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स्वच्छता के नाम पर लाखों रुपए बहाने के बावजूद भी शोपीस बनकर रह गए हैं सुलभ शौचालय:रिपोर्ट-मुबीन खान

गरौठा झांसी

लाखों रुपए खर्च करने के बाद भी सुलभ शौचालय के डिब्बे शोपीस बनकर रह गए हैं नहीं करता कोई उपयोग

ग्रामीण एडिटर धीरेंद्र रायकवार

लाखों रुपए खर्च करने के बाद भी नगर पंचायत के बाथरूम वाले डिब्बे सिर्फ शोपीस बनकर रह गए हैं नगर पंचायत गरौठा मैं स्वच्छ अभियान के तहत लाखों रुपए खर्च करने के बाद शौचालय वाले डिब्बे मंगाए गए थे लेकिन इतने पैसे खर्च होने के बाद भी इनका उपयोग नहीं किया जा रहा है क्योंकि जहां जहां पर यह डिब्बे रखे हुए हैं वह आड़े-तिरछे टेढ़े-मेढ़े झुके हुए रखे हैं न ही उनमें पानी की सुविधा है और कुछ तो ऐसी जगह पर भी रखे हैं जहां पर पहले से बाथरूम बनी है और कोतवाली के बगल में दो सुलभ शौचालय के डिब्बे रखे हुए हैं वो बहुत ज्यादा झुके हुए हैं उपयोग करने वाले लोग गिर भी सकते हैं और पीपल के वृक्ष के नीचे रखे होने के कारण नागरिक उनका उपयोग नहीं करते क्योंकि पुरानी मान्यताओं के अनुसार पीपल के वृक्ष के नीचे बाथरूम करना अशुभ माना जाता है नागरिकों के लिए जो शौचालय लगाए गए हैं हैं जो आज तक सही तरीके से न रखने के कारण उन्हें कोई भी उपयोग नहीं करता क्योंकि वह ऐसे ही जमीन पर रख दिए गए हैं और जो टेढ़े-मेढ़े रखे हुए हैं लाखों रुपए खर्च करने के बाद भी सिर्फ दिखावे के लिए रखे हैं और कुछ कोई ऐसी जगह पर भी रखे हैं जहां पर आम इंसान का आवागमन बहुत कम है और न ही उनमें पानी की सुविधा ह और कुछ सुलभ शौचालय के डिब्बे गोदाम में पड़े हुए हैं क्योंकि उन्हें रखने के लिए नगर में जगह ही नहीं है वहीं सूत्रों की मानें तो इसमें भी लाखों रुपए की हेराफेरी की गयी थी और कई बार इसकी शिकायत भी की गई लेकिन इसका परिणाम आज तक ना निकला है न ही शासन ने इस ओर ध्यान दिया इसकी खबरें भी कई बार प्रकाशित की जा चुकी हैं फिर भी यह समस्या जस की तस बनी हुई है क्या इस पर सुनवाई होगी या नहीं या ऐसे ही कमीशनखोरी चलती रहेगी अगर इसकी सही जांच कराई जाए तो इसमें लाखों रुपए की कमीशनखोरी की बात सामने आ जाएगी

रिपोर्ट मुबीन खान गरौठा

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