ग्रामीण एडिटर ब्यूरो धीरेन्द्र रायकवार
अब कैसे हो किसान की बेटी के हाथ पीले….?
मऊरानीपुर (झांसी) अन्नदाता किसान कभी आसमानी दैवीय आपदा में झुलस रहा है तो कभी उन पर जमीन के साहबों की गाज गिर रही है,ऐसे ही एक मामले में निरक्षर किसान ने बताया कि उसकी बेटी की शादी के महज बारह दिन शेष है हाथ पीले करने के लिये आज जब वह अपने के.सी.सी. खाते से रुपये निकालने गया तो बैंक प्रबंधन ने खाते से लेनदेन पर रोक लगा दी, जबकि रुपयों की सख्त जरुरत है।
उपजिलाधिकारी से मामले में तत्काल हस्तक्षेप कर उसके खाते से रुपये निकलवाने के लिये बैंक को आदेशित करने के लिये दिये पत्र में बताया कि उसका खाता भाई के साथ सयुंक्त है व नियमित लेन देन से खाता सही चलने के बाद भी रोक लगा देने से वह सदमें में आ गया।
ग्राम चितावद निवासी जलबिहारी पुत्र हल्ले ने बताया कि उसका के.सी.सी. कार्ड भाई रामकुवंर के साथ सयुंक्त रुप से स्थानीय सैंट्रल बैंक में है एवं खाता लगातार सुचारु चल रहा हैं, बताया कि आगामी 23 जून को उसकी पुत्री सोमवती की शादी है।
जिसके कार्ड छपकर बांट दिये गये, शादी में अन्य खर्चो के चलते रुपयों की जरुरत होने पर आज वह बैंक आया व रुपया निकालने का फार्म भरकर दिया लेकिन बैंक प्रबंधन ने कारण बताये बिना खाते से रुपये निकालने पर रोक लगा दी, जिससे शादी के इंतजाम अधूरे रह गये।
चिंतित किसान जलबिहारी ने उप जिलाधिकारी के नाम दिये पत्र में आरोप लगाया कि बैंक द्वारा जबरन उसका उत्पीडन किया जा रहा है यदि रुपये नही मिलते है तो शादी में परेशानी आ सकती हैं, अन्नदाता किसान ने बेटी के हाथ पीले करने के लिये बैंक खाते से रुपये दिलवाने की मांग की।
रिपोर्ट- भूपेन्द्र गुप्ता