विषय-विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान माह अप्रैल (01 अप्रैल से 30 अप्रैल तक 2023) के तहत चूहो से करे फसलों की सुरक्षा।
जिला कृषि रक्षा अधिकारी द्वारा अवगत कराया गया है कि किसान चूहा और छछूंदर से कई घातक रोक जैसे स्क्रव टाइफस, प्लेग ,प्लेग फैलता है। साथ ही इनसे हमारी फसल एवं भण्डारित अनाज की क्षति होती है। अतः इन्हें नियंत्रित करना अति आवश्यक है । किसान भाई अनाज का भण्डाण पक्के कंकरीट या धातु से बने पात्र मे करें। खेतों का समय.समय पर निरिक्षण करते रहे ए खेतों में मेड़ों की साफ.सफाई करते रहे। चूहे के प्राकृतिक शत्रु जैसे बिल्ली, उल्लू, लोमड़ी बाजए चमगादड़ आदि को संरक्षण देना चाहिएए जिससे यह नियंत्रित हो सके चूहे दानी का प्रयोग करेए घरों में ब्रोमोडियोलान 0.005 प्रतिशत के बने चारें की 10 ग्राम मात्रा प्रत्येक जिन्दा बिल में रखने से चूहे इसे खाकर मर जाते हैं। एल्यूमिनियम फास्फाइड की 3.4 ग्राम मात्रा प्रत्येक जिन्दा बिल में रखने से चूहे फास्फीन गैस से मर जाते है।
चूहा बहुत चालाक प्राणी है इसकों ध्यान में रखते हुये 6 दिवासीय योजना बनाकर इसे आसानी से नियंत्रित किया जा सकता है।
पहला दिन- खेत की निगरानी करे तथा जितने चूहे के बिल है उसे बन्द करते हुए पहचान हेतु लकडी के डन्डे गाड दे।
दूसरा दिन- खेत मे जाकर बिल की निगरानी करे जो बिल बन्द हो वहा से गडे हुए डन्डे हटा दे जहा पर बिल खुल गये हो वहा पर डन्डे गडे रहने दे। खुले बिल में एक भाग सरसो का तेल एंव 48 भाग भुने हुए दाने का बिना जहर का बना हुआ चारा बिल में रखे।
तीसरा दिन- बिल की पुनः निगरानी करे तथा बिना जहर का बना हुआ चारा पुनः बिल में रखे।
चैथा दिन- जिंक फास्फाइड 80 प्रतिशत की 10 ग्राम मात्रा को 10 ग्राम सरसो का तेल एंव 380 ग्राम भुने हुए दाने में बनाये गये जहरीले चारे की लगभग 10-10 ग्राम मात्रा को प्रत्येक बिल मे रखें ।
पांचवा दिन- बिल को पुनः बन्द कर दे तथा मरे हुए चूहो को जमीन में खोदकर दबा दे ।
छठा दिन- बिल को पुनः बन्द कर दे तथा अगले दिन यदि बिल खुल जाये तो इस साप्ताहिक कार्यक्रम को पुनः अपनाये।
ध्यान रहे रसायन का प्रयोग करते समय दस्ताने पहनें। रसायनों को बच्चों व जानवरों की पहुँच से दूर रखें। मरें चूहों को सावधानी पूर्वक मिट्टी में दबा दें। दवा के प्रयोग के दौरान घर में रखें खाघ्य सामग्री को अच्छी तरह से ढक दें।
चूहा बहुत चालाक प्राणी है इसकों ध्यान में रखते हुये 6 दिवासीय योजना बनाकर इसे आसानी से नियंत्रित किया जा सकता है।
पहला दिन- खेत की निगरानी करे तथा जितने चूहे के बिल है उसे बन्द करते हुए पहचान हेतु लकडी के डन्डे गाड दे।
दूसरा दिन- खेत मे जाकर बिल की निगरानी करे जो बिल बन्द हो वहा से गडे हुए डन्डे हटा दे जहा पर बिल खुल गये हो वहा पर डन्डे गडे रहने दे। खुले बिल में एक भाग सरसो का तेल एंव 48 भाग भुने हुए दाने का बिना जहर का बना हुआ चारा बिल में रखे।
तीसरा दिन- बिल की पुनः निगरानी करे तथा बिना जहर का बना हुआ चारा पुनः बिल में रखे।
चैथा दिन- जिंक फास्फाइड 80 प्रतिशत की 10 ग्राम मात्रा को 10 ग्राम सरसो का तेल एंव 380 ग्राम भुने हुए दाने में बनाये गये जहरीले चारे की लगभग 10-10 ग्राम मात्रा को प्रत्येक बिल मे रखें ।
पांचवा दिन- बिल को पुनः बन्द कर दे तथा मरे हुए चूहो को जमीन में खोदकर दबा दे ।
छठा दिन- बिल को पुनः बन्द कर दे तथा अगले दिन यदि बिल खुल जाये तो इस साप्ताहिक कार्यक्रम को पुनः अपनाये।
ध्यान रहे रसायन का प्रयोग करते समय दस्ताने पहनें। रसायनों को बच्चों व जानवरों की पहुँच से दूर रखें। मरें चूहों को सावधानी पूर्वक मिट्टी में दबा दें। दवा के प्रयोग के दौरान घर में रखें खाघ्य सामग्री को अच्छी तरह से ढक दें।