रखते हुए पीपीओ कक्ष के नवीकरण का कार्य शुरु किया गया. पीपीओ कक्ष में डबल लेयर ग्लास लगाकर उसे साउंड प्रूफ बनाया गया है. इसके साथ ही डिजिटल डिसप्ले की सुविधा भी कक्ष में स्थापित कर दी गई है. नवीनीकृत पीपीओ कक्ष में लोको की ऑनलाइन जानकारी, अनुरक्षण संबंधी गतिविधियां व स्लैम आधारित सॉफ्टवेर जिसके द्वारा ऑनलाइन लोको की उपकरण विफलता, संरक्षा सम्बन्धी क्रियाकलाप आदि सॉफ्टवेर चलाने के लिए डिजिटल मॉनिटर लगाये गए हैं.

इन सुविधाओं से इलेक्ट्रिक लोको शेड की प्रगति संबंधित बैठकें सुचारु रुप से संचालित की जा सकेंगी. इसके साथ ही इलेक्ट्रिक लोको शेड के कर्मचारियों को कार्यप्रणाली तथा सुरक्षा संबंधित जानकारी भी यहां आसानी से दी जा सकेगी.

मंडल रेल प्रबंधक द्वारा इलेक्ट्रिक लोको शेड में आइसोलेशन प्रक्रिया का भी जायजा लिया. उन्होंने संबंधित कर्मचारियों से प्रक्रिया से जुड़े सवाल पूछे. सिन्हा ने कर्मचारियों को मानक अनुसार निर्धारित संचालन प्रक्रिया का पालन करने के निर्देश दिया. इसके साथ ही इलेक्ट्रिक लोको शेड में चल रहे अन्य कार्यों की भी जानकारी ली गई.  सिन्हा द्वारा इलेक्ट्रिक लोको शेड में पौधरोपण भी किया गया.

इसके उपरांत डीआरएम सिन्हा द्वारा झांसी यार्ड में स्थित इलेक्ट्रॉनिक इन मोशन वे ब्रिज का निरीक्षण किया. उन्होंने कार्यप्रणाली के बारे में जानकारी ली. ट्रैक पर लगाए गए वे ब्रिज का सघन अवलोकन किया. वे ब्रिज के बेहतर क्रियान्वयन के लिए आवश्यक दिशानिर्देश दिया.

मंडल रेल प्रबंधक दीपक कुमार सिन्हा ने बताया कि पीपीओ कक्ष नवीकरण के उपरांत बेहतर हो गया है. कक्ष में सभी आधुनिक सुविधाएं लगाई हैं. अब यहां होने वाली बैठकें शांतिपूर्ण माहौल में हो सकेंगी. कर्मचारियों को सुरक्षा तथा कार्यप्रणाली से जुड़ी जानकारी भी यहां ऑडियो विजुअल माध्यम से दी जा सकेगी. इससे इलेक्ट्रिक लोको शेड में होने वाला कार्य सुचारू रुप से हो सकेगा.
इस अवसर पर वरिष्ठ मंडल विधुत अभियंता (आर.एस) एन.के. मिश्र, वरिष्ठ मंडल विधुत अभियंता (समन्वय) आशुतोष चौरिसिया, वरिष्ठ मंडल विधुत अभियंता (कर्षण) मयंक शांडिल्य, वरिष्ठ मंडल विधुत अभियंता (परिचालन) शिवम श्रीवास्ताव आदि उपस्थित रहे.
(6)
भारत सरकार के कार्मिक मन्त्रालय एवं रेलवे बोर्ड के निर्देशानुसार सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को मिशन कर्मयोगी के तहत IGot Portal पर आनलाइन प्रशिक्षण प्राप्त करना अनिवार्य है। मिशन कर्मयोगी के तहत सम्पूर्ण भारत के केन्द्रीय और राज्य कर्मचारी आनलाईन प्रशिक्षण ले रहे हैं। इस कड़ी में उत्तर मध्य रेलवे के महाप्रबन्धक उपेन्द्र चन्द्र जोशी महोदय के निर्देशानुसार इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए प्रधान मुख्य कार्मिक अधिकारी अनुराग त्रिपाठी के द्वारा अपने अधीनस्थ अधिकारियों के नेतृत्व में एक विस्तृत योजना बनायी गयी और मण्डल एवं वर्कशापों को इस सम्बन्ध में उचित दिशा निर्देश दिया गया कि समस्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों को मिशन कर्मयोगी के तहत IGot पोर्टल पर सम्पूर्ण कोर्स करने के लिए प्रेरित करें।
मिशन कर्मयोगी IGot के तहत सितम्बर माह में सम्पूर्ण भारत के केन्द्रीय कार्यालयों एवं कुछ राज्यों के कार्यालय में उत्तर मध्य रेलवे को प्रथम स्थान प्राप्त होने का गौरव प्राप्त हुआ है। इसका श्रेय महाप्रबन्धक उपेन्द्र चन्द्र जोशी महोदय एवं प्रधान मुख्य कार्मिक अधिकारी अनुराग त्रिपाठी के सराहनीय प्रयास को जाता है जिनके मार्गदशन में उत्तर मध्य रेलवे को प्रथम स्थान प्राप्त होने का गौरवशाली क्षण मिला है।